- जरूरी नहीं होने पर भी लोग बजाते हैं गाडि़यों का हॉर्न

- तेज आवाज के लिए मॉडिफाइड साइलेंसर भी जिम्मेदार

- सनसनाहट के साथ ही परमनेंट बहरापन का हो सकते हैं शिकार

GORAKHPUR: गोरखपुराइट्स को जाम बहरा बना रहा है। इससे निकलने वाले साउंड लोगों के लिए मुश्किलें पैदा कर रहे हैं। हालत यह हो गई है कि जाम में फंसने की वजह से लोगों के सुनने की ताकत कम होती जा रही है। इसकी वजह है प्रेशर हॉर्न और मॉडिफाइड बाइक जिनसे निकलने वाली आवाजें लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही है। हालत यह हो गई है कि लोग परेशान हैं और लगातार बीमारी की चपेट में आकर डॉक्टर के क्लीनिक तक पहुंच रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी 40 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को हो रही है। डॉक्टर्स की मानें तो इस उम्र में कानों की नसें कमजोर हो जाती हैं, जिसकी वजह से तेज आवाज परेशानी बढ़ा सकती है।

नहीं हो पाएगी रिकवरी

कानों से कम सुनने या सनसनाहट की शिकायत देखने और सुनने में तो छोटी सी प्रॉब्लम लगती है। मगर अगर देखा जाए, तो यह जिंदगी भर का दर्द भी दे सकती है। डॉक्टर्स की मानें तो लॉन्ग टर्म अगर एवरेज से ज्यादा डेसीबेल साउंड हमारे कानों तक पहुंच रही है, तो इस कंडीशन में आदमी बहरेपन का शिकार हो सकता है। एक लिमिट से ज्यादा लाउड स्पीकर का शोर चंद सेकेंड में परमनेंट बहरा बना सकता है। यही नहीं, तत्काल दवा-इलाज से कुछ पॉसिबिल्टी है, लेकिन अगर देर हो गई, तो रिकवरी भी पॉसिबल नहीं है।

हल्के में ना लें परेशानी

सामने का सीन साफ नजर आ रहा है, लेकिन आवाज क्लीयर नहीं है। माहौल शांत होने के बाद कानों में हवाओं के चलने जैसी सनसनाहट। भीड़ और जाम में हॉर्न के शोर से इरिटेशन, अगर इनमें से कोई भी परेशानी है, तो आपको बिल्कुल लाइटली लेने की जरूरत नहीं है। आपकी थोड़ी सी भी लापरवाही आपको जिंदगी भर के लिए बहरा बना सकती है। ऐसा इसलिए कि मौजूदा वक्त में बाजार का शोर लोगों के सुनने की ताकत को कम कर रहा है। डेली डॉक्टर्स के पास इन दिनों कम सुनने की शिकायत के दर्जनों केस पहुंच रहे हैं। अगर आप भी इस तरह की बीमारी का शिकार हो रहे हैं तो तत्काल डॉक्टर को दिखाकर सलाह लें।

प्रिवेंशन

- गाड़ी चलाने के दौरान हॉर्न का कम इस्तेमाल करें।

- स्पीकर को लाउड न बजाएं।

- ईयर प्लग्स यूज करें।

- दो घंटे से ज्यादा हाई वॉल्यूम में गाना न सुनें।

- प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल न करें।

क्या हो सकती है प्रॉब्लम

- मेंटल हरासमेंट

- बोलने पर साफ सुनाई न देना

- फोन पर आवाज न आना

- आवाज क्लीयर न होना

- रात में सनसनाहट होना

यह भी जानें

- 20 से 30 डेसीबेल है कानों के सुनने की क्षमता

- 60 से 70 डेसीबेल के होते हैं प्रेशर हॉर्न

- बोलने में 30 डेसीबेल की निकलती है आवाज

- 70 से 80 डेसीबेल दो घंटे से ज्यादा सुनने से हो सकते हैं बहरे

वर्जन

प्रेशर हॉर्न के साथ तेज आवाज तत्काल बहरा बना सकती है। इसका इलाज नहीं किया गया, तो प्रॉब्लम हो सकती है। शब्दों का स्पष्ट न सुनाई देना, कानों में सनसनाहट भी बहरेपन के लक्षण हैं।

- डॉ। केतन अग्रवाल, ईएनटी स्पेशलिस्ट

Posted By: Inextlive