'जो भी डयूटी पर हैं. वो जल्द लेफ्ट लेन खाली कराएं एम्बुलेंस को जाने दें आगे से हटें. तुरंत हटाओ गंभीर मरीज एम्बुलेंस से आ रहा है.Ó जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज तक जितने भी चौराहे थे वहां पर आईटीएमएस के लगे स्पीकर से इसी तरह की आवाजें बुधवार को अचानक आने लगीं. कुछ लोग तो खुद से लेफ्ट लेन खाली करने लगे. वहीं कुछ को एक्टिव होकर ट्रैफिक पुलिस ने हटाया और एम्बुलेंस का रास्ता क्लियर किया. इमरजेंसी में कम समय में जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज तक एम्बुलेंस पहुंंचाने के लिए बुधवार को प्रतीकात्मक ग्रीन कॉरिडोर स्कीम की मॉकड्रिल की गई. बुधवार को यूपी 32 ईजी 4464 नंबर की एम्बुलेंस को जिला अस्पताल से दोपहर 1.45 बजे बीआरडी पहुंचाने के लिए निकाला गया. मेडिकल कॉलेज तक पहुचाने में कुल 13 मिनट का समय लगा. जिस समय यह एम्बुलेंस चौक-चौराहों से निकली तो लेफ्ट लेन पूरी तरह से खाली हो गईं और जिंदगी को बचाने ट्रैफिक थम सा गया.


गोरखपुर (ब्यूरो)। इस ग्रीन कॉरिडोर में एम्बुलेंस सेवा के जिला प्रभारी प्रवीण ने जिला चिकित्सालय से मेडिकल कालेज के मार्ग में पडऩे वाले शहर के विभिन्न थाने व चौकियों को भी इसमे जोड़ा और उन्हें इसकी सूचना दी। इस रास्ते से निकली एम्बुलेंससभी के सहयोग से एम्बुलेंस को निश्चित जगह तक चिन्हित मार्ग के लेफ्ट लेन को खाली कराते हुए जिला अस्पताल से कचहरी चौराहा, जटेपुर पुलिस चौकी, गणेश चौराहा, काली मन्दिर तिराहा, असुरन पुलिस चौकी, असुरन चौराहा, थाना शाहपुर, खजांची चौराहा, पुलिस चौकी मेडिकल कॉलेज से बीआरडी तक पहुंचाया गया। प्रतीकात्मक ग्रीन कॉरिडोर की प्लानिंग एसएसपी के निर्देशन में एसपी ट्रैफिक द्वारा तैयार की गई। स्थानीय स्तर पर इसका नेतृत्व टीआई मनोज कुमार राय, श्यामानन्द राय, विनोद कुमार एवं उपनिरीक्षक राहुल राव समेत ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों द्वारा किया गया। ग्रीन कॉरिडोर परियोजना का उद्देश्य


ग्रीन कॉरिडोर परियोजना का उद्देश्य चिकित्सीय उपचार को समय से अवेलेबल कराना है। जिससे सड़क पर जाम की कंडीशन में इमरजेंसी हालत में किसी का जीवन बचाया जा सका। पहले जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज तक पहुंचने में 50 मिनट तक का समय लग जाया करता था। इस पहल से इमरजेंसी में कम समय में एम्बुलेंस मेडिकल कॉलेज तक पहुंच जाएगी। गोल्डन ऑवर मेें ग्रीन कॉरिडोर व्यवस्था

बीते मंगलवार को पुलिस अधिकारियों ने ग्रीन कॉरिडोर को लेकर एम्बुलेंस सेवा 108, 102 के ऑपरेटर्स के साथ मीटिंग की थी। इसमें बताया गया था कि जो भी मरीज गंभीर हालत में हों। उनको गोल्डेन ऑवर में मेडिकल कॉलेज पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर की व्यवस्था कर एम्बुलेंस को यातायात पुलिस एवं जिला पुलिस के सहयोग से रास्ता देते हुए मेडिकल तक पहुंचाएंगे। ऑपरेटर एंबुलेंस में लगे पीए सिस्टम व नगर निगम स्थित आईटीएमएस के हेल्पलाइन नंबर 8081 व 208538 पर संपर्क कर केस के संबंध में अवगत कराते हुए वाहन चालक व वाहन का नंबर बताते हुए, वाहनों में पहचान के लिए विशेष रूप से झंडा या टॉर्च का प्रयोग करते हुए मेडिकल कॉलेज के लिए जाएंगे। एंबुलेंस चालक को यह भी बताया गया कि जब भी वह कोई भी इमरजेंसी केस लेकर चलते हैं तो वह विशेषकर बाई लेन को ही पकड़ कर चौराहे पर पहुंचें, जिससे कि चौराहे पर आसानी से उनको पार कराया जा सके। जुलूस एवं त्योहार के समय इमरजेंसी केस को लेकर विपरीत दिशा में भी चलकर सदर अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज ले जा सकेंगे।

ग्रीन कॉरिडोर में के लिए नगर निगम द्वारा इमरजेंसी में आपातकालीन वाहनों की जानकारी सभी चौराहों को पीए सिस्टम द्वारा दी जाती है। ड्यूटी पर लगे अधिकारी एवं कर्मचारी को अलर्ट कर उस वाहन की सूचना संबंधित थाना और चौकी को भी दी जाती है। जिससे इमरजेंसी में कम समय में निर्धारित स्थान तक पहुंचा जा सके।डॉ। एमपी सिंह, एसपी ट्रैफिक

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