GORAKHPUR : ग्रेजुएशन में एडमिशन के लिए इन दिनों जबरदस्त खेल चल रहा है. यह खेल कोई और नहीं बल्कि स्टूडेंट लीडर्स कर रहे हैं. डीडीयू में ग्रेजुएशन में एडमिशन के लिए लगभग सभी स्ट्रीम की मेरिट लिस्ट जारी हो चुकी है. एडमिशन प्रोसेज भी लगभग कंप्लीट हो चुके हैं. उसके बाद भी स्टूडेंट लीडर्स एडमिशन कराने का बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं. इन दावों की पोल खोलने के लिए जब आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने स्टिंग किया तो चौकाने वाले कई मामले सामने आए.


सपना होता है डीडीयू में एडमिशनगोरखपुर में रहने वाले हर स्टूडेंट का सपना होता है कि वह 12 वीं के बाद डीडीयू में पढ़ाई करे। लेकिन स्टूडेंट्स का सपना उस वक्त चूर-चूर हो जाता है जब वह मेरिट लिस्ट में अच्छे माक्र्स नहीं प्राप्त करता है। ऐसे ही मायूस स्टूडेंट्स को स्डूटेंड्स लीडर्स शिकार बनाते हैं। वे उनसे एडमिशन के बड़े-बड़े वादे और दावे करते हैं। भले ही वे डीडीयू में एडमिशन न करा सकें, लेकिन सिटी के अन्य डिग्री कॉलेज में एडमिशन का दावा जरूर करते हैं। इनके खोखले दावों को हकीकत मानकर स्टूडेंट्स अपने माता पिता की गाढ़ी कमाई दांव पर लगा देते हैं।तो डीएवी है ना


डीडीयू, सेंट एंड्रयूज डिग्री कॉलेज, डीवीएनपीजी में जब एडमिशन नहीं हो पाते तो स्टूडेंट्स डीएवी डिग्री कॉलेज में एडमिशन का दावा करते हैं। जबकि ऐसा नहीं है क्योंकि हर डिग्री कॉलेज में मेरिट बेसिस पर एडमिशन होती हैं। एडमिशन का दावा करने वाले एक स्टूडेंट्स लीडर चौंकाने वाला खुलासा किया कि डीएवी डिग्री कॉलेज में कॉलेज प्रशासन की कम और स्टूडेंट्स लीडर की ज्यादा चलती है। यही वजह है कि यहां डंके की चोट पर एडमिशन होते हैं।टीचर्स कोटे पर एडमिशन का करते हैं दावा

अपने को डीडीयू का स्टूडेंट लीडर्स का दावा करने वाले लीडर्स ग्रेजुएशन में एडमिशन के लिए कोटे का आधार बनाते हैं। इनके लिए सबसे ईजी टीचर्स कोटा होता है। इसके अलावा फ्रीडम फाइटर, एनसीसी आदि सर्टिफिकेट पर एडमिशन कराने के झूठे दावे करते हैं। जबकि एडमिशन का आधार कोटा नहीं होता है।इलेक्शन के लिए कलेक्ट कर रहे पैसे डीडीयू में स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन की जानकारी अब तक न तो यूनिवर्सिटी एडिमिस्ट्रेशन को है और ना ही स्टूडेंट लीडर को, लेकिन स्टूडेंट्स ने अभी से ही चुनाव लडऩे की तैयारी शुरू कर दी है। चुनाव में खर्च होने वाले रुपए को कलेक्ट करने के लिए स्टूडेंट लीडर्स ने रुपए कमाने के लिए एडमिशन में कमीशन प्रोसेज अपनाया है। '8200 रुपए में एडमिशन करा दूंगा'आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जब ऐसे स्टूडेंट्स लीडर्स की तलाश की तो एक शख्स मनीष जायसवाल का नाम सामने आया। मनीष ने बताया कि वह डीडीयू का निलंबित स्टूडेंट है। फिर भी उसने एडमिशन का कराने के बड़े बड़े दावे किए। यह कोई एक स्टूडेंट लीडर की बात नहीं है। बल्कि कई ऐसे स्टूडेंट लीडर्स हैं लास्ट इयर निलंबित कर दिए गए हैं। फिर भी वह अपने को डीडीयू का स्टूडेंट बताते हैं। रिपोर्टर और स्टूडेंट लीडर के बीच मोबाइल फोन पर बातचीत-

रिपोर्टर - हैलोमनीष जायसवाल से बात हो रही है।स्टूडेंट लीडर - हां। बोल रहा हूं। आप कौन ?रिपोर्टर - अमरेंद्र। स्टूडेंट लीडर - हां, बताइए।रिपोर्टर - मुझे यूनिवर्सिटी में बीए में एडमिशन लेना है।  स्टूडेंट लीडर - यूनिवर्सिटी में एडमिशन तो क्लोज हो गया है।रिपोर्टर - किसी तरह से एडमिशन करा दीजिए।स्टूडेंट लीडर - मेरिट लिस्ट निकलने से पहले बताना चाहिए था। रिपोर्टर - मुझे नहीं मालूम था। स्टूडेंट लीडर - मेरिट में कितने माक्र्स थे?रिपोर्टर - 60 नंबर मिला था।स्टूडेंट लीडर - किस क्लास में एडमिशन लेना है? रिपोर्टर - बीए प्रीवियस में। स्टूडेंट लीडर - कैटेगरी क्या है?रिपोर्टर - जनरल। स्टूडेंट लीडर - चलिए शाम को धर्मशाला चौराहे पर मिलिएगा। रिपोर्टर - भइया किसी तरह एडमिशन करा दीजिए। कुछ रुपए पैसे भी लगे तो भी दे देंगे। स्टूडेंट लीडर- देखिए किसी के चक्कर में मत पडि़एगा। बहुत लोग ऐसे मिलेंगे। जो एडमिशन का दावा करेंगे। रिपोर्टर - ठीक है भइया। स्टूडेंट लीडर - डीडीयू में तो नहीं लेकिन डीएवी डिग्री कॉलेज में एडमिशन हो जाएगा। रिपोर्टर - ठीक उसी में करा दीजिए। स्टूडेंट लीडर- डीएवी में एडमिशन के लिए करीब 8200 रुपए लगेंगे।रिपोर्टर- भइया, फीस कितनी फीस देनी होगी?
स्टूडेंट लीडर - करीब 3300-3500 रुपए एडमिशन फीस लगेगी। इसकी रसीद मिलेगी और बाकी टीचर को डोनेशन देनी होगी।रिपोर्टर - कुल हमें कितना देना होगा?स्टूडेंट लीडर - कुल 8200 रुपए लगेगा। रिपोर्टर - 3300 की रसीद और फीस 8200?स्टूडेंट लीडर - देखिए फीस इसलिए इतना लग रहा है क्योंकि शिक्षक कोटे से आपका एडमिशन होगा। इसलिए इतना देना पड़ेगा। रिपोर्टर - ठीक है। मेरा एडमिशन हो जाएगा ना? स्टूडेंट लीडर - हां हो जाएगा। लेकिन डॉक्यूमेंट्स जरूर साथ लाइएगा। बाद में कोई लफड़ा न हो। रिपोर्टर - ठीक है।नोट - रिपोर्टर और स्टूडेंट लीडर (मनीष जायसवाल) के बीच हुए बातचीत की रिकार्डिंग आई नेक्स्ट के पास है।For your informationडीडीयू एक्सपर्ट की माने तो एडमिशन के लिए न तो किसी कर्मचारी के चक्कर में पड़े और ना ही कि स्टूडेंट लीडर्स के। आपके द्वारा दिए गए डोनेशन से हो सकता है आपका एडमिशन न हो और आपका पैसा डूब जाए। सिटी में बहुत से ऐसे लोग हैं जो एडमिशन के नाम पर पर बड़े-बड़े दावे करते हैं और मोटी रकम वसूलते हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहे।
डीडीयू में एडमिशन प्रोसेज ऑन लाइन है। अगर कोई कहीं से एडमिशन कराने के दावा करता है तो ऐसे लोगों से स्टूडेंट्स को सावधान रहना चाहिए। प्रो। पीसी त्रिवेदी, वीसी, डीडीयू गोरखपुर

Posted By: Inextlive