Gorakhpur : 'मेरा चांद मुझे आया है नजर...' ये लाइन वैसे तो एक फिल्म के गाने की है मगर ट्यूजडे को कुछ ऐसे ही ख्याल हर शादीशुदा महिला के दिल में थे. वे सुबह से ही सजने-संवरने में लगी थी क्योंकि मौका था करवाचौथ का. पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं व्रत तो आज थी पर पूजा के साथ उनके सजने की तैयारी पिछले कई दिन से चल रही थी. दुल्हन की तरह सजी महिलाएं एक साथ दो चांद के दीदार को बेताब थी. एक आसमान पर चमकने वाला चांद तो दूसरा उनके जीवन को चमकाने वाला चांद.


तेरे हाथ से पीकर पानी, दासी से बन जाऊं रानीकरवाचौथ को लेकर वैसे तो सभी महिलाएं काफी खुश थी, मगर नवविवाहिताओं में खासा उत्साह रहा। निर्जल व्रत रहकर महिलाओं ने रात होते ही चंदा से अपने सजना की लंबी उम्र मांगी। ट्यूजडे को करवाचौथ व्रत की सुबह से ही तैयारियां होती रहीं। दिनभर तैयारियों में बिजी रहीं महिलाओं ने फास्ट रखकर चांद के निकलने का बेसब्री से इंतजार किया। आसमान में चांद निकलते ही सज संवरकर महिलाओं ने पूजन किया। चलनी से चांद को निहारा और अपने सजना की लंबी उम्र की दुआ मांगी। किसी ने अपनी सास के साथ विधिवत पूजन किया तो किसी ने घर में जेठानी और देवरानी के साथ। गुरुद्वारा में भी महिलाओं ने एक साथ करवाचौथ की पूजा की।

Posted By: Inextlive