क्यों न चलाएं अपनी गाड़ी? जब व्यवस्था नहीं सरकारी!
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में ठूंस-ठूंस कर भरते हैं सवारी
Gorakhpur@inext.co.in
GORAKHPUR: तेल के दाम से इस वक्त पब्लिक परेशान है। रोजाना बढ़ रही कीमतों ने उनका बजट बिगाड़कर रख दिया है। वहीं पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कमी उनको इस बोझ को सहने के लिए मजबूर कर रही है। शहर में कुछ चुनिंदा इलाकों को छोड़ दिया जाए, तो लोगों के पास घर पहुंचने के कोई इंतजाम नहीं हैं। दुश्वारियों के बीच लोगों को अपना व्हीकल रखना जरूरी है, जिसस उनको तेल के मद में एक्स्ट्रा खर्च का बोझ सहना मजबूरी है। लोग अपनी गाड़ी क्यों न बाहर निकालें, इसका जवाब न तो शासन के पास है और न प्रशासन के पास। यही वजह है कि सड़कों पर गाडि़यों की तादाद लगातार बढ़ रही है और इससे फ्यूल कंजप्शन और जेब पर बोझ भी बढ़ने लगा है।
नहीं है पब्लिक ट्रांसपोर्ट
गोरखपुर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बात करें तो कुछ चुनिंदा रूट्स को छोड़कर यहां इसकी कोई व्यवस्था नहीं है। चुनिंदा रूट्स पर भी सिर्फ ऑटो दौड़ लगाते हैं, जोकि ऑलमोस्ट फुल होकर ही दौड़ते हैं। जिससे गर्मी के दिनों में कोई इस ठूसम-ठूस में बैठने की हिम्मत नहीं कर पाता है। काफी अरसे से शहर में सिटी बस चलाने की कवायद चल रही है, लेकिन यह व्यवस्था कब हकीकत में बदलेगी, लोगों को अब तक इसका इंतजार है। सिटी बस के जरिए लोग अपनी गाडि़यां घर छोड़कर ही सफर करते और शहर में पॉल्युशन लेवल कम होने के साथ ही तेल की भी काफी बचत होती।
गोरखपुर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की काफी कमी है, जिसकी वजह से लोगों को अपनी गाड़ी लेकर निकलना पड़ता है। इससे उनकी जेब पर बोझ तो बढ़ेगा ही। - प्रतीक त्रिपाठी, टीचरअगर जिम्मेदार सहूलियत दें, तो कोई क्यों तेल बर्बाद करेगा। इससे पॉल्युशन तो कम होगा ही, वहीं लोगों के पैसे की भी बचत होगी। जिम्मेदारों को इस पर सोचना चाहिए।- रितु, हाउस वाइफसिटी में कुछ रूट्स पर तो ऑटो चलते ही नहीं हैं। रिक्शा वाले थोड़ी दूर का मनमाना किराया मांगते हैं, जिससे लोगों को खुद ही इंतजाम करके चलना पड़ता है।- गौरव सिंह, प्रोफेशनल
गोरखपुर में जिन रूट्स पर ऑटो चलते हैं, उस पर इतनी भीड़ रहती है कि कोई हिम्मत नहीं जुटा पाता। जब तक मजबूरी न हो, कोई ऑटो में बैठने की सोचेगा भी नहीं।
- प्रतीक्षा, एजुकेशनिस्ट ऐसे हो सकती है पेट्रोल की बचत - टायर में एयर प्रेशर नॉर्मल रखें। हवा की कमी से तेल की खपत एक परसेंट बढ़ जाती है।- गाड़ी की रफ्तार 45-55 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच रखें। 80 से 100 की स्पीड रखने पर खपत 30 परसेंट तक बढ़ जाती है।- गाड़ी की टाइमली सर्विस कराएं, क्योंकि गाडि़यों के घूमने वाले हिस्सों जैसे गियरबॉक्स और इंजन को लुब्रिकेशन की जरूरत होती है, सर्विस के बाद इससे माइलेज बढ़ता है।- अगर आप 10 सेकेंड से ज्यादा कहीं रुके हैं, तो फौरन इंजन ऑफ कर दें। इस गलतफहमी में न रहें कि दोबारा इंजन स्टार्ट होने से ज्यादा फ्यूल खर्च होगा।- जहां क्लच की जरूरत न हो, वहां इसका इस्तेमाल न करें, इससे ज्यादा फ्यूल खर्च होता है। इंजन पर ज्यादा जोर न पड़े, इसलिए गाड़ी चलाते वक्त लोअर गियर का इस्तेमाल करें।- गैरजरूरी एसेसरीज से बचें। गाड़ी पर 50 किलो का वजन कम करने से दो फीसद फ्यूल की बचत होती है।- तेल की टंकी कभी खाली न होने दें। बिल्कुल खाली टंकी में पेट्रोल उड़ने के चांस काफी ज्यादा रहते हैं।- सिर्फ एसी चलाने से 10 फीसद एक्स्ट्रा पेट्रोल खर्च हो जाता है।