शताब्दी और जनरथ में यात्रा भूल जाइए
- भीषण गर्मी में बसों में एसी न चलने की वजह से पैसेंजर्स की यात्रा से तौबा
- लॉकडाउन से पहले जहां एसी बसों में डेली सैकड़ों पैसेंजर्स करते थे यात्रा, अब कतरा रहे लोग GORAKHPUR: अनलॉक-1 में सड़कों पर लौटीं रोडवेज की एसी बसें गाइडलाइन के मुताबिक तो चल रही हैं लेकिन यही नियम पैसेंजर्स को इनसे दूर करने लगे हैं। पांच से दस पैसेंजर्स के यात्रा करने के बावजूद इन बसों में एहतियातन एसी नहीं चलाया जा रहा। जिसके चलते भीषण गर्मी में ही लोग सफर करने को मजबूर हैं। यही वजह है कि ज्यादातर पैसेंजर्स एसी बसों में सफर करने से कतरा रहे हैं। हाल ये कि रोडवेज को एसी बसों के लिए पैसेंजर्स ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। परिवहन निगम की गाइडलाइन के मुताबिक एक बस में मैक्सिमम 30 पैसेंजर्स को बैठने की परि1मशन है। लॉकडाउन के पहले नहीं मिलती थी सीटगर्मी के दिनों में रेलवे बस स्टेशन और राप्ती नगर बस स्टेशन से चलने वाली एसी बसों में एक सीट मिलना मुश्किल होता था। लोग कई घंटे पहले ही अपनी सीट बुक करा लेते थे। लेकिन इस समय विभाग अपनी वेबसाइट से ऑनलाइन टिकट बुकिंग नहीं कर रहा है। उधर एक्स्ट्रा पैसेंजर्स भी नहीं मिल रहे हैं। जहां कोरोना बीमारी से पहले बस स्टेशन पर सामान्य बसों में भी एक एक सीट को लेकर मारामारी रहती थी। वहीं अब ज्यादातर बसें खाली रह जा रही हैं।
नहीं हो रहे ऑनलाइन टिकट बुक वर्तमान में काउंटर से ऑनलाइन टिकट की बुकिंग नहीं हो रही है। बस में ही पैसेंजर्स को टिकट बनाए जा रहे हैं। इससे ऑनलाइन टिकट बुक करवाने वाले लोगों को मायूस होना पड़ रहा है। उनका कहना है कि विभाग की तरफ से ऑनलाइन टिकट पोर्टल को बंद कर देना चाहिए ताकि पैसेंजर्स को इधर-उधर न भटकना पड़े। दूसरी ओर शताब्दी और जनरथ बसों का संचालन किया जा रहा है लेकिन एसी नहीं चल रहा है। नहीं आ रही वॉल्वो कोरोना को देखते हुए सख्त गाइडलाइन व सवारी न मिलने से रोडवेज की एसी बस जनरथ का संचालन नहीं हो पा रहा है, तो गोरखपुर से लखनऊ के बीच चलने वाली वॉल्वो का भी संचालन नहीं हो रहा है। एआरएम केके तिवारी ने बताया कि सवारी नहीं मिल रहे हैं। उसका किराया भी सामान्य एसी बस से ज्यादा है। बता दें कि रोडवेज से अब स्कैनिया का अनुबंध समाप्त हो गया है। वर्जनवर्तमान में शताब्दी और जनरथ बसों का संचालन लॉन्ग रूट पर ही हो रहा है। पैसेंजर्स की कमी के कारण दिक्कत आ रही है। लेकिन इधर दो दिनों से पैसेंजर्स की संख्या में इजाफा हो रहा है। उम्मीद है कि सबकुछ पहले की तरह हो जाएगा। एसी बसों के लिए जारी गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है।
डीवी सिंह, आरएम गोरखपुर रोडवेज