कोरोना न करें वार इसलिए घर ले आए लग्जरी कार
- कोरोना कॉल में 6274 से अधिक लग्जरी कार की डिमांड बढ़ी
- कोरोना से बचने के लिए अपने और परिवार को किया सेफ - ब्रांड की डिमांड बढ़ने के बाद सप्लाई हुई कमGORAKHPUR: कोरोना वायरस ने अर्थव्यवस्था का कमर तोड़ कर रख दी। लॉक डाउन के बाद से लोगों ने हर तरह के गैरजरूरी फायनेंस को पूरी तरह बंद किया और सिर्फ बहुत जरूरी इनवेस्टमेंट भी खूब ठोक-बजाने के बाद किए। कोरोना वायरस इफेक्ट के बाद जहां ज्यादातर सेक्टर्स में मंदी की मार रही, वहीं ऑटोमोबाइल सेक्टर और उसमें भी खासतौर पर फोरव्हीलर के कारोबार पर कोई फर्क देखने को नहीं मिला। कोरोना से बचने के लिए लोगों ने बजाए पब्लिक ट्रांसपोर्ट चुनने के खुद की गाड़ी लेना ही बेहतर समझा। इसका नतीजा यह रहा कि गोरखपुर में कोरोना काल के बाद भी पिछले साल से ज्यादा गाडि़यां सेल हुई। हालत यह हो गई कि शोरूम संचालकों को डिलेवरी देने में भी प्रॉब्लम फेस करनी पड़ी।
डिमांड और सप्लाई में डिफरेंसकोरोना काल में एक तरफ जहां लोग भीड़-भाड़ से बचते रहे। वहीं सफर के लिए खुद की लग्जरी कार खरीद ली। शोरूम संचालकों का कहना है कि इस पीरियड में गाडि़यों की डिमांड में कोई कमी नहीं आई है। हां, मांग और सप्लाई में 40 परसेंट का अंतर जरूर आया है। आंकड़ों पर नजर डालें तो अप्रैल 2020 से अब तक 6274 से अधिक फोर व्हीलर्स की बिक्री हुई। वहीं 2019 में इनकी संख्या 6190 थी। यह आंकड़े आरटीओ में हुए रजिस्ट्रेशन के हैं।
वर्ष लग्जरी गाडि़यों की बिक्री 2019 लगभग 6190 2020 6274 ----------------- माह लग्जरी गाड़ी की बिक्री अप्रैल 2020 161 मई 149 जून 412जुलाई 396
अगस्त 674 सितंबर 767 अक्टूबर 642 नवंबर 937 दिसंबर 1064 जनवरी 2021 877 फरवरी में अब तक 200 ----------------------- कोरोना कॉल में वायरस से बचने के लिए हम लोगों ने भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाने से सावधानी बरती। कहीं जाने के लिए बसों में सफर करना ठीक नहीं था, इसलिए हमने कार खरीद ली। इससे काफी सहूलियत मिली। संतोष कुमारअक्सर डर बना रहता था कि कहीं कोराना संक्रमण की जद में न आ जाए। कामकाज के लिए बाहर भी जाना पड़ता था। सफर में भी खतरा रहता था, इसलिए कार खरीदनी पड़ी।
आलोक मिश्रा लॉकडाउन में सफर करना खतरे से खाली नहीं था। अक्सर किसी न किस काम के लिए बाहर जाना पड़ता था। अपने को कोरोना वायरस से बचाने के लिए कार खरीदनी पड़ी, ताकि परिवार को सुरक्षित रखा जा सके। मृत्युंजय ठकुराई लॉकडाउन के दौरान ट्रेनों का संचालन बंद हो गया। परिवहन की बसों में यात्रा करना वायरस को दावत देने वाली बात थी। अपनी सुरक्षा के साथ परिवार को सेफ रखने के लिए शोरूम से गाड़ी खरीदी। जितेंद्र श्रीवास्तव शोरूम में लग्जरी गाडि़यों की काफी डिमांड बढ़ गई थी। गाडि़यों के लिए काफी इंतजार करना पड़ रहा था। पब्लिक ट्रांसपोर्ट न लें, इसके लिए फैमिली प्रेशर था, जिसकी वजह से कार लेनीे पड़ी। शैलेंद्र ठकुराई कोरोना वायरस की वजह से पूरा देश तबाह हो चुका था। ऐसे में लॉकडाउन ने पूरी अर्थव्यवस्था को ठप कर दिया था। आवाजाही और यात्रा भी पाबंदी लगा दी गई थी। गाड़ी खरीदना ही सेफ समझा। पंकज कुमारवर्ष 2019 की अपेक्षा कोरोना कॉल में लग्जरी गाडि़यों का डिमांड अधिक बढ़ी है। इसकी का नतीजा है कि आरटीओ में सिर्फ फोर व्हीलर का रजिस्ट्रेशन भी अधिक हुआ है।
श्याम लाल, एआरटीओ प्रशासन