सेहतमंद शिशु के लिए भरपूर नींद जरूरी
-पैंपर शिशु स्वास्थ्यशाला में मिले टिप्स
-दैनिक जागरण शिशु स्वास्थ्यशाला में शहर की माओं ने सीखे परवरिश के तौर-तरीके -गीलेपन से होती है प्रॉब्लम, पल-पल टूटती है नींद GORAKHPUR: जितनी अच्छी नींद आपके लाडले को मिलेगी, उतना ही वह स्वस्थ रहेगा। भरपूर और सुकून भरी नींद के लिए जरूरी है कि बच्चों को रात में होने वाले गीलेपन से छुटकारा मिले। मच्छर, भूख भी उन्हें न परेशान करे। इसका ख्याल सभी मांओं को रखना जरूरी है। यह बातें सामने आई दैनिक जागरण और पैंपर्स की ओर से ऑर्गनाइज शिशु स्वास्थ्यशाला में, जहां शिशु रोग विशेषज्ञ ने वहां मौजूद मांओं को लाडले की परवरिश के तौर-तरीके बताएं, वहीं उन्हें होने वाली छोटी-मोटी प्रॉब्लम से निपटने के नुस्खे शेयर किए। दीप प्रज्जवलन से शुरुआतदैनिक जागरण की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। मौके पर दैनिक जागरण के जीएम प्रवीण कुमार, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ। अश्विनी गुप्ता, पी एंड जी के चैनल पार्टनर वीजीएस ट्रेड वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के सेल्स मैनेजर संजय वर्मा, दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के एडिटोरियल इंचार्ज संजय कुमार, मार्केटिंग हेड विश्वनाथ त्रिपाठी ने दीप प्रज्ज्वलित किया। इसके बाद तुलसी का पौधा देकर अतिथियों का स्वागत किया गया। इसके बाद प्रोग्राम की शुरुआत हुई और वक्ताओं ने अपनी बातें रखने के साथ ही वहां मौजूद माताओं की ओर से पूछे गए सवालों के जवाब दिए।
मां का दूध बच्चों के िलए सबसे अहम शिशु स्वास्थ्य में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ। अश्विनी गुप्ता ने बताया कि मां का दूध बच्चों के लिए वरदान है। छह माह तक बच्चों को सिर्फ मां का ही दूध पिलाना चाहिए। इसमें नवजात बच्चों के लिए जरूरी सभी पौष्टिक पदार्थ रहते हैं, जो न सिर्फ बच्चों की सेहत को बेहतर करते हैं, बल्कि उन्हें बीमारियों से भी बचाते हैं। स्तनपान कराने के शुरुआती दौर में मां का दूध पानी और पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है। छह माह तक के बच्चों को डायरिया होने पर मां का दूध ओआरएस की तरह काम करता है। इसलिए स्तनपान कराने को लेकर किसी भी प्रकार का भ्रम नहीं पालना चाहिए। कम से कम दो साल तक के बच्चों को स्तनपान कराना चाहिए। इसके बाद धीरे-धीरे खानपान में बदलाव लाना चाहिए। उन्होंने बच्चों का टीकाकरण समय से कराने की भी सलाह दी। कहा, टीकाकरण से बच्चों को विभिन्न बीमारियों से दूर रखा जा सकता है। त्वचा गीली न होने से मिलेगी भरपूर नींदबच्चे का विकास पूरी तरह मां पर ही निर्भर करता है। अक्सर रात में गीलेपन की वजह से बच्चे की नींद पूरी नहीं होती है। वह चिड़चिड़े हो जाते हैं। इसका ध्यान देना बहुत जरूरी है, इसके बाद ही जाकर बच्चे को भरपूर नींद मिल सकेगी। डायपर के उपयोग से शिशु की त्वचा गीली नहीं होती है और वह रात में भरपूर नींद लेता है। उन्होंने कहा कि बच्चों का ब्रेन डेवलपमेंट पांच साल में जाकर पूरा होता है, इसीलिए कभी-कभी पांच साल तक के बच्चे चिड़चिड़े भी होते हैं। ऐसे में बच्चों को डांटने के बजाए उन्हें बहलाना चाहिए। मां अक्सर ये शिकायत रहती है कि बच्चा कुछ खाता नहीं है। डॉक्टर्स की मानें तो खाने का मेन्यू और चार्ट तैयार करना चाहिए। कई बार बच्चे अपनी पसंद और नापसंद नहीं बता पाते। इसलिए खुद भी नोटिस करें कि बच्चा क्या चीज चाव से खा रहा है और उसे मेन्यू में शामिल करें। इसीलिए तरह रोज का चार्ट तय करें और इसी के हिसाब से डाइट तय करें।
लकी ड्रॉ में मिला इनामदैनिक जागरण के इस कार्यक्रम में सभी महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया। सभी रजिस्ट्रेशन फॉर्म को लेकर लकी ड्रॉ निकाला गया, जिसमें सभी पार्टिसिपेंट्स को सुनिश्चित उपहार दिए गए। इसमें लकी ड्रॉ के माध्यम से माधुरी, बसंत सैनी, राधिका शर्मा, बबली सिंह और सुमन लकी ड्रॉ की विनर बनी। इसके साथ ही वहां मौजूद सभी मांओं को पैंपर्स की ओर से गिफ्ट दिए गए।
वजन के हिसाब से पहनाएं डायपर स्वास्थ्यशाला में डायपर के इस्तेमाल और उनको यूज करने का तरीका और फायदा भी बताया गया। सबसे अहम जानकारी यह रही कि बच्चों को उम्र नहीं, बल्कि वजन के हिसाब से डायपर पहनाना चाहिए। साथ ही पैंपर्स की खूबियां भी गिनाई गईं। यह भी बताया कि पैंपर्स पैंट अब 10 रुपए के पैक में भी उपलब्ध है। कार्यक्रम का संचालन कर रही संचिता ने पैंपर्स पैंट की खासियत और इस्तेमाल के तरीके बताया। साथ ही सबके सामने लाइव डेमो दिया। बताया कि पैंपर्स में मौजूद मैजिक जेस कैसे गीलेपन को सोखता है और सतह को सूखा बनाए रखता है। इसमें मौजूद एलोवेरा लोशन किस तरह शिशु की त्वचा को म्वायश्चराइज करने में मदद करता है। यह उतने एरिया के पीएच लेवल को भी मेनटेन रखता है, जिससे बच्चों की त्वचा पर रैशेज नहीं पड़ते और यह इंफेक्शन से बचे रहते हैं। कार्यक्रम के दौरान मुस्तफा खान के साथ बड़ी तादाद में महिलाएं और पेरेंट्स माैजूद थ्ो। वर्जनपैसेंजर्स की ओर से आयोजित कार्यक्रम बड़ा अच्छा है। पैंपर्स की ही देन है कि आज बच्चों के साथ ही माओं को भी चैन की नींद सोने का मौका मिल रहा है। बच्चों को भी गीलेपन से छुटकारा मिलता है, जिससे वह भरपूर नींद लेते हैं और स्वस्थ्य रहते हैं।
- डॉ। नंद कुमार, एडिशनल सीएमओ यह पूछे सवाल सवाल - सर यह रात को सोती नहीं है? जवाब - हम कई बार बच्चों को ज्यादा कपड़े पहना देते हैं, इसकी वजह उन्हें गर्मी होती है और परेशानी की वजह से वह भरपूर नींद नहीं ले पाते। वहीं, कपड़ा लगाने से भी यह दिक्कत होती है। डायपर इस्तेमाल करते वक्त इस बात का ध्यान दें कि वह पानी को पूरी तरह से सोख रहा है, अगर ऐसा नहीं है, तो दो-दो घंटे पर डायपर चेंज करते रहें। सवाल - यह डेढ़ साल की हो गई, फिर भी वजन कम है? जवाब - अगर बच्चे का वजन कम है, तो आपको इसकी डाइट पर ध्यान देना होगा। हर दो घंटे पर इसको खिलाना होगा। वहीं दाल-चावल के साथ मटर पीसकर खिला सकते हैं। सवाल - किस प्रकार पैंपर्स पैंट्स बच्चों की बेहतर नींद में मददगार है? जवाब - एक पैंपर एक सूखी रात के बराबर है। यानि आपको बार-बार नैपी चेंज नहीं करनी होगी, इसकी वजह से बच्चे की नींद में भी बाधा नहीं आएगी। सवाल - पैंपर्स पैंट्स कैसे आपके बच्चों के लिए बेहतर है? जवाब - पैपर्स पैंट्स एक मात्र डायपर है, जिसमें एयर चैनल टेक्नोलॉजी है, जो डायपर को सूखा और हवादार रखने में मदद करता है। सवाल - किस विशेषता की वजह से पैंपर्स पैंट्स को बेहतर तरीके से सोख लेते हैं? जवाब - पैंपर्स पैंट्स में मैजिक जेल है, जिससे यह गीलेपन को सोख लेता है। सवाल - कैसे पैंपर्स पैंट्स बच्चों के लिए बेहतर है? जवाब - पैंपर्स पैंट्स का मुलायम और लचीला वेस्टबैंड जो बच्चे के हिलने या चलने पर फैलता और सिकुड़ता है, इस बात को सुनिश्चित करता है कि बच्चा असहज महसूस न करें।