कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता हत्याकांड के आरोपित पुलिसकर्मी गोरखपुर या किसी दूसरी जेल में रहेंगे यह 10 जनवरी को तय होगा. सीबीआई ने लखनऊ की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है. नियमानुसार मुकदमे का ट्रायल जहां होता है बंदी को उसी न्यायालय के क्षेत्र की जेल में रखा जाता है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे का ट्रायल सीबीआई कोर्ट दिल्ली में कराने का आदेश दिया है. ऐसे में माना जा रहा है कि आरोपितों को गोरखपुर से तिहाड़ जेल ले जाया जाएगा.


गोरखपुर (ब्यूरो)। हत्यारोपित निलंबित इंस्पेक्टर जेएन सिंह, दारोगा अक्षय मिश्रा, राहुल दूबे, विजय यादव, मुख्य आरक्षी कमलेश व आरक्षी प्रशांत को जिला कारागार के नेहरू बैरक में रखा गया है। छह जनवरी को वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग के जरिए इनकी पेशी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में हुई थी। इस दौरान सीबीआई टीम मौजूद नहीं रही। विवेचक ने साक्ष्य एकत्र किए जाने की जानकारी देते हुए न्यायिक अभिरक्षा बढ़ाने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। जिस पर विचार करने के बाद कोर्ट ने 10 जनवरी तक आरोपितों की न्यायिक अभिरक्षा बढ़ा दी। गोरखपुर जेल में नहीं रहेंगे


मामले की जांच कर रही सीबीआइ ने शुक्रवार को लखनऊ के विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। इसके बाद से चर्चा शुरू हो गई है कि आरोपित पुलिसकर्मी अब गोरखपुर जेल में नहीं रहेंगे। उन्हें लखनऊ जेल ले जाया जाएगा या दिल्ली की तिहाड़, यह 10 जनवरी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेशी के बाद तय होगा। जेल में बढ़ाई गई आरोपित पुलिसकर्मियों की निगरानी

जिला कारागार के नेहरु बैरक में रखे गए हत्यारोपित पुलिसकर्मियों की निगरानी बढ़ा दी गई है। शुक्रवार को जमानत अर्जी खारिज होने और लखनऊ की कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल होने की जानकारी मिलने के बाद से ही जेएन ङ्क्षसह, अक्षय मिश्रा समेत सभी पुलिसकर्मी परेशान है। एहतियात के तौर पर जेल प्रशासन इनकी निगरानी कर रहा है।

Posted By: Inextlive