रेलवे ग्राउंड में रणजी के धुरंधर लगाएंगे चौके-छक्के
- स्टेडियम से दूर हुआ पैविलियन का रोड़ा, जीएम और उनकी पत्नी ने किया पैविलियन का इनॉगरेशन
- अब रणजी मैचेज के लिए भी अप्लाई कर सकेगा गोरखपुर - पिछली बार इंटर रेलवे क्रिकेट एनईआर को अलॉट होने के बाद भी लखनऊ में हुआ था आयोजनGORAKHPUR: नेशनल स्टैंडर्ड की पिच रखने वाले गोरखपुर रेलवे स्टेडियम में अब रणजी कराने के लिए जरूरी शर्ते पूरी कर ली हैं। बाकी मानक तो पहले से ही पूरे थे, लेकिन रिक्वायर्ड पैविलियन न होने की वजह से यहां पर रणजी मैचेज नहीं मिल पा रहे थे। अब स्टेडियम से रणजी का रोड़ा दूर हो गया है। रविवार को एनई रेलवे के जीएम विनय कुमार त्रिपाठी और नरवो की अध्यक्ष मीना त्रिपाठी ने पैविलियन का इनॉगरेशन किया। जीएम ने बताया कि पैविलियन एडवांस फैसिलिटी से लैस दो प्लेयर्स गैलरी, वीआईपी गैलरी, डायनिंग हॉल, अंपायर रूम, मैनेजर रूम, यूटिलिटी रूम, जिम के साथ 500 लोगों के लिए बैठकर मैच का लुत्फ उठाने की भी व्यवस्था है।
आई नेक्स्ट ने उठाया था मुद्दाएनई रेलवे के पास अपना एक वेल मेनटेंड और सभी मानकों को पूरा करने वाला क्रिकेट ग्राउंड मौजूद है। यहां पर वह सभी सुविधाएं मौजूद हैं, जो इसे नेशनल स्टैंटर्ड के लायक बनाती हैं। इसमें कमी सिर्फ पैविलियन और ड्रेसिंग रूम की है, जिसका अप्रूवल हो चुका है। मगर जिम्मेदारों की अनदेखी और लापरवाही की वजह से अब तक यह बनकर तैयार नहीं हो सका है। इसे लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने 10 जनवरी के इशु में 'गोरखपुर में रणजी मैच की राह का पैविलियन बना रोड़ा' हेडिंग से न्यूज पब्लिश की थी, जिसके बाद जिम्मेदारों ने कागजों में फंसी फाइल को आगे बढ़ाया और अब इसका कंस्ट्रक्शन भी शुरू हो चुका है।
दो बार लौटा था बजटएनई रेलवे के पास अपना एक वेल मेनटेंड और सभी मानकों को पूरा करने वाला क्रिकेट ग्राउंड मौजूद है। इसमें कमी सिर्फ पैविलियन और ड्रेसिंग रूम की है, जिसका अप्रूवल काफी पहले ही हो चुका था, मगर जिम्मेदारों की अनदेखी और लापरवाही की वजह से बनकर तैयार नहीं हो पा रहा था। हालत यह हो गए थे कि इसके लिए सेंक्शन किया गया बजट दो बार वापस भी जा चुका था। रेलवे को इस ग्राउंड में पैविलियन और ड्रेसिंग रूम के लिए 2018 में तीसरी बार फिर बजट मिला और करीब 75 लाख रुपए अप्रूव किए हैं। मार्च करीब होने के बाद भी इसको लेकर कोई हलचल नहीं हुई। जिसके बाद दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इस मुद्दे को न सिर्फ प्रमुखता से उठाया, बल्कि रेग्युलर इसके फॉलोअप और अपडेट पब्लिश की। बाद में बजट को घटाकर 54 लाख रुपए कर दिया गया। लंबे इंतजार के बाद आज गोरखपुर को एक नए और इंटरनेशनल मानकों पर बने पैविलियन की सौगात मिली है।