GORAKHPUR : शहर में इंट्री करते ही पटरियों और डिवाइडर के बीच लगे पौधे वेलकम करें तो कितना सुखद अहसास होगा. हरियाली देखकर तन मन में ताजगी भर उठेगी. लेकिन सड़कों पर पटरियों और डिवाइडर के बीच से गायब हरियाली ग्रीन सिटी के नाम पर बदहाली की कहानी सुनाती है. यह हाल तब है जब मेयर डा. सत्या पांडेय ने सिटी को ग्रीन करने का निर्देश जीएमसी को दे रखा है. बावजूद इसके गिनी-चुनी जगहों पर पौधे नजर आएंगे.


जीएमसी के पास है प्लांटेशन का बजट सिटी को हरा-भरा रखने के लिए जीएमसी बोर्ड का फंड निर्धारित है। वार्डों में प्लांटेशन के लिए दो लाख खर्च किए जाते हैं। जीएमसी कर्मचारियों की मानें तो जून से लेकर अभी तक इस फंड का यूज नहीं किया गया है जहां कहीं भी पौधे लगवाएं गए हैं उनमें पार्षदों की भूमिका रही है। वार्ड नंबर पांच बशारतपुर की पार्षद स्नेहलता सिंह ने बताया कि उनके मोहल्ले में 65 पौधे और ट्रीगार्ड लगाए गए हैं लेकिन वे पिछले साल के बजट में पास हुए थे। इसके अलावा लालडिग्गी में इसी साल पौध रोपण कराया गया है जिसमें पार्षद विजयेन्द्र अग्रहरी की भूमिका रही। उधर वार्ड नंबर 29 में पार्षद रंजुला रावत के प्रयास से 62 पौधे लगाए गए हैं। बताया जाता है कि ये पौधे पिछले बजट का है। अब कब लगवाएंगें पौधे


फारेस्ट डिपार्टमेंट का कहना है कि पौधे लगाने के लिए बरसात का मौसम अनुकूल होता है। लेकिन जीएमसी बरसात जाने के बाद पौधे लगवाएगा। इस साल पौधे नहीं लग सके तो इस पैसे का उपयोग अगले साल किया जाएगा। सिटी में प्लांटेशन करके इसको खूबसूरत बनाने में मदद की जा सकती है लेकिन जीएमसी के अफसर इसको लेकर कतई सीरियस नहीं नजर आते।

अभी अगस्त का महीना बाकी है। मंथ के लास्ट तक पौधे लगा लिए जाएंगे। बजट का यूज करके पौधे लगाए जाते हैं। हर साल सिटी में प्लांटेशन कराया जाता है ताकि हरियाली बरकरार रहे। एसबी अग्रहरी, जूनियर इंजीनियर,  प्रभारी उद्यान विभाग, जीएमसी

Posted By: Inextlive