सुनिए साहेबान, यहां खतरे में है जान
नंबर गेम
10 से 15 हजार- रोजाना कलेक्ट्रेट कैंपस में पब्लिक का आवागमन 600 - कलेक्ट्रेट में प्रैक्टिस करने वाले एडवोकेट 4500- सभी विभागों में तैनात अधिकारी, कर्मचारी 1000- कलेक्ट्रेट कैंपस में खड़े होने वाले वाहन ----- कलेक्ट्रेट कैंपस में इतने विभाग - डीएम, एसडीएम, एडीएम के आफिस - एसएसपी, पुलिस आफिस, अन्य कार्यालय - रजिस्ट्री विभाग, उनके सभी दफ्तर - आबकारी विभाग का मंडलीय, जिला कार्यालय - तहसील सदर, तहसीलदार से जुड़े सभी विभाग - ट्रेजरी, पेंशन, ई-डिस्ट्रिक्ट, आपदा विभाग का कार्यालय - जिला प्रोबेशन अधिकारी, भूमि बचत कार्यालय - नागरिक सुरक्षा कोर, जिला मनोरंजन कार्यालय - जिला निर्वाचन कार्यालय, निकाय चुनाव कार्यालय - जिला सूचना विज्ञान केंद्र, औषधि नियंत्रण विभाग ------------- - Collectorate Campus में terror attack से निबटने का नहीं है कोई बंदोबस्त i reality check GORAKHPUR:विधान सभा भवन में विस्फोटक मिलने से हड़कंप मचा हुआ है। वीवीआईपी की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार चिंतित नजर आ रही है। माननीयों के लिए सुरक्षा जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। लेकिन आम लोगों की सुरक्षा की स्थिति क्या है, यह जानने के लिए दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने शहर के सबसे बिजी जगह कलेक्ट्रेट कैंपस का रियलिटी चेक किया। हजारों लोगों की आवाजाही यहां होती है, लेकिन सिक्योरिटी का कोई इंतजाम नहीं है। कलेक्ट्रेट में आने जाने वालों की सुरक्षा भी भगवान भरोसे है।
Collectorate Main Gate 12.50pm शनिवार की दोपहर रिपोर्टर मेन गेट पर पहुंचा। वहां गेट के बाहर दो होमगार्ड्स थे। यह चेकिंग करने के बजाए आपस में बातें कर रहे थे और सुर्ती बनाने में बिजी थे। गेट के भीतर बैरियर लगाकर खड़े स्टैंड कर्मचारी लोगों के वाहनों को पार्किंग में खड़े करने के लिए जोर-जबरदस्ती कर रहे थे। कुछ प्रभावशाली लोग कर्मचारियों की सहमति से अपने वाहन लेकर अंदर चले जा रहे थे। मेन गेट से कैंपस में जाने वालों की जांच के लिए कोई इंतजाम नहीं था। Collectorate Gate No। 2 1.10 pm यह गेट पूरी तरह से बंद था। पैदल आने जाने वालों के लिए छोटा गेट खुला हुआ था। कलेक्ट्रेट कैंपस से बाहर निकलने वाले अफसरों, नेताओं, कर्मचारियों की गाडि़यां बाहर निकलने पर स्टैंड कर्मचारी ताला खोल देता था। ताला खुलने पर कुछ लोग वाहन सहित भीतर जाने की कोशिश करते थे तो वह डांटकर मेन गेट पर जाने को कहता था। इस गेट के पास पेड़ के नीचे चार पुलिस कर्मचारी बाइक पर बैठकर आराम फरमा रहे थे। Collectorate Gate No। 31.20 pm
यह गेट सिर्फ पैदल आवागमन के लिए खुला हुआ है। बाहर लोगों की बाइक, साइकिल खड़ी थी। गेट न खुलने की वजह से ठेले वालों का अतिक्रमण भी हो गया है। इस गेट पर भी सुरक्षा जांच का कोई प्रबंध नहीं नजर आया Collectorate Gate No। 4 1.20 pm यहां से जाने पर तहसील भवन में पहुंचने में आसानी होती है। इस गेट को भी बंद रखा जाता है। किसी वीआईपी मूवमेंट के लिए इसे खोला जाता है। गेट के बाहर पब्लिक की बाइक खड़ी थी। भीतर कोई सुरक्षा गार्ड नहीं नजर आया। लोग आसानी से बिना किसी जांच पड़ताल के तहसील सभागार तक पहुंच जा रहे थे। ऐसे में इस गेट से कोई भी संदिग्ध वस्तु अंदर ले जा सकती है। कोई अतिरिक्त फोर्स नहीं भीड़भाड़ वाले इस कैंपस में कोई एक्स्ट्रा फोर्स नहीं है। धरना, प्रदर्शन को रोकने के लिए कलेक्ट्रेट चौकी पर तैनात दरोगा और सिपाहियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। यहां पर कोई मेटल डिटेक्टर तक नहीं लगा है। और ऑफिसों का यह है हाल SSP Officeएसएसपी आफिस में कंप्लेंट सेल में पुलिस कर्मचारी अपना काम निपटा रहे थे। वहीं से पुलिस ऑफिस की गैलरी में प्रवेश होता है। यहां से जाने वाला कोई भी व्यक्ति कोई विस्फोटक लेकर एसएसपी दफ्तर में पहुंचा सकता है।
DM Office डीएम आफिस के बाहर 10 होमगार्ड्स जमे थे। डीएम के ऑफिस में न होने की वजह से वह आपस में बात कर रहे थे। रिपोर्टर के हाथ में कैमरा देखने के बाद वे थोड़े सतर्क हो गए। डीएम ऑफिस के बगल में अंग्रेजी दफ्तर है। बाहर असलहा लाइसेंस के ऑनलाइन करने की प्रक्रिया चल रही थी। Registry Office कलेक्ट्रेट कैंपस में रजिस्ट्री ऑफिस है। जमीन की खरीद-फरोख्त के लिए लोगों की भीड़ लगी थी। इस बिल्डिंग में कोई ऐसा इंतजाम नहीं नजर आया, जिससे किसी संदिग्ध व्यक्ति की जांच-पड़ताल हो सके। तहसील सदर भवन कलेक्ट्रेट में नए तहसील सदर भवन में कामकाज शुरू हो गया है। तहसीलदार से लेकर अन्य कई अधिकारी वहां बैठते हैं। तहसीलदार के ऑफिस के बाहर बरामदे में कुछ लोग आपस में बात कर रहे थे। इतनी बड़ी बिल्डिंग में कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं नजर आया। -------------- कॉलिंगकैंपस में सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। पहले भी कभी कोई जांच पड़ताल नहीं कराई गई। वाहन स्टैंड के कर्मचारी पैसा लेकर गाडि़यों को भीतर कैंपस में ले जाने देते हैं। तमाम लोग दिनभर असलहों संग घूमते रहते हैं।
अजय स्वरूप पाठक, एडवोकेट सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जानी चाहिए। चेकिंग से आमजन को थोड़ी असुविधा हो सकती है। लेकिन इससे अधिकारियों, कर्मचारियों, वादकारियों और पब्लिक को लाभ मिलेगा। यहां प्रतिदिन हजारों लोग आवाजाही करते हैं। ऐसे में इस कैंपस को सुरक्षित नहीं माना जा सकता है। अमरनाथ यादव, एडवोकेट ---------- वर्जन