Gorakhpur : प्राइवेट पैथोलॉजी में सीरोलॉजिकल टीबी जांच नहीं होगी. टीबी की पुष्टि के लिए सिर्फ टीबी कल्चर टेस्ट कराना जरूरी है. प्राइवेट पैथोलॉजी अब सिर्फ टीबी कल्चर टेस्ट ही करें. शासन के इस आदेश ने प्राइवेट पैथोलॉजी और डॉक्टर के बीच हड़कंप तो मचा दिया है मगर यह टेस्ट अभी तक सरकारी हॉस्पिटल में भी शुरू नहीं हुआ है. जांच के लिए आने वाली मशीन अभी प्रॉसेस में है. शासन के इस फरमान से सबसे अधिक अफेक्टेड पब्लिक है. क्योंकि बिना जांच दवा शुरू नहीं हो सकती है और टेस्ट न होने से बीमारी का रूप धीरे-धीरे खतरनाक होगा.


मरीजों की सांसतटीबी जांच के नाम पर चल रही धांधली को रोकने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा उठाया गया कदम तो सराहनीय है, पर इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। टीबी की पुष्टि अब सिर्फ टीबी कल्चर टेस्ट से होगी, इसका आदेश देते हुए मंत्रालय ने प्राइवेट में सीरोलॉजिकल टेस्ट बैन कर दिया। प्राइवेट में यह टेस्ट सिर्फ लाइफ पैथोलॉजी में होता है, जबकि सरकारी हॉस्पिटल में भी अभी तक इसकी मशीन नहीं आई है। ऐसे में डॉक्टर बिना टेस्ट के मरीज का इलाज कैसे करेंगे, यह बड़ा सवाल है। साथ ही इलाज के अभाव में मरीजों का क्या होगा? यह उससे भी बड़ा सवाल है।टीबी कल्चर या सीरोलॉजिकल नहीं बलगम जांच से शुरू होती है दवा


टीबी अस्पताल की ओपीडी में हर रोज करीब 25 मरीज आते हैं। इनमें कुछ पुराने मरीज होते हैं, जो दोबारा चेकअप के लिए आते हैं। डॉट्स के तहत हॉस्पिटल में दी जा रही टीबी की दवा डॉक्टर बलगम टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर शुरू कर देते हैं, जबकि टीबी की पुष्टि लखनऊ भेजे गए सैैंपल की जांच रिपोर्ट के बाद होती है, जिसे आने में दो माह से अधिक का समय लग जाता है। एक्सपर्ट की माने तो कल्चरल टेस्ट से बैक्टीरिया की 100 परसेंट सेंसटिविटी का पता चलता है जबकि सीरोलॉजिकल से 25 परसेंट और बलगम टेस्ट से 5 परसेंट।

टीबी अस्पताल में अभी तक कल्चर टेस्ट के लिए मशीन नहीं लगी है। मशीन लगना प्रॉसेस में है। जल्द ही लग जाएगी। फिलहाल टीबी मरीजों को दवा बलगम टेस्ट के आधार पर दी जाती है। हॉस्पिटल में सिर्फ ओपीडी की व्यवस्था है। यहां एडमिट या ऑपरेशन की कोई व्यवस्था नहीं है। डॉ। बर्नवाल, जिला क्षय रोग अधिकारीसिटी में 17 जिलों के मरीजों की टीबी जांच


सीरोलॉजिकल टीबी जांच बैन होने के बाद अब टीबी की पुष्टि सिर्फ कल्चरल टेस्ट की रिपोर्ट के बाद ही की जाएगी। इसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने जल्द ही कई शहरों में सीबी नैट (जीन एक्सपर्ट) मशीन लगाने का निर्देश दिया है। यह मशीन पहले चरण में सिर्फ तीन अस्पताल में लगाई जाएगी। जिसमें गोरखपुर के अलावा वाराणसी और इलाहाबाद शामिल हैं। गोरखपुर में मशीन लगने के बाद यहां 17 जिलों से आए मरीजों के सैैंपुल की टीबी जांच होगी। गोरखपुर को फैजाबाद मंडल तक जोड़ा जाएगा। इस मशीन के लगने के बाद टीबी की जांच रिपोर्ट दो घंटे में मिल जाएगी। साथ ही इस रिपोर्ट के आधार पर टीबी के बैक्टीरिया की सेंसटिविटी भी पता चल जाएगी। अभी टीबी की दवा सिर्फ बलगम टेस्ट के आधार पर चलाई जाती है। report by : Abhishek Singh

Posted By: Inextlive