किन अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट चले कितने पेशेंट्स को ऑक्सीजन की सप्लाई की गई. कितने कंसंट्रेटर क्रियाशील हैं. किन अस्पतालों में दिक्कत आई. यह डीटेल्स अब चुटकियों में पता चल जाएगी. जिले में लगे 17 ऑक्सीजन प्लांटों की ऑनलाइन निगरानी शुरू कर दी गई है. इसके लिए सीएमओ को प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने निर्देश दिया है कि ऑक्सीजन प्लांटों की प्रतिदिन की रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड की जाए.


गोरखपुर (ब्यूरो)। पोर्टल पर ऑक्सीजन प्लांटों की प्रतिदिन की गतिविधि की जानकारी साझा की जाएगी। इतना ही नहीं, जहां निर्माण चल रहा है, उसकी प्रगति की रिपोर्ट भी पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। ऑक्सीजन प्लांटों के नोडल अधिकारी डॉ। एके प्रसाद ने बताया कि ऑक्सीजन प्लांटों की प्रतिदिन की पूरी गतिविधि पोर्टल पर अपलोड करने की जिम्मेदारी मुझे दी गई है। यह कार्य शुरू हो गया। इससे यहां के सभी प्लांटों की गतिविधि की शासन से निगरानी की जा सकेगी। जो कमियां होंगी, उन्हें दुरुस्त कर लिया जाएगा।पूर्वाभ्यास में बेहतर मिली व्यवस्थासभी ऑक्सीजन प्लांटों का दो बार पूर्वाभ्यास हो चुका है। पहले पूर्वाभ्यास में जो कमियां सामने आई थीं, दूसरे में उसे सुधार लिया गया है। दूसरे पूर्वाभ्यास में पूरी व्यवस्था बेहतर मिली।स्थान, ऑक्सीजन प्लांट की संख्या, क्षमता लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) में
स्थान संख्या क्षमतामेडिकल कॉलेज 02 1000, 1000


जिला अस्पताल 02 1000, 960महिला अस्पताल 01 1000एम्स 01 400टीबी अस्पताल 01 400महायोगी गुरु गोरक्षनाथआयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज 01 600रेलवे अस्पताल 01 400राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज बड़हलगंज 01 300सीएचसी चौरीचौरा 01 500

सीएचसी हरनही 01 333सीएचसी कैंपियरगंज 01 333सीएचसी सहजनवां 01 300सीएचसी बांसगांव 01 167सीएचसी चरगांवा 01 250सीएचसी पिपरौली 01 300
सभी 17 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हो चुके हैं। ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू हो चुका है। प्लांट से सीधे ऑक्सीजन की सप्लाई पाइप के जरिए बेड पर की जा रही है। अभी हमारे पास री-फिलिंग की सुविधा नहीं है। इसलिए जहां प्लांट लगे हैं, उसी अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। प्रतिदिन की रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड की जा रही है।आशुतोष कुमार दूबे, सीएमओ

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