सीबीसीएस पैटर्न के खिलाफ 10 दिसंबर से आंदोलन कर रहे प्री-पीएचडी स्टूडेंट्स ने शुक्रवार को विरोध-प्रदर्शन स्थगित कर दिया. वहीं हिंदी डिपार्टमेंट के प्रो. कमलेश गुप्ता का सत्याग्रह जारी रहा. प्रो. कमलेश गुप्त शनिवार से जनसंपर्क कर समर्थन जुटाएंगे. प्रो. कमलेश गोरखपुर यूनिवर्सिटी के वीसी को हटाने और उनके खिलाफ जांच बैठाए जाने की मांग को लेकर सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं. शुक्रवार को प्रो. कमलेश कुमार गुप्त के सत्याग्रह का समर्थन कई संगठनों पूर्व शिक्षकों पूर्व छात्र नेताओं व छात्र-छात्राओं ने दिया. कैंपस में भी टीचर विरोध करते देखे गए.


गोरखपुर (ब्यूरो)। प्रो। कमलेश सत्याग्रह के लिए दोपहर 2.20 बजे एडी बिल्डिंग स्थित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के समक्ष धरने पर बैठ गए। उनके पहुंचने के कुछ ही देर बाद समर्थन देने वाले लोग भी पहुंचने लगे थे। कुछ देर सभी लोग शांत रहे तभी टीचर्स की सैलरी काटे जाने की बात छिड़ गई। कारण बताओ नोटिस प्राप्त टीचरों ने बताया कि शुक्रवार को उन्हें कारण बताओ नोटिस प्राप्त हो गया है। नोटिस का जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है। तीन दिन में जवाब नहीं देने पर यह माना जाएगा कि उनके खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, वे सही हैं। उसके आधार पर उन्हें एक दिन लीव विदाउट पे मानते हुए उनका वेतन काटा जाएगा। सैलरी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सैलरी काटने की बात कही जा रही है। नोटिस का जवाब तीन दिन में मांगा गया है जबकि वह डेढ़ दिन बाद उन्हें प्राप्त हुई है।सत्याग्रह से पहले प्रो। कमलेश गुप्त ने शुक्रवार सुबह हेलीपैड पर क्लास तो नहीं ली, लेकिन वहां पहुंची कुछ छात्राओं की कॉपी जांचते हुए उनका मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक के रूप में वे अपने विद्यार्थियों के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे।


एक घंटे बाद धरने से उठते समय प्रो। कमलेश ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि यह सत्याग्रह कई चरणों में होगा। शीतावकाश के कारण यूनिवर्सिटी बंद हो रही है। इसका इस्तेमाल वे जनसंपर्क में करेंगे। वे जाकर जनसमुदाय को बताएंगे कि शिक्षा का केन्द्र संकट के दौर से गुजर रहा है। शीतावकाश के बाद फिर बैठेंगे। जब तक प्रो। राजेश सिंह को वीसी पद से हटाया नहीं जाता, जब तक उनके खिलाफ जांच नहीं बैठाई जाती, तब तक सत्याग्रह जारी रहेगा।काली पट्टी बांधकर किया शिक्षण कार्य प्रो। कमलेश गुप्त के सत्याग्रह को कैंपस में शिक्षकों का भी समर्थन मिला। शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो। उमेश नाथ त्रिपाठी सुबह 10 बजे बड़ी मात्रा में काली पट्टी लेकर डीडीयू के मेन गेट पर पहुंच गए थे। उधर से गुजर रहे सभी शिक्षकों से वे अपील करते रहे कि वे पट्टी बंधवाकर ही शिक्षण कार्य करें। ज्यादातर टीचर्स ने सहमति जताते हुए उनसे काली पट्टी बंधवाई, उसके बाद कक्षाओं की ओर गए। प्रो। त्रिपाठी ने बताया कि ज्यादातर शिक्षकों ने गेट पर काली पट्टी बंधवाई। काली पट्टी बांधकर ही शिक्षण कार्य किया।सत्याग्रह में यह रहे मौजूद

शिक्षक एमएलसी धु्रव कुमार त्रिपाठी, उप्र आवासीय यूनिवर्सिटी महासंघ के अध्यक्ष प्रो। चितरंजन मिश्र, प्रो। सुधीर श्रीवास्तव, प्रो। विजय शंकर वर्मा, प्रो। चन्द्रभूषण अंकुर, प्रो। उमेश नाथ त्रिपाठी, प्रो। अजेय गुप्ता, गुआक्टा के महामंत्री डॉ। धीरेन्द्र सिंह, प्रो। सुशील तिवारी, डॉ। दुर्गा प्रसाद यादव, डीडीयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष फतेह बहादुर सिंह, राम प्रताप राम, जगदीश पाण्डेय, ज्ञानेश राय, दिग्विजयनाथ पांडेय, श्याम नारायण सिंह के अलावा कई संगठनों के पदाधिकारी व स्टूडेंट्स मौजूद रहे। वर्जनलोकतांत्रिक व्यवस्था में जिस पर आरोप होता है, उसी को जांच नहीं दी जाती है। मैं साथी व सहयोगी के रूप में हमेशा खड़ा हूं। एमएलसी के रूप में राजभवन, सदन या जिस भी अधिकारी के पास जाना पड़ा, जाऊंगा। प्रो। कमलेश के आरोपों में सत्यता है तो उन्हें न्याय दिलाने की पूरी कोशिश करूंगा। ध्रुव कुमार त्रिपाठी, एमएलसी

Posted By: Inextlive