'रोजे की हालत में जख्म पर मरहम या दवा लगा सकते हैं'
- रजमान हेल्पलाइन नंबर्स पर जारी है सवाल-जवाब का सिलसिला
GORAKHPUR: उलेमा-ए-अहले सुन्नत की ओर से जारी रमजान हेल्प लाइन नम्बरों पर शनिवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज, रोजा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलेमा-ए-किराम ने कुरआन-ए-पाक व हदीस-ए-पाक की रोशनी में जवाब दिया। सवाल : रोजे की हालत में जख्म पर मरहम या दवा लगा सकते हैं? (मो। फैजान, अस्करगंज) जवाब : हां। यह बिल्कुल जायज है। (हाफिज रहमत अली निजामी) सवाल : रोजे की हालत में केमिकल वाली मिसवाक करना कैसा? (आसिफ, जमनुहिया बाग) जवाब : अगर केमिकल वाली मिसवाक का मजा (टेस्ट) मुंह में महसूस न हो तो जायज है, और अगर इसका मजा महसूस होता हो तो रोजे की हालत में ऐसी मिसवाक करने से बचना चाहिए। (कारी मो। अनस रजवी)सवाल : रोजे की हालत में झाड़ू लगाते वक्त गुबार औरतों के मुंह में चले जाते हैं उसका क्या हुक्म होगा? (शबाना, बक्शीपुर)
जवाब : इससे रोजा नहीं टूटेगा। (मौलाना मोहम्मद अहमद) सवाल : मोजे पहनने से जो टखने छुप जाते हैं इससे नमाज में कोई हर्ज आता है या नहीं? (ताबिश, गाजी रौजा) जवाब : नहीं। नमाज में इससे अस्लन कोई हर्ज या कराहत नहीं। (मौलाना मो। असलम)