MillennialsSpeak : #RaajniTEA पर गोरखपुर में बोले युवा, बेरोजगारी और आतंकवाद का हो खात्मा, दुष्कर्मियों को मिले कड़ी सजा
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GORAKHPUR: लोकसभा चुनाव आने वाला है। इस समर में कौन जीत हासिल करेगा और किसकी सरकार बनेगी इसे लेकर अभी से जोरआजमाइश शुरू हो गई है। इस चुनाव में यूथ नई सोच रख अपने मुद्दे सबके सामने रख रहे हैं। हालांकि जहां पहले चुनाव में यूथ का भागीदारी कम होती थी वहीं शिक्षित होने के साथ ही यूथ अपने वोट की कीमत अच्छी तरह समझ रहे हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट और रेडियो सिटी की ओर से ऑर्गनाइज्ड राजनी-टी में चर्चा के दौरान मिलेनियल्स के बीच विकास, बेरोजगारी, महिला उत्पीड़न और आतंकवाद का मुद्दा छाया रहा। दुर्गाबाड़ी रोड स्थित राज नर्सिग होम के कैंपस में कार्यक्रम का संचालन कर रहे आरजे सारांश की मौजूदगी में लोकसभा चुनाव से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। इस बीच यूथ ने कहा कि सरकार सभी क्षेत्रों में अच्छा काम कर रही है लेकिन रोजगार के क्षेत्र में ज्यादा कुछ नहीं हुआ है। इस ओर सरकार को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सरकार को चाहिए की योजना के तहत इसे अमल में लाया जाए ताकि देश में बेरोजगारी समाप्त हो। वहीं, आतंकवाद और दुष्कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग उठी। साथ ही आरक्षण को खत्म किए जाने को लेकर भी युवाओं ने बेबाकी से अपनी बात रखी।
सभी को मिलें समान अवसर
राजनी-टी ऑर्गनाइज करते हुए आरजे सारांश ने सबसे पहले यूथ को मिलेनियल्स का मतलब समझाया। इसके बाद यूथ के मुद्दों पर चर्चा की गई। जानकी मिश्रा ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह आरक्षण समाप्त करें। जो सक्षम नहीं हैं उन्हें रिजर्वेशन दिया जा रहा है। वहीं गरीब तबके के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रेमलता ने कहा कि महिलाओं के साथ छेड़खानी और रेप के मामले बढ़ रहे हैं। इसके लिए कड़े से कड़े कानून बनाए जाएं जिससे दुष्कर्मियों को सजा मिल सके। वहीं, यूथ में बेरोजगारी बढ़ी है। सरकार को चाहिए कि बेरोजगारी कम करें, शिक्षा क्षेत्र में तकनीकी और प्रोफेशनलिज्म की दिशा में काम करने की जरूरत है। इस बार इम्प्लॉइमेंट जनरेशन का अहम मुद्दा है। सरकार को चाहिए कि नौकरियां क्लीयर की जाएं।
महिला सुरक्षा पर हो फोकस
कविता दुबे ने कहा कि सब कुछ हो रहा है लेकिन आज भी महिलाएं घर से अकेले निकलने में डरती हैं। इस डर को खत्म करने के लिए सरकार को चाहिए कि वह महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक कानून बनाए जिससे वह बेखौफ होकर घरों से निकल सकें। बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ को लेकर तमाम कवायदें की जा रही हैं। सरकार महिलाओं को लाभ देने के लिए तमाम योजनाएं चल रही हैं लेकिन फिर भी महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही है। सरकार को चाहिए कि महिलाओं के सम्मान के साथ ही उनका हक दिलाए।
समय से दें नौकरी
चर्चा के बीच शालिनी तिवारी ने कहा कि आरक्षण दीमक की तरह सभी को खोखला कर रही है। जिसकी वजह से बेरोजगारी भी चरम सीमा पर है इसलिए सरकार को चाहिए कि वह आरक्षण को ही समाप्त करें। साथ ही सरकार की ओर से इतनी नौकरियां निकलने के बाद उसको पूरा करने में कानूनी दावं-पेंच के साथ ही समय निकल जाता है। जिसकी वजह से उनकी उम्र भी अधिक हो जाती है। उनके सामने कोई ऑप्शन नहीं रह पाता है। सरकार को चाहिए कि समय रहते वेकेंसी निकालें जिससे यूथ को इसका लाभ मिल सके।
मेरी बात
सरकार बहुत कुछ कर रही है लेकिन बेरोजगारी और महिलाओं की सुरक्षा के अलावा आतंकवाद बड़ा मुद्दा है। सबसे पहले सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। जिस तरह एयरफोर्स के विंग कमांडर अभिनंदन ने दुश्मनों को धूल चलाई है यह हम लोगों के लिए बड़े ही गौरव की बात है। आज भी अभिनंदन की तरह की कई ऐसे जवान हैं जो दुश्मन की कैद में हैं। सरकार को उन्हें भी वापस लाना चाहिए। जहां तक किशोरियों और महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं की बात है तो इसे लेकर ऐसा कानून बनाया जाना चाहिए जिससे इस तरह की घटना करने वालों के अंदर डर पैदा हो। जो इन मुद्दों पर ध्यान देगा हमारा वोट उसी को जाएगा।
यंगस्टर्स के बीच कड़क मुद्दे की बात की जाए तो यहां रोजगार, भ्रष्टाचार, महिला उत्पीड़न, आतंकवाद, और डिजिटल इंडिया का मुद्दा छाया रहा। देश में करप्शन की जड़ फैल चुकी है। जिसकी वजह से लोगों को आसानी से मिलने वाली योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। आने वाली सरकार से उम्मीद है कि वह इन मामलों पर विचार करें। साथ ही वेकेंसी में बढ़ोत्तरी करें जिससे लोगों को रोजगार मिले। सरकार ने विकास के क्षेत्र में कार्य किया है। डिजिटल भारत बनाने के क्षेत्र में तेजी के साथ वृद्धि हुई है। ऐसी सरकार आए जो यूथ के बारे में ही सोचे जिससे देश का विकास हो।
सतमोला खाओ, कुछ भी पचाओ
बॉर्डर पर मुस्तैदी से तैनात जवानों की कार्रवाई का भी कुछ लोग साबूत मांग रहे। यह शर्म की बात है। फिलहाल देश संवेदनशील समय से गुजर है फिर भी कुछ लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं। अपने सेना के पराक्रम पर सवाल उठा रहे हैं। इससे बचना चाहिए। वहीं, देश में शिक्षा व्यवस्था के स्तर में भी गिरावट होती जा रही है। इसे लेकर भी सरकार को गंभीरता से विचार करना होगा।