Gorakhpur: डीडीयू का पीजी में सेमेस्टर सिस्टम स्टूडेंट्स के लिए मुसीबत बन गया है. फिलहाल जो हालात चल रहे हैं उनको देखते हुए तो ऐसा लग रहा है कि कहीं स्टूडेंट्स की पीजी दो साल की जगह ढाई-तीन साल लंबी न हो जाए. सिस्टम के अकॉर्डिंग अप्रैल में इन स्टूडेंट्स के सेमेस्टर होने चाहिए लेकिन अभी तक जनवरी में कंप्लीट हुए सेमेस्टर एग्जाम का ही रिजल्ट पेंडिंग है.


नहीं फॉलो हो रहा शेड्यूलयूनिवर्सिटी में सेमेस्टर सिस्टम 2011 से इंप्लीमेंट हुआ। इसके अंतर्गत यह व्यवस्था है कि सिस्टम के एग्जाम दिसंबर और अप्रैल में कराए जाएं, लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है। यूनिवर्सिटी ने जनवरी में जो सेमेस्टर एग्जाम कराए थे अभी तक उनका रिजल्ट ही पेंडिंग पड़ा हुआ है। इसके अलावा अप्रैल भी आधा बीत चुका है लेकिन अभी तक इस मंथ में होने वाले सेमेस्टर एग्जाम की डेट्स का कोई अता पता नहीं है।पास फेल का पता नहीं कर रहे पढ़ाई


रिजल्ट अभी तक पेंडिंग होने की वजह से फर्स्ट और थर्ड सेमेस्टर के स्टूडेंट्स को यह तक पता नहीं है कि वह पास हैं या फेल। बिना रिजल्ट ही उनकी नेक्स्ट सेमेस्टर की पढ़ाई करा दी गई। सबसे अधिक टेंशन में तो वह स्टूडेंट्स हैं जो फाइनल सेमेस्टर की पढ़ाई कर रहे हैं। बहुत से स्टूडेंट्स को यह डर है कि अगर थर्ड सेमेस्टर का रिजल्ट सही न हुआ तो क्या होगा। स्टूडेंट्स अपने रिजल्ट के लिए अक्सर ही एडी बिल्डिंग स्थित एग्जामिनेशन कंट्रोलर के आफिस और परीक्षा सामान्य विभाग के चक्कर लगाते दिखते हैं। लेकिन अभी तक उनकी प्रॉब्लम सॉल्व नहीं हुई।कॉलेज प्रिंसिपल्स भी परेशान

डीडीयू से एफिलिएटेड जिन कॉलेजों में पीजी की सेमेस्टर सिस्टम के अंतर्गत पढ़ाई होती है वहां के प्रिंसिपल्स और टीचर्स भी काफी परेशान हैं। इन कॉलेजों के प्रिंसिपल्स के अनुसार अगर ऐसे ही चलता रहा तो दो साल की पीजी की पढ़ाई तीन साल में कंप्लीट होगी। इसका रीजन है कि अगर यूनिवर्सिटी अभी रिजल्ट देती है और सेमेस्टर के एग्जाम कराने का सोचती है तो भी जून-जुलाई के आसपास शुरू हो पाएंगे। ऐसे में जो फाइनल इयर स्टूडेंट्स हैं उनका रिजल्ट एग्जाम के 3-4 मंथ्स बाद यानी नवंबर-दिसंबर तक आएगा। इस तरह से उनकी पढ़ाई ढाई साल में कंप्लीट होगी। लेकिन दिसंबर में मिड सेशन होता है। इसलिए आगे की पढ़ाई के लिए भी उनको कुछ मंथ्स वेट करना पड़ेगा।यूनिवर्सिटी सेमेस्टर सिस्टम को सही से फॉलो नहीं कर पा रही है। इससे स्टूडेंट्स का साल वेस्ट हो रहा है। अच्छा हुआ जो यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों में सिर्फ एमएससी में सेमेस्टर लागू किया एमए और एमकॉम में नहीं। अगर कॉलेजों में भी सभी सब्जेक्ट्स में सेमेस्टर लागू हो जाता तो अधिक स्टूडेंट्स परेशान होते।डॉ। प्रदीप राव, प्रिंसिपल, एमपीपीजी कॉलेज

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