मार्केट जाकर सामान खरीदते समय हम आईएसआई मार्क तो चेक करते हैं लेकिन यह मार्क क्या है और किस तरह से सामान पर लगाया जाता है.


गोरखपुर (ब्यूरो)।जो सामान हम ले रहे हैं, उसकी क्वालिटी कैसी है, यह जानकारी अधिकांश लोगों को नहीं होती। यही वजह है कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) अब इसकी जानकारी आमजन तक बच्चों के जरिए पहुंचा रहा है। इसके लिए मानक ब्यूरो स्कूलों में स्टैंडर्ड क्लब बना रहा है। गोरखपुर सहित यूपी में सैकड़ों स्कूल में यह क्लब गठित किए गए हैं। इसमें 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को जोड़ा गया है। जल्द ही कॉलेज के स्टूडेंट्स को भी इसमें जोड़ा जाएगा। ब्यूरो के इस कार्यक्रम को लर्निंग साइंस वाया स्टैंडर्ड पहल का नाम दिया गया है। स्टूडेंट्स को करेंगे अवेयर


इन क्लब के जरिए स्टूडेंट्स को सेमिनार, वर्कशॉप, भाषण और क्विज प्रतियोगिता के जरिए कीमती धातुओं की गुणवत्ता और उनकी पहचान करना सिखाया जाएगा। उन्हें आईएसआई मार्क के बारे में बताया जाएगा। मानक ब्यूरो के दायित्वों की जानकारी दी जाएगी। कुछ स्कूलों में इसकी शुरुआत कर दी गई है। जहां बताया जा रहा है कि अगर कोई प्रॉडक्ट खराब निकलता है तो इसकी शिकायत कहां कर सकते हैं। इसके लिए स्कूलों में जागरुकता कार्यक्रम कराए जा रहे हैं और उन्हें सोने की शुद्धता पहचानने और आभूषणों की हॉलमार्किंग आदि की जानकारी भी दी जा रही है।स्टैंडर्ड क्लब में ये हैं शामिल

भारतीय मानक ब्यूरो स्टैंडर्ड क्लब में कक्षा नवीं से बारहवीं में स्कूली विद्यार्थी व एक मेंटर शिक्षक और एक छात्र को शामिल किया गया है। स्टैंडर्ड क्लब में स्कूल प्रिंसिपल की ओर से नॉमिनेट सांइस टीचर मेंटर के रूप में काम करता है, जिसे मानक ब्यूरो की ओर से ट्रेनिंग दी जाती है। मेंटर्स की ओर से स्कूल में बनाए गए स्टैंडर्ड क्लब में कम से कम 15 विद्यार्थी सदस्य होते हैं, जो कक्षा 9 से 12 में अध्ययनरत होने चाहिए तथा इस क्लब का एक लीडर छात्र होता है।हर स्कूल को 10 हजार का बजटभारतीय मानक ब्यूरो की ओर से प्रति स्कूलों में इन गतिविधियां के लिए 10 हजार रुपए बजट भी दिया गया है। इसके लिए स्टैंडर्ड क्लब के मेंटर का खाता खोला गया है। प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थियों को सम्मानित किया जा रहा है। मेंटर को स्कूल में आयोजित गतिविधियों की रिपोर्ट ब्यूरो को देनी होती है।ऐसे होती है प्रोडक्ट की जांच

कोई भी उपभोक्ता मोबाइल में बीआईएस केयर एप डाउनलोड कर आईएसआई मार्क की जांच कर सकता है। इसके लिए उसे सीआरएस के तहत आर नंबर सत्यापित करना होता है और एप में उत्पाद की पंजीकरण संख्या दर्ज कर, लाइसेंस विवरण पर टैप करके सीएमएल संख्या दर्ज करनी होती है, जिससे उत्पाद के ऊपर लगे आईएसआई मार्क के असली होने पर उत्पाद विवरण प्राप्त हो जाता है। नकली मार्क होने पर कोई विवरण प्राप्त नहीं होता।

Posted By: Inextlive