- अंडर 19 व‌र्ल्ड कप के प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट यशस्वी जायसवाल ने गोरखपुर से ली थी छक्के मारने की ट्रेनिंग

- कोच ज्वाला सिंह के साथ पहुंचे गोरखपुर

अंडर क्9 व‌र्ल्ड कप के प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट यशस्वी जायसवाल ने गोरखपुर से ली थी छक्के मारने की ट्रेनिंग

- कोच ज्वाला सिंह के साथ पहुंचे गोरखपुर

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anurag.pandey@inext.co.in

GORAKHPUR:

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GORAKHPUR: दिन और रात कड़ी प्रैक्टिस कर कोच ज्वाला सिंह को वो मकाम ना मिला लेकिन उनका सपना आज यशस्वी जायसवाल पूरा कर रहे हैं। ज्वाला सिंह यशस्वी का टैलेंट देख बचपन में ही उनके कायल हो गए। उन्हें लगा ये कुछ कर सकता है, इसी सोच के साथ यशस्वी को ट्रेनिंग देनी शुरू की। जिसका नतीजा है कि दक्षिण अफ्रीका में हाल ही में हुए अंडर क्9 क्रिकेट व‌र्ल्ड कप में एक शतक के साथ ब्00 रन बनाकर यशस्वी 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' बने। क्रिकेट की दुनिया में गोलगप्पा ब्वॉय के नाम से मशहूर यशस्वी जायसवाल अपने कोच ज्वाला सिंह के साथ उनके गांव गगहा पहुंचे। कोच ज्वाला सिंह ने बताया कि यशस्वी का अगला टारगेट अब आईपीएल में अपना रंग बिखेरना है।

कमाना है आईपीएल में नाम

यशस्वी अपने कोच ज्वाला सिंह के साथ गांव के लोगों से मिले और खूब बातें की, फोटो क्लिक कराए। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम से बात करते हुए ज्वाला सिंह ने कहा कि यशस्वी का सपना अब आईपीएल में धमाकेदार बल्लेबाजी करने के साथ गेंदबाजी में भी योगदान देना है। हम चाहते हैं कि आईपीएल में प्रदर्शन जोरदार हो और राजस्थान रॉयल्स एक बार फिर आईपीएल के खिताब पर कब्जा करे। आईपीएल ख्0ख्0 के लिए राजस्थान रॉयल्स से यशस्वी को ख्.ब्0 करोड़ में खरीदा है।

पाकिस्तान के खिलाफ लगाया शतक

यशस्वी के कोच ज्वाला सिंह ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि यशस्वी ने अंडर क्9 क्रिकेट कप में बेहतरीन बल्लेबाजी की। लेकिन कोच की नजर से देखता हूं तो मुझे लगता है कि यशस्वी के खाते में एक की जगह तीन शतक होने चाहिए थे। यशस्वी ने पाकिस्तान के खिलाफ शतक लगाया था। इसके अलावा तीन बार उसने पचासा लगाया जिसे शतक में बदला जा सकता था। कोच ने कहा कि यशस्वी के पास क्रिकेट की नैसर्गिक क्षमता है जो उसे अलग बनाती है।

हर फार्मेट में हो यशस्वी परफेक्ट

एक साल के जवाब में यशस्वी के कोच ज्वाला सिंह ने कहा कि ख्0-ख्0, एकदिवसीय या टेस्ट क्रिकेट का कोई भी फार्मेट हो, यशस्वी सभी के लिए उपयुक्त खिलाड़ी हैं। उन्होंने कहा कि हर फार्मेट में क्रिकेट ही खेलना होता है। बस फार्मेट के अनुसार माइंडसेट बदलना होता है। जब यशस्वी मेरे साथ आया तो हमारी योजना सिर्फ अच्छा खेलने की थी। आज भी यही सोचा है। हर खिलाड़ी का सपना ब्लू कैप पहनकर इंडिया टीम में खेलने का होता है।

गोरखपुर से जुड़ी हैं यशस्वी की यादें

व‌र्ल्ड कप की तैयारियों में जुटे यशस्वी मुंबई में लगातार बारिश के चलते प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में वह बीते सितंबर में कोच ज्वाला सिंह के साथ गोरखपुर आ गए थे। शहर के सेंट एंड्रयूज कॉलेज के ग्राउंड पर यशस्वी ने सात दिनों तक प्रैक्टिस की थी। कोच ज्वाला बताते हैं कि बारिश के चलते बल्ले पर गेंद रुक-रुक कर आ रही थी। वह झल्ला रहा था। बोला, सर लंबा शॉट खेलना चाहता हूं। तीन दिनों तक वह लंबे शॉट की प्रैक्टिस करता रहा। इस दौरान ब्00 से अधिक छक्के मारे। कई बार गेंद सड़क पर गई।

डेली ख्0 गेंद कर देते हैं गायब

कोच ज्वाला सिंह ने बताया कि डेली वे ख्ब् गेंद लेकर प्रैक्टिस के लिए आते थे। जिसमें से ख्0 गेंद यशस्वी लंबे शॉट खेलकर गायब कर दिया करते थे।

कोच गिफ्ट करेंगे फोर व्हीलर

कोच ज्वाला सिंह ने यशस्वी से वादा किया था कि वे व‌र्ल्ड कप में अच्छा परफॉर्म करेंगे तो उन्हें फोर व्हीलर गिफ्ट करेंगे।

Posted By: Inextlive