आरटीओ का सिस्टम हैक होने या तकनीकी खामी के बाद भी वाहनों के कागजात सुरक्षित रहेंगे. डुप्लीकेट दूसरा रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट आरसी बनवाना आसान होगा. वाहनों के ट्रांसफर स्थानांतरण में भी हेराफेरी की आशंका समाप्त होगी.


गोरखपुर (ब्यूरो)। अब ऑनलाइन होने के बाद भी वाहनों के सेल लेटर, पंजीकरण, बीमा, माडल, खरीद और बिक्री से संबंधित मूल पत्रावली सुरक्षित रहेगी। वाहनों से संबंधित एक भी अभिलेख डीलर (विक्रेता) के पास नहीं रहेंगे। क्रेता निजी वाहनों के अभिलेख अपने पास रखेंगे। कामर्शियल वाहनों की फाइलें आरटीओ में रखी जाएंगी। तीन अक्टूबर से हुई व्यवस्था


वाहन स्वामियों को राहत प्रदान करने तथा व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए शासन के दिशा-निर्देश पर परिवहन विभाग ने तीन अक्टूबर से वाहनों के अभिलेख से संबंधित नई व्यवस्था लागू कर दी है। नई व्यवस्था के अंतर्गत वाहन से संबंधित सभी अभिलेख परिवहन विभाग के वाहन पोर्टल पर ऑनलाइन कर दिए जाएंगे। डीलर सिर्फ वाहनों का पंजीकरण और हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट नंबर लगाने का कार्य करेंगे। पंजीकरण के बाद डीलर वाहन से संबंधित सभी अभिलेख क्रेता को सौंप देंगे। साथ ही वे वाहन पोर्टल पर सभी अभिलेख लोड कर देंगे।

क्रेता को देना होगा शपथपत्र

क्रेता को शपथ पत्र देना होगा कि आवश्यकता पडऩे पर वह वाहन की मूल पत्रावली परिवहन विभाग के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। अभी तक डीलर वाहनों का पंजीकरण करने के साथ मूल पत्रावली भी अपने पास रख लेते थे। वाहन स्वामी के पास सिर्फ आरसी रहता था, लेकिन जब वाहन की मूल पत्रावली की आवश्यकता पड़ती थी तो डीलर उसे प्रस्तुत नहीं कर पा रहे थे। इसके चलते वाहन स्वामी और परिवहन विभाग को मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। जनपद में अगस्त में ही 5815 वाहनों का पंजीकरण हुआ है। मूल पत्रावली से संबंधित परिवहन आयुक्त का दिशा-निर्देश मिला है। अनुपालन कराने के लिए संबंधित अधिकारियों और डीलरों को निर्देशित कर दिया गया है। इस व्यवस्था से विभाग और वाहन स्वामियों को राहत मिलेगी। संजय कुमार झा, आरटीओ प्रवर्तन

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