Gorakhpur :हजारों की भीड़ में अगर अलग पहचान बनानी हो तो कुछ नया करना पड़ता है. इसके लिए सिर्फ पॉजिटिव सोच और उसको पूरा करने के लिए जज्बा चाहिए. यूं तो सिटी में सैकड़ों कॉलेजेज में लाखों स्टूडेंट्स स्टडी कर रहे हैं लेकिन इनमें से कुछ ही ऐसे होते हैं जो अपनी अलग पहचान बनाते हैं और अपने मां बाप के साथ कॉलेज का नाम भी रोशन करते हैं. डीडीयू से हर इयर हजारों की तादाद में स्टूडेंट्स पास होकर निकल जाते है लेकिन इनमें से कुछ ही ऐसे होते हैं जिनको सभी जानते हैं. डीडीयू से हर इयर ऐसे 1300 स्टूडेंट्स पास होते हैं जो एकेडमिक के साथ सोशल फील्ड में भी पार्टिसिपेशन कर अलग पहचान बनाते हैं.


 

एनएसएस है बेस्ट प्लेटफॉर्मडीडीयू में अपनी अलग पहचान बनाने के लिए हर साल सैकड़ों स्टूडेंट्स डिफरेंट प्रोग्राम में पार्टिसिपेट करते है। इसमें उन्हें एनएसएस एक बेहतर प्लेटफॉर्म मुहैया करता है। एनएसएस के थ्रू स्टूडेंट्स को सोशल एक्टिविटी में तो पार्टिसिपेशन का मौका मिलता ही है साथ ही वह एक्साइटिंग टूर, एडवेंचरस कैंप के साथ स्पेशल एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करते हैं। यही वजह है कि एनएसएस में एडमिशन के लिए सिर्फ डीडीयू में ही नहीं बल्कि इससे एफिलिएटेड कॉलेजेज में भी जद्दोजहद हुआ करती है, लेकिन लिमिटेड सीट्स होने की वजह से सबको मौका नहीं मिल पाता. 
डीडीयू में 1300 स्टूडेंट्स को मिलता है मौकाडीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी के एनएसएस कोऑर्डिनेटर डॉ। अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि यूं तो डीडीयू और उससे एफिलिएटेड कॉलेजेज में कुल मिलाकर 33000 एनएसएस वालेंटियर्स हैं। इनमें से डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी के 1300 वालेंटियर्स है, इसलिए नहीं कि यहां पर स्टूडेंट्स को इस संबंध में इंटरेस्ट नहीं है बल्कि इसलिए कि यहां पर सिर्फ एनएसएस की 13 यूनिट हैं, जिसमें 4 गर्ल्स और 9 ब्वाएज की यूनिट हैं। इसमें हर यूनिट में सिर्फ 100 वालेंटियर्स को रखने की परमिशन है। इसकी वजह से यह तादाद 1300 पर ही सिमट जाती है. 

सोशल वर्क के साथ एक्साइटमेंट का मिलता है मौकाडॉ। अजय ने बताया कि एनएसएस सिर्फ सोशल वर्क के लिए ही नहीं है बल्कि इससे स्टूडेंट्स को काफी कुछ सीखने को मिलता है। एनएसएस में स्टूडेंट्स को ब्लड डोनेशन, हेल्प, श्रमदान के साथ मोटीवेशनल और अवेयरनेस कैंप में पार्टिसिपेशन का मौका तो मिलता ही है, साथ में एडवेंचरस कैंप में उन्हें ट्रैकिंग, क्लाइंबिंग आदि की भी जानकारी मिलती है.फायदेमंद है एनएसएसडॉ। अजय की माने तो ऐसा नहीं कि एनएसएस सिर्फ स्टूडेंट्स से मेहनत करवाता है और उन्हें कुछ नहीं देता। एनएसएस उनके पर्सनालिटी डेवलपमेंट में मददगार तो है ही, साथ में इसका सर्टिफिकेट भी काफी मायने रखता है। सिर्फ लोकल लेवल पर नहीं बल्कि सभी तरह की गवर्नमेंट जॉब में इसका सर्टिफिकेट पेश करने पर वेटेज मिलता है। इसके साथ ही कई स्ट्रीम और भी हैं, जहां इस सर्टिफिकेट का फायदा मिलता है। साथ ही सोशल प्रोग्राम्स में पार्टिसिपेट करने से सोशल रुतबा भी बढ़ता है.एनएसएस यूनिट इन डीडीयू- रानी लक्ष्मी बाई- निवेदिता- प्रियदर्शनी- चेतना- बुद्धा- टैगोर- गोरक्ष- शिवम- गांधी- विवेकानंद- कबीर- शास्त्रीReport By : syedsaim.rauf@inext.co.in

 

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