Gorakhpur : बाइक और कंप्यूटर यूथ को ऑर्थराइटिस का पेशेंट बना रहे हैं. खुद को अट्रैक्टिव दिखाने से लेकर एंटरटेनमेंट को भी यूथ अपने इन्हीं शौक में पूरा कर रहे हैं. इस शौक में गर्ल्स भी पीछे नहीं हैं. मगर यूथ का यह शौक उसे बीमार कर रहा है. 40 साल से अधिक एज में होने वाला ऑर्थराइटिस अब यूथ को भी सता रहा है. पिछले 7 साल में ऑर्थराइटिस ने यूथ को तेजी से जकड़ा है.


16 से 20 साल की girls बन रहीं patientsकंप्यूटर के की-बोर्ड यूथ ने दुनिया यूथ की मुट्ठी में कर दी है। लेकिन यह उन्हें गंभीर बीमारी गिफ्ट में दे रहा है। की-बोर्ड के अधिक यूज और बाइक राइडिंग करने वाले यूथ रियूमेटॉइड ऑर्थराइटिस की चपेट में आ रहे हैं। यह डिजीज गर्ल्स को अपना शिकार ज्यादा बना रही है। 16 से 20 साल की उम्र में गर्ल्स में यह प्रॉब्लम सामने आ रही है। पिछले 7 साल में मेडिकल कॉलेज और डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में आए ऑर्थराइटिस के कुल पेशेंट्स में रियूमेटॉइड आर्थराइटिस के पेशेंट की संख्या दो तिहाई है। सिटी में तेजी से फैल रहा gout


आस्टियो, रियूमेटॉइड के बाद सिटी में गाउट आर्थराइटिस तेजी से फैल रहा है। डायबिटीज, एचआईवी, हाइपरटेंशन और हार्ट डिजीज से अधिक तेजी से गाउट ऑर्थराइटिस फैल रहा है। फास्ट लाइफ और बदली स्टाइल ने यूथ को गाउट का मरीज बना दिया है। अनहाइजेनिक डाइट के अलावा शराब और स्मोकिंग यूथ को गाउट का मरीज बना रहा है। स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स का मानना है कि पांच साल पहले गाउट का मरीज बमुश्किल इलाज के लिए आता था, मगर अब ऐसी कोई ओपीडी नहीं बीतती, जब गाउट ऑर्थराइटिस का मरीज इलाज के लिए न आए। इस बीमारी में ब्लड में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, जो धीरे-धीरे ज्वाइंट को डेमेज कर देती है। गाउट मरीजों में हार्ट और किडनी की बीमारी होने के चांस कई गुना बढ़ जाते हंै। osteoarthritis के 40 मिलियन पेशेंटऑस्टियो ऑर्थराइटिस के करंट में 40 मिलियन पेशेंट हैं। वैसे तो ऑर्थराइटिस के कई प्रकार है। मगर सबसे अधिक लोग आस्टियो से ग्रसित है। आस्टियो जनरली 40 साल से अधिक एज पर होता है। हालांकि इसमें अधिक बाइक चलाना खतरनाक नहीं होता है। मगर छोटा भी एक्सीडेंट और घुटने की चोट खतरनाक हो सकती है और वह ऑर्थराइटिस का पेशेंट बना सकती है। आस्टियो में फीमेल की संख्या जेंट्स की अपेक्षा दोगुना होती है। डॉक्टरों का कहना है कि 2020 तक आस्टियो के पेशेंट की संख्या 60 मिलियन पहुंचने के आसार है। आस्टियो ऑर्थराइटिस सबसे अधिक अधिक वेट वाले को होता है। आर्थराइटिस अब बेसिकली नौजवानों की बीमारी बन गई है। फास्ट लाइफ स्टाइल और अनहाइजीन खान-पान ने यूथ को ऑर्थराइटिस का मरीज बना दिया है। हालांकि इस बीमारी का रूप चेंज है। 40 साल से अधिक एज के लोगों को आस्टियो ऑर्थराइटिस होता है तो यूथ को रियूमेटॉइड ऑर्थराइटिस हो रही है। इसके मरीज पिछले पांच साल में कई गुना बढ़ गए हंै। डॉ। इमरान अख्तर, ऑर्थो सर्जन

अभी तक ऑर्थराइटिस 40 साल से अधिक एज के लोगों को होता था। मगर अधिकांश यूथ रियूमेटॉइड ऑर्थराइटिस से पीड़ित हो रहे हैं। इसके पीछे उनकी बदली लाइफ स्टाइल है। बॉडी के लिए रिलेक्स जरूरी है, मगर कॉम्पटीशन के दौर में यूथ के लिए यह काफी मुश्किल हो रहा है। इस बीमारी के मरीज पिछले पांच साल में तेजी से बढ़े है। - डॉ। ओपी चौधरी, सीनियर ऑर्थो सर्जन, गोरखपुर----------सिटी में arthritisइयर      - मरीज2005     - 502006     - 1202007     - 1902008     - 2602009     - 2802010     - 2902011     - 310 2012     - 400(बीआरडी मेडिकल कॉलेज और डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के आंकड़े)-------DO THIS- हाइजेनिक डाइट लें- लाल मीट, चर्बीदार खाने, मैदा, दाल, साफ्ट ड्रिंक और अधिक मात्रा में प्रोटीन न लें।- शराब का सेवन न करें।- वेट कंट्रोल रखे।- अधिक पानी पिएं।- डेली एक्सरसाइज करें

Posted By: Inextlive