ये लो..यहां 10 गुना जुर्माना भी बना फायदे का सौदा
हेडि्रंग: सड़कों पर मौत बांट रहे ओवरलोड वाहन
-ओवरलोड वाहन से 10 गुना टोल वसूलने के आदेश के बाद भी धड़ल्ले से बड़े ट्रांसपोर्टर करा रहे ओवरलोडिंग-हमीरपुर रोड पर सबसे ज्यादा 'यमराज' बन फर्राटा भरते ओवरलोड वाहन, प्रतिदिन हो रही तीन से चार मौतें-परमिट कैंसिल होने की कार्रवाई के बिना नहीं रुकेगी ओवरलोडिंग, कुछ अफसर भी निभाते हैं 'याराना'आदेशों को हवा में उड़ा रहेसोर्सेज की माने तो ट्रांसपोर्टर्स विभाग और शासन में ऊपर स्तर तक 'सेटिंग' के दम पर ही सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेशों को हवा में उड़ा रहे हैं। जिसका नतीजा ये है कि आकड़ों के मुताबिक नौबस्ता से घाटमपुर 40 किमी। के सफर में डेली 3 से 4 लोगों की मौत ओवरलोड वाहनों की वजह से हो रही है।
रोड भी खराब कर रहे हैं
जीटी रोड हो, नेशनल हाइवे की रोड हो या फिर सिटी की रोड हो, ओवरलोड वाहन दिन पर दिन इन रोड्स को जर्जर करते जा रहे हैं। जो एक्सीडेंट की सबसे बड़ी वजह बनती जा रही है।
10 गुना टोल देने के बाद भी मुनाफा
मौरंग व गिट्टी की ढुलाई कराने वाले एक बड़े ट्रांसपोर्टर ने नाम न पब्लिश करने की रिक्वेस्ट पर बताया कि छोटे ट्रांसपोर्टर गाड़ी थाने में बंद होने के डर से वर्तमान में अंडर लोड ट्रक चलवा रहे हैं। वहीं बड़े ट्रांसपोर्टर टोल में ओवरलोडिंग का 10 गुना टोल जुर्माना अदा कराने के बाद भी ओवरलोड ट्रक चलवा रहे हैं। कारण एक ट्रांसपोर्टर के पास 200 से अधिक ट्रक हैं, जिसमें एक चक्कर लगाने में प्रति गाड़ी 50 हजार रुपये की बचत होती है। पांच ओवरलोड वाहन पर एआरटीओ के जुर्माना करने पर भी उनको कोई फर्क नहीं पड़ता है।
एआरटीओ प्रवर्तन प्रभात पांडेय के मुताबिक जेएमडी, जेकेएन, मनीषा रोड लाइन व अर्चना ट्रांसपोर्टर कंपनी के ट्रक हमेशा ओवरलोडिंग करके चलते हैं। इन कंपनियों के ट्रक में मानक से दोगुना माल लोड होता है। इनके आदमी आरटीओ व एआरटीओ की गाड़ी को फॉलो करते हैं। कभी-कभी अचानक छापेमारी के दौरान इनकी कई गाडि़यों पर कार्रवाई भी की गई है। इन कंपनियों के ट्रक एक साथ दर्जनों के हिसाब से चलते हैं। चेकिंग स्टाफ कम होने की वजह से हम लोग एक-दो ट्रक की पकड़ पाते हैं। बाकि वहां से भाग जाते हैं।
शासन तक पैठ होने का करते दावा
जहां एक तरफ प्रदेश सरकार ने ओवरलोड वाहनों पर अंकुश लगाने का आदेश जारी किया है। वहीं ओवर लोडिंग कराने वाले कुछ बड़े ट्रांसपोर्टर एआरटीओ चेकिंग टीम को शासन तक पैठ होने की धमकी देते हैं। विभागीय सोर्सेस के मुताबिक ओवरलोड वाहनों पर अंकुश लगाने पर आरटीओ प्रवर्तन ने टीम तैयार कर विभिन्न रूटों में 24 घंटे चेकिंग टीम तैनात कर दी थी, लेकिन कुछ दिन बाद ऊपर लेवल से अभियान धीमा करने के लिए फोन आ गया था।
सोर्सेस के मुताबिक ओवरलोड वाहन लोडिंग करने के बाद पूरा दिन रामपुर मोड़ में सड़क किनारे व खेतों में व रमईपुर पार्किंग में खड़े रहते हैं। रात नौ बजे नो एंट्री खुलने के बाद इनके वाहन सड़कों में फर्राटा भरने लगती है। सुबह होते-होते यह ट्रक लखनऊ मौरंग मंडी व कानपुर नौबस्ता मंडी में खड़े होते हैं।मानक के मुताबिक होना चाहिए सामान10 टायर ट्रक में 25 टन गाड़ी समेत12 टायर ट्रक में 31 टन गाड़ी समेत14 टायर ट्रक में 38 टन गाड़ी समेत
खराब रोड्स भी बड़ा कारण
बड़े ट्रांसपोर्टरों का नेटवर्क बहुत तगड़ा है। यह चेकिंग टीम को फॉलो करते हैं जोकि एआरटीओ की लोकेशन उन तक पहुंचाते रहते हैं। चेकिंग के लगते ही ओवरलोड वाहन ढाबे व पेट्रोल पंपों में खड़ा कर देते हैं। जिस पर कार्रवाई करना मुश्किल होता है। लेकिन इनके खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। ओवरलोडिंग से एक्सीडेंट्स की बढ़ती संख्या के अलावा खराब रोड्स भी बड़ा कारण है.
प्रभात पांडेय, एआरटीओ प्रवर्तन