आईआईटी कानपुर में तैयार हो रहे स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी एसएमआरटी को दो पूर्व स्टूडेंट ने 37 करोड़ रुपये का सहयोग किया है. डॉ. देव जोनेजा और उनकी पत्नी टेरी मुसोन ने 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि दान की है जबकि हेमंत जालान ने 18 करोड़ रुपये का दान दिया. दोनों पूर्व स्टूडेंट को अब संस्थापक दाताओं के रूप में एसएमआरटी के सलाहकार बोर्ड में शामिल किया गया है. निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने दोनों महानुभावों की सराहना की है.

कानपुर (ब्यूरो) स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी आईआईटी कानपुर की एक अनोखी पहल है। जिसका उद्देश्य चिकित्सा और प्रौद्योगिकी विषयों के बीच अंतर को कम करके भारत में चिकित्सा शिक्षा में क्रांति लाना है। परियोजना के पहले चरण में 500 बेड के सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल के साथ अत्याधुनिक चिकित्सा अनुसंधान और नवाचार की दिशा में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) की स्थापना शामिल होगी। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) को अस्पताल के प्रमुख नैदानिक विभागों और आईआईटी कानपुर के विभिन्न इंजीनियरिंग विभागों की बायोमेडिकल विशेषज्ञता के साथ काम करने की उम्मीद है।

इनोवेशन में नई दिशा देगा आईआईटी
डॉ। देव जोनेजा ने कहा स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी (एसएमआरटी), चिकित्सा अनुसंधान, शिक्षा और इनोवेशन में एक नई दिशा देगा। यह प्रौद्योगिकी में आईआईटी की स्थापित मुख्य ताकत का एक बड़ा संयोजन है। मेरी पत्नी टेरी और मुझे विश्वास है कि संस्थान और इसका नेतृत्व महत्वाकांक्षी परियोजना को पूरा करेगा।

आईआईटी को दी गुरु दक्षिणा
हेमंत जालान ने कहा कि मैं हमेशा संस्थान को सार्थक तरीके से अपना योगदान (गुरुदक्षिणा) देना चाहता था, और एसएमआरटी की अवधारणा ने मुझे बहुत आकर्षित किया। मुझे उम्मीद है कि स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी पहल वैज्ञानिक समुदाय के भीतर आईआईटी कानपुर के कद को ऊपर उठाएगी।

Posted By: Inextlive