During the convocation ceremony at IITK i next reporter spent some time with those who could get something extra. On discussing about the new proposed JEE pattern most of them did not find the same to be feasible. Check out who said what.


Winners of President's Gold Medalशुभायु चैटर्जी : फिजिक्स में शानदार माक्र्स स्कोर करने वाले शुभायु ने प्रेसीडेंट गोल्ड मेडल टैली में फस्र्ट प्लेस हासिल किया है। भविष्य की योजनाओं पर शुभायु ने बताया कि वो नौकरी के बजाय आगे भी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने एक अच्छी कम्पनी का जॉब ऑफर भी ठुकरा दिया। हायर स्टडीज के लिए वो पीएचडी करने अमेरिका जाने वाले हैं। अंकित कुमार :


प्रेसीडेंट गोल्ड मिलने पर बेहद खुश नजर आ रहे कंप्यूटर साइंस से बीटेक अंकित ने कहा कि आईआईटी जेईई का पैटर्न रिनाउन्ड है। इसमें हुए बदलाव से वो सहमत नहीं हैं। जेईई का पुराना पैटर्न काफी अच्छा है। सीनेट की रिकमेंडेशन्स बेटर हैं। जरूरत पडऩे पर वो सुप्रीम कोर्ट भी जाएं। एचआरडी मिनिस्ट्री द्वारा बोर्ड माक्र्स का वेटेज निकालने के लिए इजाद किया फॉर्मूला मैजिकल नहीं है, ना ही टेस्टेड। इसे तत्काल प्रभाव से कैंसिल कर देना चाहिए। आशीष गुप्ता :

कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग से बीटेक आशीष गुप्ता भी सिंगल एंट्रेंस फॉर्मेट को सही नहीं मानते। आशीष का मानना है कि आईआईटी के प्रोफेसर्स को मालूम है कि कैसे बच्चे सेलेक्ट करने हैं। इसलिए जेईई के सारे अधिकार आईआईटी के पास ही सुरक्षित रहने चाहिए। स्टडी प्रेशर की वजह से इंस्टीट्यूट में होने वाले सुसाइड्स पर बोलते हुए आशीष ने कहा कि यह स्टूडेंट पर डिपेंड करता है कि वो यहां की स्टडी को किस तरह से लेता है। वैसे यहां की फैकल्टी और माहौल दोनों ही अच्छे हैं। Winners of Director's Gold Medalइलाहाबाद के तेज प्रताप को इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ब्रांच में टॉप करने पर डायरेक्टर्स गोल्ड मेडल से नवाजा गया। जेईई के सिंगल एंट्रेंस पर तेज प्रताप ने भी ऑब्जेक्शन किया। उन्होंने बताया कि जेईई का मौजूदा पैटर्न अप टू द मार्क है। इसमें किसी तरह के बदलाव की जरूरत नहीं है। पैटर्न को चेंज नहीं किया जाना चाहिए। पर्णिका अग्रवाल : कानपुर के कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ। पीके अग्रवाल और गायनोकोलॉजिस्ट डॉ। नीरजा अग्रवाल की बेटी पर्णिका को बेस्ट एकेडमिक परफॉर्मेंस और बत्रा गोल्ड मेडल से नवाजा गया। पर्णिका को इंजीनियरिंग की इंस्पिरेशन अपने चाचा और कस्टम एंड एक्साइज कमिश्नर बीबी अग्रवाल से मिली। हायर स्टडीज के लिए पर्णिका ने लाखों का सैलरी पैकेज ठुकरा दिया। अब वो एमआईटी बोस्टन से मास्टर्स और पीएचडी करेगी। जेईई के नए पैटर्न पर पर्णिका ने कहा कि इस पूरे फॉर्मेट में सिर्फ एप्टीट्यूड टेस्ट ही यूजफुल है। ----------------------------रतन स्वरूप मेमोरियल प्राइज winnerअभिनव प्रतीक 

जमशेदपुर के अभिनव प्रतीक ने अपने पिता के नक्शे कदम पर चलकर मैकेनिकल में थर्ड पोजीशन हासिल कर रतन स्वरूप मेमोरियल प्राइज जीता। अभिनव के पिता सुरेश अग्रवाल भी 1980 में आईआईटी कानपुर से मैकेनिकल में बीटेक डिग्री हासिल कर टाटा स्टील में जॉब कर रहे हैं। अभिनव के अनुसार टाइम मैनेजमेंट और लक्ष्य के साथ पढ़ाई करने से सफलता आसानी से मिल जाती है। आईआईटी जेईई में मैथ्स पर ज्यादा फोकस करना चाहिए। फिजिक्स-कैमिस्ट्री स्कोरिंग सब्जेक्ट होते हैं। सिंगल एंट्रेंस फॉर्मेट पर अभिनव और उनके पिता दोनों का ही कहना है कि आईआईटी की एक ब्रांड इमेज है। एक फॉर्मूले के दम पर सभी बोर्ड के माक्र्स को एक लेवल पर नहीं लाया जा सकता। इसे लागू नहीं करना चाहिए।

Posted By: Inextlive