सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की कराचीखाना शाखा में लॉकर से जेवरात गायब होने की वारदातें सामने आने पर मंगलवार को अपना लॉकर खुलवाने के लिए लाकरधारकों की भीड़ लग गई. लॉकर होल्डर्स ने फॉरेंसिक जांच कराने की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया. वहीं लखनऊ से आए एफजीएम ने लॉकर रूम का निरीक्षण करने के बाद बैंक प्रशासन को क्लीन चिट दी तो कस्टमर्स भड़क गए. बैंक में हंगामे के चलते पुलिस भी पहुंच गई.


कानपुर (ब्यूरो) बैंक प्रबंधन ने मंडे को शाखा प्रबंधक रामप्रसाद और लॉकर इंचार्ज शुभम मालवीय को हटा दिया था और लॉकरधारकों से अनुरोध किया था कि अपना लॉकर खोलकर चेक कर लें। इसके चलते मंगलवार को बैंक खुलते ही लॉकर धारकों की भीड़ लग गई। लॉकरधारकों ने पहले फॉरेंसिक जांच की मांग रखी जिससे लॉकर पर लगे फिंगरप्रिंट सुरक्षित हो सकें। वहीं बैंक प्रबंधन लॉकर खोलकर देखने के लिए कह रहा था, इसे लेकर काफी देर तक हंगामा चलता रहा।

पुलिस कर रही जांच
दोपहर करीब 12:45 बजे सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के फील्ड जनरल मैनेजर एसके गुप्ता लखनऊ से आए और उन्होंने लॉकर रूम को चेक किया। इसके साथ ही दो महिला कस्टमर्स को उनके लॉकर खुलवाकर दिखाए। लॉकर में सामान सुरक्षित पाया गया। इसके बाद उन्होंने बैंक शाखा को क्लीन चिट देते हुए कहा कि लॉकर रूम सुरक्षित है। जांच में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। इसे देखते हुए हटाए गए शाखा प्रबंधक व लॉकर इंचार्ज को दोबारा तैनात कर दिया गया है। लॉकर से जेवर गायब होने के मामलों में पुलिस जांच कर रही है, जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

Posted By: Inextlive