मुंबई पर साल 2008 में हुए चरमपंथी हमले की चौथी बरसी के मौके पर मुंबई के चौपाटी स्थित पुलिस जिमखाना में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ है जिसमें मुंबई हमले में मारे गए लोगों की याद में बनाए गए 'स्मारक' का लोकार्पण किया गया.

ये स्मारक उन लोगों को श्रद्धांजलि स्वरूप बनाया गया है, जिन्होंने इस चरमपंथी हमले के दौरान जान गंवाई थी। मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, कृषि मंत्री शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और राज्य के गृहमंत्री आरआर पाटिल भी पहुंचे।

इनके अलावा महाराष्ट्र सरकार के कई मंत्री भी कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके बाद गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे श्रद्धांजलि कार्यक्रम में हिस्सा लेने नरीमन हाउस भी जाएंगे। मुंबई हमले के दौरान मारे गए पुलिस अधिकारियों के परिजन भी उन्हें श्रद्धांजलि देने पुलिस जिमखाना पहुंचे।

कड़ी सुरक्षा

इस बीच मुंबई हमले की चौथी बरसी और इन हमलों के प्रमुख अभियुक्त अजमल कसाब को दी गई फांसी के मद्देनज़र मुंबई में सुरक्षा के व्यापक इंतज़ाम किए गए हैं। पुलिस आयुक्त सत्यपाल सिंह ने कहा है कि खतरे का कोई आभास नहीं है लेकिन पिछले एक हफ्ते से मुंबई को अलर्ट पर रखा गया है।

एक संवाददाता सम्मेलन में पुलिस आयुक्त ने कहा, ‘‘मुंबई वित्तीय राजधानी है देश की और खतरा तो हमेशा रहता है लेकिन पुलिस पूरी तरह तैयार है.’’

कसाब की फांसी के बाद तहरीक एक तालिबान पाकिस्तान के प्रवक्ता एहसानुल्ला एहसान ने धमकी दी थी कि भारत पर हमले किए जाएंगे जिसके बाद सुरक्षा को और कड़ा कर दिया गया है।

इस बारे में पूछे जाने पर पुलिस अधिकारी का कहना था, ‘‘ ऐसी धमकियां तो आतंकवादी संगठन देते रहते हैं’’ उन्होंने बताया कि पुलिस हर तरह से चाक चौबंद है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने कई स्तर पर तैयारी कर रखी है।

पुलिस आयुक्त के अनुसार मुंबई पुलिस ने सूचनाएं जुटाने के काम को चार वर्षों में काफी पुख्ता कर लिया है और थानों के स्तर पर खुफिया जानकारियां जुटाई जा रही हैं।

सुरक्षा व्यवस्था की और जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि शहर में फर्स्ट रिस्पांस टीम का गठन किया गया है जिसके अलावा एटीएस और अन्य बलों की टीमें भी हैं।

चार साल पहले 26 नवंबर के ही दिन मुंबई पर चरमपंथियों ने हमला किया था। इस हमले में लियोपोल्ड होटल, कामाजी अस्पताल,छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, ओबेरॉय होटल, नरीमन हाउस और ताज होटल को निशाना बनाया गया था।

इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे। हमलों की बरसी पर प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया जाएगा और कई अन्य कार्यक्रम भी होने वाले हैं।

Posted By: Inextlive