फेस्टिव सीजन शुरू होते ही नकली नोट के सौदागर एक्टिव हो गए हैं. घाटमपुर पुलिस ने शहर में फेक करेंसी खपाने वाले गिरोह के दो शातिरों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनसे पूछताछ शुरू की तो मामला कहीं बड़ा निकला. गिरोह नकली नोट छापने की फैक्ट्री चला रहे थे. पुलिस ने इनके कब्जे से 100-100 के कुल 421 नकली नोट नोटों की साइज में कटे कागज एक प्रिंटिंग मशीन और अद्र्ध निर्मित जाली नोट बरामद किए हैैं. खास बात ये है कि गिरोह चलाने वाले शातिरों में मुख्य आरोपी हाईस्कूल फेल है.

कानपुर (ब्यूरो) पुलिस ने जब इन्हें गिरफ्तार किया तो ये नकली नोट की सप्लाई देने जा रहे थे। दोनों ने जहां पुलिस को अपने गैैंग की जानकारी दी, वहीं ये भी बताया कि वे इन नोटों को बाजार में चलाने के लिए देने जा रहे थे। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि दोनों शातिर तीन महीने से फेक करेंसी का काला कारोबार कर रहे थे। दोनों के मोबाइल फोन पुलिस ने कब्जे में ले लिए हैैं, जिससे उस नेटवर्क की जानकारी की जा रही है जो नकली नोटों के सौदागरों के संपर्क में थे।

फंस गए पुलिस के जाल में
घाटमपुर इंस्पेक्टर ने बताया कि काफी दिनों से बाजार में नकली नोटों के चलन की जानकारी मिल रही थी। थाना पुलिस ने अपना लोकल नेटवर्क फैलाया और फेक करेंसी के सौदागरों से तीस प्रतिशत रकम देकर सौदा कर लिया। जिससे फेक करेंसी के सौदागर पुलिस के जाल में फंस गए और पुलिस ने बर्रा के वरुण विहार ईडब्लूएस कॉलोनी निवासी विभू यादव और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया। विभू का साथी 10वीं फेल है। दोनों बर्रा में किराए पर कमरा लेकर फेक करेंसी छापते थे।

3 लाख के नोट खपा चुके
पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि गिरफ्तार एक आरोपी हाईस्कूल फेल है। वह ऑनलाइन गेम में छह लाख रुपये हार गया था, इसके बाद उसने साथी के साथ मिलकर नकली नोट बनाने का काम शुरू किया था। दिवाली के त्योहार पर बड़ी मात्रा में नकली नोट आसपास के जनपदों में खपाने की साजिश रची थी। उसका साथी विभू यादव भी छात्र है और उसने उन्नाव में पॉलीटेक्निक में एडमिशन लिया था। पूछताछ में दोनों ने अब तक तीन लाख के नोट बनाकर खपाने की जानकारी दी है।

100 के नोट छापते थे
एसपी आउटर ने बताया कि दोनों तीन महीने से नकली नोट छापने का काम कर रहे थे। आसानी से पकड़ में न आएं इसलिए वे 100 रुपये के ही नकली छाप रहे थे। उन्होंने दीवाली का त्योहार नजदीक आते देखकर नकली नोट बाजार में खपाने की तैयार की जानकारी दी है। इस काम में उनके साथ शामिल साथियों के बारे में पता किया जा रहा है।

गिरफ्तार किए गए दोनों शातिर तीन महीने से नकली नोट छापने का काम कर रहे थे। आसानी से पकड़ में न आएं इसलिए वे 100 रुपये के ही नकली नोट छापते थेे। शातिरों के नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है।
तेज स्वरूप सिंह, एसपी आउटर

कौन गिरफ्तार: बर्रा वरुण विहार निवासी विभू यादव और उसका साथी
क्या बरामद: 42 हजार के नकली नोट, सभी 100-100 के नोट
कितने नोट मिले: 421
और क्या मिला: नोटों की साइज में कटे कागज, एक प्रिंटिंग मशीन और अद्र्ध निर्मित जाली नोट

Posted By: Inextlive