इस पुलिस से जरा बचकर रहना
गाड़ी चोरी हो गई, भूल जाओ
अगर दिल्ली में आपकी गाड़ी चोरी हो गई है तो फिर आप भूल जाइए कि वह आपको वापस मिलेगी। व्हीकल चोरी और इसकी रिकवरी न कर पाने में भी दिल्ली सबसे आगे है।
दिल्ली पुलिस की हार
उत्तर प्रदेश भी नहीं पीछे
दिल्ली के बाद दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश पुलिस का नाम आता है। उत्तर प्रदेश पुलिस के खिलाफ 2011 में 11,971 शिकायतें दर्ज की गईं। एनसीआरबी ने इस बारे में कोई भी इंफॉर्मेशन नहीं दी कि इन शिकायतों का नेचर कैसा था लेकिन यूनियन होम मिनिस्ट्री के सोर्सेज की मानें तो ज्यादातर कंप्लेन करप्शन, एफआईआर के रजिस्ट्रेशन से इंकार करना और इनवेस्टिगेशन में लापरवाही बरतने से जुड़ी थीं। यूपी पुलिस पर्सनल्स के मामले में दिल्ली पुलिस से काफी आगे है फिर भी दिल्ली पुलिस टॉप पोजीशन पर बरकरार है। यूपी पुलिस में 1.87 लाख पर्सनल्स हैं।
कब बंद होगा महिलाओं पर अत्याचार
दिल्ली को हमेशा से ही फीमेल्स के लिए खतरनाक जगह करार दिया जाता रहा है। अब एनसीआरबी के लेटेस्ट आंकड़ों ने इस पर एक बार फिर मोहर लगा दी है। दिल्ली में 2011 के दौरान जहां रेप के 572 केसेज दर्ज हुए, तो छेड़खानी के 657 केसेज दर्ज किए गए। वहीं ईव टीजिंग के 162 केसेज दर्ज किए गए।
Crimes against women
एनसीआरबी ने पहली बार श्रीनगर से जुड़े क्राइम फिगर्स को पब्लिक किया है। रिपोर्ट के मुताबिक-2011 के दौरान रेप के 14 केसेज दर्ज हुए.171 केस मोलेस्टेशंस से जुड़े थे। 70 ईव टीजिंग इंसीडेंट्स। 110 शिकायतें किडनैपिंग की थीं.
घरों में डकैती
घरों में चोरी-डकैती के मामले में मुंबई देश के बाकी राज्यों को पीछे छोड़ती नजर आती है। यहां पर 2011 में 1, 417 चोरी- डैकेती के केसेज दर्ज कराए गए। वहीं दूसरे नंबर पर दिल्ली का नंबर आता है जहां 2011 में 944 केसेज दर्ज हुए।
रोड एक्सीडेंट्स में भी इजाफा
एनसीआरबी के इन आंकड़ों से दिल्ली में हुए रोड एक्सीडेंट्स का भी पता चला। सबसे अहम बात है कि शराब पीकर ड्राइव करना यहां पर अब आम बात होती जा रही है। दिल्ली में 2011 के दौरान 9,000 लोगों को ड्रिंक एंड ड्राइव के तहत बुक किया गया है।
Burglaries in house
Road accident deathsDelhi 2107
Mumbai 743
Chennai 1399
Hyderabad 477
Bangalore 720Kolkata 418