पुलिस को अक्सर पब्लिक का ‘रक्षक’ कहा जाता है. जब कभी भी पब्लिक को कोई तकलीफ होती है वो बस पुलिस के पास पहुंच जाती है. लेकिन अब यही खाकी वर्दी वाले रक्षक शायद पब्लिक की परेशानी और उनकी तकलीफों की सबसे बड़ी वजह भी बनते जा रहे हैं. कम से कम नेशनल क्राइम रिकॉड्र्स ब्यूरो एनसीआरबी के लेटेस्ट डाटा तो यही कहते हैं. इन डाटा में दिल्ली पुलिस का नाम सबसे ऊपर है और उसके पीछे है उत्तर प्रदेश पुलिस. उनके अनुसार पुलिस के खिलाफ शिकायतों में दुगनी बढ़ोत्‍तरी हुई है.

गाड़ी चोरी हो गई, भूल जाओ
अगर दिल्ली में आपकी गाड़ी चोरी हो गई है तो फिर आप भूल जाइए कि वह आपको वापस मिलेगी। व्हीकल चोरी और इसकी रिकवरी न कर पाने में भी दिल्ली सबसे आगे है।
दिल्ली पुलिस की हार

2011 में दिल्ली पुलिस के खिलाफ टोटल 12,805 शिकायतें दर्ज कराई गई। 2010 में यही आंकड़ा 6,614 शिकायतों का था। एक साल के भीतर दर्ज हुई टोटल शिकायतों में दिल्ली पुलिस का कांट्रीब्यूशन 22 परसेंट का है। दिल्ली पुलिस में इस समय 75,000 पुलिस पर्सनल्स हैं यानी कि हर छठें पुलिस वाले के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई गई.हर 100 पुलिसवालों पर दर्ज शिकायतों की जांच हुईं, जिसमें दिल्ली पुलिस के सबसे ज्यादा 17 के खिलाफ शिकायतें दर्ज की गईं. 


उत्तर प्रदेश भी नहीं पीछे
दिल्ली के बाद दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश पुलिस का नाम आता है। उत्तर प्रदेश पुलिस के खिलाफ 2011 में 11,971 शिकायतें दर्ज की गईं। एनसीआरबी ने इस बारे में कोई भी इंफॉर्मेशन नहीं दी कि इन शिकायतों का नेचर कैसा था लेकिन यूनियन होम मिनिस्ट्री के सोर्सेज की मानें तो  ज्यादातर कंप्लेन करप्शन, एफआईआर के रजिस्ट्रेशन से इंकार करना और इनवेस्टिगेशन में लापरवाही बरतने से जुड़ी थीं। यूपी पुलिस पर्सनल्स के मामले में दिल्ली पुलिस से काफी आगे है फिर भी दिल्ली पुलिस टॉप पोजीशन पर बरकरार है। यूपी पुलिस में 1.87 लाख पर्सनल्स हैं।

कब बंद होगा महिलाओं पर अत्याचार
दिल्ली को हमेशा से ही फीमेल्स के लिए खतरनाक जगह करार दिया जाता रहा है। अब एनसीआरबी के लेटेस्ट आंकड़ों ने इस पर एक बार फिर मोहर लगा दी है। दिल्ली में 2011 के दौरान जहां रेप के 572 केसेज दर्ज हुए, तो छेड़खानी के 657 केसेज दर्ज किए गए। वहीं ईव टीजिंग के 162 केसेज दर्ज किए गए।
Crimes against women

State    Rapes    Molestation    Eve-teasingDelhi       572       657              162Mumbai    221      553              162Bangalore  97       250               40Hyderabad 59       157               93Chennai    76          73             121
एनसीआरबी ने पहली बार श्रीनगर से जुड़े क्राइम फिगर्स को पब्लिक किया है। रिपोर्ट के मुताबिक-

2011 के दौरान रेप के 14 केसेज दर्ज हुए.171 केस मोलेस्टेशंस से जुड़े थे। 70  ईव टीजिंग  इंसीडेंट्स। 110 शिकायतें किडनैपिंग की थीं.


घरों में डकैती
घरों में चोरी-डकैती के मामले में मुंबई देश के बाकी राज्यों को पीछे छोड़ती नजर आती है। यहां पर 2011 में 1, 417 चोरी- डैकेती के केसेज दर्ज कराए गए। वहीं दूसरे नंबर पर दिल्ली का नंबर आता है जहां 2011 में 944 केसेज दर्ज हुए।
रोड एक्सीडेंट्स में भी इजाफा
एनसीआरबी के इन आंकड़ों से दिल्ली में हुए रोड एक्सीडेंट्स का भी पता चला। सबसे अहम बात है कि शराब पीकर ड्राइव करना यहां पर अब आम बात होती जा रही है। दिल्ली में 2011 के दौरान 9,000 लोगों को ड्रिंक एंड ड्राइव के तहत बुक किया गया है।

Burglaries in house

Delhi    944Mumbai    1417Hyderabad    268Bangalore    891Chennai    576Kolkata    42
Road accident deaths

Delhi    2107
Mumbai    743
Chennai    1399
Hyderabad    477
Bangalore    720

Kolkata    418 

 

 

 

Posted By: Inextlive