राष्ट्रपति चुनाव पर कांग्रेस को शुरुआती झटका देने के बाद अब खुद अलग-थलग पड़ी ममता बनर्जी के तेवर भले बरकार हों मगर प्रणब मुखर्जी ने उन्हें 'छोटी बहन' कहा है.

बताया जा रहा है कि कांग्रेस की ओर से संसदीय कार्यमंत्री पवन बंसल और वी नारायण सामी ममता से संपर्क साधेंगे। ऐसा भी माना जा रहा है कि खुद प्रणब मुखर्जी अपने स्तर से ममता की तल्खी मिटाने के लिए उनसे मिल सकते हैं।

प्रणब मुखर्जी को उम्मीदवार घोषित किए जाने के फैसले से अविचलित ममता ने कहा,"अभी खेल ख़त्म नहीं हुआ है। हम कलाम की उम्मीदवारी पर कायम हैं। वह सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हैं." ममता ने कहा कि कलाम भारत में ऊंचे कद के व्यक्ति हैं और उनका देश और विदेश में सबसे अधिक सम्मान भी है।

ममता क्या करेंगी ?

अब बड़ा सवाल है कि एपीजे अब्दुल कलाम की उम्मीदवारी पर अड़ी ममता बनर्जी का क्या होगा। क्या ममता मानेंगी। ममता चुनाव का बहिष्कार भी कर सकती हैं लेकिन उसका परिणाम पर असर नहीं होगा। दूसरा सवाल ममता के यूपीए गठबंधन में बने रहने का है।

मुलायम का झटकाइससे पहले, ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम पर एक सुर में बोल रहे थे। राष्ट्रपति चुनाव पर नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम उस समय देखने को मिला जब पिछले मंगलवार को ममता बनर्जी दिल्ली पहुँचीं थी।

मुलायम सिंह यादव से मुलाकात के कई दौरों के बाद दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम की घोषणा कर दी । पर कांग्रेस ने ममता-मुलायम के तीनों नामों को खारिज कर यूपीए की ओर से प्रणब का नाम घोषित कर दिया।

इस घोषणा के बाद मुलायम सिंह यादव ने प्रणब मुखर्जी को समर्थन देने की घोषणा कर के ममता को तगड़ा झटका दे दिया। वहीं पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी दोबारा राष्ट्रपति बनने में दिलचस्पी दिखाई है। उन्होंने कहा है कि कई राजनीतिक दलों ने इसके लिए उनसे सम्पर्क किया है। कलाम ने कहा है, ''मैं उनके विचारों का सम्मान करता हूं और सही समय पर फैसला लूंगा.'' प्रणब मुखर्जी का नाम सामने आने के बाद अब नजर कलाम के फैसले पर भी रहेगी।

 

Posted By: Inextlive