सेंट्रल स्टेशन पर पैसेंजर्स का मास्क न लगाने पर कोविड प्रोटोकाल का उलंघन करने पर चालान किया जाता है. वहीं स्टेशन पर मौजूद फूड स्टॉल संचालक कोविड प्रोटोकॉल की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं.

कानपुर(ब्यूरो)। सेंट्रल स्टेशन पर पैसेंजर्स का मास्क न लगाने पर कोविड प्रोटोकाल का उलंघन करने पर चालान किया जाता है। वहीं स्टेशन पर मौजूद फूड स्टॉल संचालक कोविड प्रोटोकॉल की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिस पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है और न ही उनके खिलाफ अभी कार्रवाई की जाती हैं। फूड स्टॉल संचालक खाद्य सामग्री पैसेंजर्स को देने के दौरान हाथों में ग्लब्स पहनना तो दूर मुंह पर मास्क तक नहीं लगाते हैं। यह वेंडर्स डेली विभिन्न प्रदेशों के हजारों पैसेंजर्स के संपर्क में आते हैं। इन हालातों में इनकी यह लापरवाही भारी पड़ सकती हैं।

समोसे छू कर देखते लोग
बात अगर सिर्फ कोविड की प्रोटोकॉल की हो तो कोई बात नहीं है। स्टेशन के विभिन्न प्लेटफार्मों में मौजूद फूड स्टॉलों में समोसे, ऑमलेट समेत अन्य फास्ट फूड वस्तु खुले में रखे रहते हैं। जिसको पैसेंजर्स गर्म है कि नहीं छूने में जरा भी कोताही नहीं बरतते हैं। खाने पीने की सामग्री को गंदे हाथों से छूने से स्टॉल संचालक मना भी नहीं करते हैं। यह हालात देख कर रेलवे के कोरोना वायरस को रोकने के दावे झूठे साबित होते हैं।

न थर्मल स्क्रीनिंग न कोई जांच
पैसेंजर्स के मुताबिक फूड स्टॉल में तैनात स्टॉफ की डेली थर्मल स्क्रीनिंग तक नहीं होती है। इसके अलावा उनकी समय-समय पर कोविड की जांच भी नहीं कराई जाती है। जब कि स्टेशन कोविड वायरस के हाई रिस्क क्षेत्र में आता है। कानपुर होकर डेली दो दर्जन से अधिक ट्रेनों का संचालन होती है। जिससे डेली हजारों की संख्या में पैसेंजर्स स्टेशन उतर कर खान पान सामग्री वेंडर से खरीदते हैं।


स्टॉल से गायब हो चुका सेनेटाइजर
कोविड नियमों के तहत फूड स्टॉल में सेनेटाइजर रखा होना अनिवार्य है। कोरोना के केसेस कम होने के बाद स्टेशन पर तैनात रहने वाले विभिन्न स्टॉफ व पैसेंजर्स ने लापरवाही करना शुरू कर दिया है। अब एक बार फिर से कोविड का नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की देश में दस्तक हो चुकी हैं। शासन व प्रशासन सब अलर्ट हो चुका हैं। इसके बावजूद स्टेशन पर कोविड को लेकर खुलेआम लापरवाही बरती जा रही हैं।


बस अड्डे में भी यहीं हालात
झकरकटी अंतर्राज्यीय बस अड्डे में भी कोविड को लेकर बरती जा रही लापरवाही के यहीं हालात हैं। बस अड््डे के एंट्री गेट में फूड प्लाजा हैं। जहां बैठे कर्मचारी मास्क का यूज नहीं करते हैं। पैसेंजर्स को खाद्य सामग्री देने के दौरान ग्लब्स का यूज भी नहीं करते हैं। खाने पीने की सामग्री खुले में रखी हुई हैं। गौरतलब है कि सेंट्रल स्टेशन के साथ अंतर्राज्यीय बस अड्डा भी कोविड वायरस के हाई रिस्क में आता है। जहां विभिन्न प्रदेशों व सिटीज से हजारों लोगों का डेली आवागमन हैं।

हाईलाइट्स
- 3 फूड स्टॉल प्रत्येक प्लेटफार्म पर
- 4 स्टाल एक फूड स्टॉल पर तैनात रहता
- 6 से 12 वेंडर एक स्टॉल पर रजिस्टर्ड होती है
- 22 से अधिक फूड स्टॉल सकुर्लेटिंग को मिला कर
- 80 से अधिक वेंडर स्टॉफ कार्यरत है
- 2 लाख से अधिक पैसेंजर्स का डेली आवागमन
- 252 पैसेंजर ट्रेनों का डेली आवागमन
- 1 दर्जन से अधिक ट्रेनों का मुम्बई का आवागमन
- 16 ट्रेनों से अधिक दिल्ली रूट की ट्रेनों का आवागमन

Posted By: Inextlive