कानपुर (ब्यूरो)। बदमाशों ने नौकरी का झांसा देकर बिहार के अररिया जिले के युवक गजेंद्र पटेल उर्फ मुन्ना को कानपुर सेंट्रल पर बुलाया। यहां ट्रेन से उतरते ही किडनैप कर लिया। कमरे में बंधक बनाकर पीटा। परिवार वालों को कॉल कर 10 लाख की फिरौती मांगी। 3 लाख रुपए परिवार वालों ने ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद वैन से उसे दूसरे गैंग के हवाले करने जा रहे थे। तभी किदवई नगर साइट नंबर-1 पर ट्रैफिक पुलिस के टीएसआई ने वैन में चीख-पुकार सुन पीछा कर गाड़ी रुकवाई तो अपहरण कांड का खुलासा हुआ।

नौकरी का ऑफर देकर
पीडि़त 30 साल के गजेंद्र सिंह ने बताया कि कानपुर से उसे एक कंपनी में अच्छी सैलरी पर नौकरी का ऑफर मिला था। गजेंद्र मोटी सैलरी देखकर बदमाशों के जाल में फंस गया। वेडनेसडे दोपहर 2 बजे कानपुर सेंट्रल पर उतरते ही वैन से कमरे पर ले जाने का झांसा देकर किडनैप कर लिया। एक कमरे पर ले जाकर बंधक बना लिया। परिवार के लोगों को फोन करके अपने खाते में 3 लाख रुपए ट्रांसफर कराए।

ट्रैफिक पुलिस ने पकड़ा
साइट नंबर वन किदवई नगर पर तैनात ट्रैफिक टीएसआई को वैन में युवक की चीख-पुकार सुनाई दी। उन्होंने वैन को रोकने का प्रयास किया, तो बदमाश गाड़ी की स्पीड तेज कर भागने लगे। ट्रैफिक पुलिस इंस्पेक्टर परवेज अली खान ने फोर्स के साथ दौडक़र वैन को पकड़ लिया। वैन में ड्राइवर समेत तीन लोग थे। एक युवक का हाथ बंधा हुआ था। पूछताछ में पता चला कि सरसौल निवासी पम्मी और वैन ड्राइवर सूर्य प्रकाश ने मिलकर युवक का किडनैप किया फिर फिरौती मांगी। सूचना पर किदवई नगर पुलिस पहुंची। अपहरण करने वाले बदमाशों को हिरासत में लिया। दोनों से पूछताछ की जा रही है।

तीन थानों में उलझा अपहरण कांड
कानपुर कमिश्नरेट की पुलिस अपहरण कांड के आरोपियों पर कार्रवाई करने की बजाए सीमा विवाद में उलझ गई है। किदवई नगर जहां से आरोपी पकड़े गए वहां के थानेदार प्रदीप सिंह का कहना है कि घंटाघर से अगवा किया है। तो उसी थाना क्षेत्र का मामला है। हरबंशमोहाल थाना प्रभारी विनीत चौधरी का कहना है कि उसे स्टेशन से अगवा किया गया, जीआरपी व किदवई नगर थाना क्षेत्र का मामला है।