-लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व जारी हुआ था आदेश

UNNAO:

बैक डेट में फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र जारी होने, ओपीडी में फर्जी रोगी संख्या दर्शाने आदि पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए ऑनलाइन दवा पर्चा बनाने का आदेश फाइलों में दफन होकर रह गया। लगभग डेढ़ वर्ष बीतने के बाद भी अभी तक ऑनलाइन दवा पर्चा बनाने के आदेश को अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य द्वारा जारी किया गया आदेश किन कारणों से अमली जामा नहीं पहन सका, इस पर कोई स्वास्थ्य अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

बताते चले जनवरी ख्0क्ब् में तत्कालीन प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रवीर कुमार ने राजधानी समेत सभी जनपदों में ऑनलाइन दवा पर्चा बनाने का निर्देश जारी किया गया था। दवा पर्चा ऑनलाइन करने के पीेछे जो प्रमुख मंशा बताई गई थी, उसमें बैकडेट में मेडिकल बनाने तथा ओपीडी में फर्जी रोगी संख्या दर्शाने पर रोक लगाना और किस अस्पताल में कितने रोगी आए हैं, इसकी प्रतिदिन समीक्षा करना शामिल था। यह आदेश आने के बाद तत्कालीन सीएमएस डॉ। एके चतुर्वेदी ने दवा पर्चा के लिए अलग कक्ष बनवा उसमें दवा पर्चा काउंटर स्थापित करा दिया था। प्रमुख सचिव ने अपने आदेश में फ्क् मार्च ख्0क्ब् से पूर्व ऑनलाइन दवा पर्चा बनाने की तिथि तय कर दी थी। राजधानी लखनऊ और कुछ अन्य महानगरों को छोड़ कहीं भी ऑनलाइन दवा पर्चा बनाने का काम शुरू नहीं हो सका। उनका स्थानांतरण होने के साथ ही यह कार्ययोजना भी फाइलों में दफन होकर रह गई। सीएमएस डॉ। एसपी चौधरी ने कहा कि मेरे कार्यकाल के पहले आदेश आया होगा। मेरी जानकारी में यह आदेश नहीं है।

Posted By: Inextlive