राइट टू एजूकेशन के तहत अपने बच्चों को अच्छे प्राइेवट स्कूल में पढ़ाने का हजारों पेरेंट्स का सपना हकीकत नहीं बन पाया. आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को पब्लिक स्कूल में शत प्रतिशत एडमिशन दिलाने के लिए जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने हर जतन किए. डीएम ने स्कूल संचालकों को फटकार लगाई. एसीएम की टीमें लगाकर स्कूलों में एडमिशन के लिए भेजा. लेकिन रिजल्ट 50 परसेंट ही पहुंच पाया.

कानपुर(ब्यूरो)। राइट टू एजूकेशन के तहत अपने बच्चों को अच्छे प्राइेवट स्कूल में पढ़ाने का हजारों पेरेंट्स का सपना हकीकत नहीं बन पाया। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को पब्लिक स्कूल में शत प्रतिशत एडमिशन दिलाने के लिए जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने हर जतन किए। डीएम ने स्कूल संचालकों को फटकार लगाई। एसीएम की टीमें लगाकर स्कूलों में एडमिशन के लिए भेजा। लेकिन रिजल्ट 50 परसेंट ही पहुंच पाया। 8077 बच्चों को एडमिशन दिलाने के लिए बीएसए ऑफिस से स्कूल एलॉट किए गए थे लेकिन लगभग 4100 बच्चों को ही एडमिशन मिल पाया। बाकी का सपना-3900 से अधिक बच्चों का सपना टूट गया है।

चेतावनी का असर नहीं
डीएम विशाख जी अय्यर ने स्कूलों की मनमानी की शिकायतें मिलने पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर 100 परसेंट एडमिशन दिलाने की बात कही थी। वहीं 25 अगस्त को सबसे कम एडमिशन लेने वाले स्कूलों के प्रबंधक और प्रिंसिपल के साथ मीटिंग करते हुए उन्हें चेतावनी भी दी थी। इसके बाद भी ज्यादातर स्कूलों ने आदेश हवा मेें उड़ा दिए। मेयर प्रमिला पांडे ने शिकायत मिलने पर बीएसए को बुलाकर सभी एडमिशन कराने के आदेश दिए थे।

एक अप्रैल से सिलसिला
एक अप्रैल को आरटीई के तहत एडमिशन मिलने वाले बच्चों की सूची जारी कर दी गई थी। 10 अप्रैल से बीएसए ऑफिस से एडमिशन लेटर जारी होने शुरू हो गए थे। इसके बाद छह महीने तक एडमिशन के लिए दौड़ भाग का खेल चलता रहा। कुछ स्कूल संचालक तो बिल्कुल निरंकुश हैं। फातिमा कान्वेंट स्कूल में आरटीई में बच्चे का एडमिशन कराने गए खंड शिक्षा अधिकारी से स्कूल में बदसलूकी की गई। उन्हें अंदर तक नहीं जाने दिया गया। ऐसे ही कई और भी स्कूल हैं जिनकी बाउंड्री के अंदर तक पैरेंट्स न घुस सके। एडमिशन तो दूर की बात है।

प्वाइंटर :
8077 बच्चों को एडमिशन के लिए स्कूल आवंटित किए गए थे
4100 बच्चों को इस साल मिल पाए एडमिशन
3900 से अधिक बच्चे इस साल एडमिशन से रह गए वंचित
1343 प्राइवेट स्कूल रजिस्टर्ड हैं वेबसाइट पर
100 परसेंट एडमिशन दिलाने का किया जा रहा था दावा

बोले जिम्मेदार
कुछ बच्चों की शिकायतें मेरे पास आई थीं। उन्हें स्कूल संचालक एडमिशन नहीं दे रहे थे। उस संदर्भ में बीएसए को बुलाया था। तभी हर बच्चे को एडमिशन देने के निर्देश दिए थे।
प्रमिला पांडे, मेयर

आरटीई के तहत हर बच्चे को एडमिशन दिलाने का भरसक प्रयास किया गया है। लेकिन पूरे बच्चों को एडमिशन नहीं मिल पाया। अब एडमिशन की शिकायतें नहीं आ रही हैं। हालांकि 18 परसेंट पैरेंट्स ऐसे हैं जिन्होंने मनमुताबिक स्कूल न मिलने पर एडमिशन नहीं कराया है।
सुरजीत कुमार सिंह, बीएसए

हर बच्चे को एडमिशन दिलाने का प्रयास किया गया है। लेकिन कई जगह वार्ड को लेकर दिक्कते आ रही हैं। इसके साथ अन्य तकनीकी समस्या आ रही हैं। इस वजह से एडमिशन का पूरे नहीं हो पाए हैं। इसे दूर करने के लिए संबंधित अधिकारियों को जांच के लिए कहा गया है।
सतेंद्र कुमार सिंह, एडीएम एलए
आरटीई एडमिशन के नोडल प्रभारी

Posted By: Inextlive