शहर में ठंडक बढऩे के साथ ही पॉल्यूशन का स्तर भी तेजी से बढ़ा है. आबोहवा में पार्टिकुलेटेड मैटर का स्तर मानक से कई गुना ज्यादा है. कई इलाकों की एयरक्वालिटी बेहद खराब है. इस बीच इसका असर लोगों की सेहत पर भी पड़ रहा है. सीओपीडी अस्थमा की प्रॉब्लम वाले पेशेंट्स के साथ पोस्ट कोविड मरीजों की परेशानी इस दौरान काफी बढ़ गई है. क्योंकि इम्यूनिटी लेवल के साथ कई दूसरी वजहों से उनके लंग्स अभी भी पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हैं. उन्हें चेस्ट इंफेक्शन खांसी ब्रेथलेसनेस की प्रॉब्लम हो रही है. बीते एक हफ्ते से शहर के सबसे बड़े मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल में पेशेंट्स के भर्ती होने की संख्या बढ़ी है.

कानपुर (ब्यूरो) जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में रेस्पेरेटरी मेडिसिन डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.अवधेश कुमार बताते हैं कि कुछ दिनों से पोस्ट कोविड पेशेंट्स में काम्प्लीकेशंस के मामले बढ़े हैं। पॉल्यूशन और बदलता मौसम दोनों इसकी वजह हैं। पेशेंट्स को भर्ती भी पहले के मुकाबले ज्यादा करना पड़ रहा है। प्रतिदिन 8 से 10 पेशेंट्स इमरजेंसी में आ रहे हैं। जिन्हें भर्ती करना पड़ रहा है। एचआर सीटी स्कैन में उनकी सांस की नलियों में सूजन और कई बार लंग्स में भी सूजन मिल रही है। जिससे सीने में दर्द होता है। इसके अलावा उनमें लंग्स इंफेक्शन की भी प्रॉब्लम है। कुछ पेशेंट्स की केस हिस्ट्री में देखने को मिला कि वह इनहेलर से जो दवा ले रहे हैं। उसे भी सेट करने की जरूरत है।

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पेशेंट्स बढ़ रहे हैं। इसकी एक वजह बदलता मौसम तो दूसरी वजह पॉल्यूशन भी है। एचआर सीटी स्कैन में लंग्स व सांस की नली में स्वैलिंग भी मिल रही है। इसलिए उन्हें भर्ती भी करना पड़ रहा है।
प्रो। संजय वर्मा, रेस्पेरेटरी मेडिसिन डिपार्टमेंट, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive