पारा कानपुराइट्स को करने लगा परेशान
हैलट में स्पेशल ओपीडीहैलट हॉस्पिटल के सीनियर डॉ। जेएस कुशवाहा ने बताया कि ये मौसम सभी एजग्रुप के लोगों पर भारी पड़ रहा है। सबसे ज्यादा पेशेंट्स 12 से 30 साल की उम्र के आ रहे हैं। पिछले तीन दिनों से ओपीडी में पेशेंट्स की लाइन लगी हुई है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। नवनीत कुमार ने बताया कि मौसम को देखते हुए स्पेशल ओपीडी भी चलाई जा रही है। फैल जाती हैं ब्लड सेल्स
फिजीशियन डॉ। आरती मोहन ने बताया कि धूप में ज्यादा देर तक रहने से ब्लड सेल्स फैल जाती है। वहीं पानी की कमी से ब्लड प्रेशर लो होने लगता है। जिससे बॉडी का टेम्परेचर तेजी से बढऩे लगता है। उन्होंने बताया कि अगर बॉडी का टेम्परेचर एक घंटे से ज्यादा देर तक 40.6 डिग्री सेंटीग्रेड तक बना रहता है तो उसका ब्रेन डेड हो सकता है। ऐसा होने पर मौत भी हो सकती है।सावधानी ही बचाव है
डॉक्टर्स का कहना है कि टेम्परेचर बढऩे से लोग बाहर निकलना तो बंद नहीं कर सकते हैं लेकिन छोटी-छोटी सावधानियां रखकर इस खतरनाक बीमारी से बच सकते हैं। डॉ। आरती मोहन के मुताबिक घर से बाहर निकलते वक्त कुछ सामान्य लेकिन जरूरी इंतजाम कर लेने चाहिए। जैसे अपने चेहरे को सही से ढक कर ही निकलना बेहतर होगा। इस मौसम में पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं लेकिन पानी फिल्टर हो तो बेहतर होगा। इनके लिए है ज्यादा परेशानी-एल्कोहल या कोई खतरनाक नशा करने वाले-क्रोनिक हार्ट डिजीज पेशेंट्स-ओबेसिटी के शिकार लोग-बच्चों और बुजुर्गों के लिए-डायबिटिक पेशेंट्स के लिएSymptoms-लंबे समय तक सिरदर्द बने रहना-बॉडी का गर्म हो जाना और स्किन का कलर रेड हो जाना-घबराहट, उलझन और बेचैनी-पल्स रेट बढऩा-पानी और इलेक्ट्रोलाइट की कमी होना-चक्कर आना, ब्लड प्रेशर कम होना-आंखों के आगे अंधेरा छाना-कमजोरी, सुस्ती, चिड़चिड़ापन और व्यवहार में बदलावPrecautions-धूप में कम से कम निकलें-निकलना जरूरी हो तो सिर और बॉडी को पूरी तरह ढक कर रही निकलें-डीहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज, इलेक्ट्रोलाइट या नींबू पानी पीकर ही निकलें- पानी की बॉटल साथ लेकर चलें, बिना प्यास के भी थोड़े-थोड़े समय में पानी पीते रहें-एसी या कूलर में बैठने के बाद तुरंत ही तेज धूप में न निकलें-ऑयली फूड न खाएं-खाने में दही और सैलड का सेवन करें- एल्कोहल और नशे से दूर रहें