रोडवेज प्रशासन की अनदेखी के चलते पैसेंजर्स को खटारा बसों में सफर करना पड़ रहा है. ट्यूजडे को जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने रोडवेज बसों का रियलिटी चेक किया तो हालात काफी चिंताजनक मिले. बसों के स्टेयरिंग के पास खुले तारों का मकडज़ाल मिला जिससे कभी भी हादसा हो सकता है. फस्र्ट एड बॉक्स खाली और सीटे टूटी और फटी हुई थीं. आग बुझाने के लिए लगे फायर इंस्टीग्यूशर एक्सपायर हो चुके हैं.

कानपुर (ब्यूरो)। रोडवेज प्रशासन की अनदेखी के चलते पैसेंजर्स को खटारा बसों में सफर करना पड़ रहा है। ट्यूजडे को जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने रोडवेज बसों का रियलिटी चेक किया तो हालात काफी चिंताजनक मिले। बसों के स्टेयरिंग के पास खुले तारों का मकडज़ाल मिला, जिससे कभी भी हादसा हो सकता है। फस्र्ट एड बॉक्स खाली और सीटे टूटी और फटी हुई थीं। आग बुझाने के लिए लगे फायर इंस्टीग्यूशर एक्सपायर हो चुके हैं। हैरानी वाली बात तो यह है कि बस ड्राइवर और कंडक्टर को पता ही नहीं इसका यूज कैसे करना है। ऐसे में साफ है कि रोडवेज प्रशासन को सिर्फ किराये से मतलब है, पैसेंजर्स को मिलने वाली सुविधाओं से उनका कोई वास्ता नहीं है।

कूलिंग की समस्या, पंखे बंद पड़े
डीजे आईनेक्स्ट की टीम ने झकरकटी बस अड्डे पर खड़ी एसी जनरथ बस के अलावा विकास नगर समेत कई डिपो की बस में पैसेंजर्स की सुविधाओं का जायजा लिया। वहीं बसों में बैठ पैसेंजर्स से सुविधाओं को लेकर उनका फीड बैक भी लिया। जिसमें 80 परसेंट से अधिक पैसेंजर्स रोडवेज की सुविधाओं से असंतुष्ट दिखाई दिए। पैसेंजर ने पंखे खराब और एसी की सफाई न होने की वजह से इंफेक्शन का खतरा बताया। इसके अलावा एसी कूलिंग की समस्या भी बताई।

अंदाजे से चलाएंगे
लीडर रोड डिपो की एसी जनरथ बस ड्राइवर से रियलिटी चेक के दौरान जब टीम ने पूछा कि फायर कंट्रोल सिलेंडर कैसे चलता है तो उसने न में सिर हिलाया। उसने बताया कि अंदाजे से चलाएंगे। यह पता है कि पिन निकालना होता है। जब उनसे पूछा किया गया इमरजेंसी में फायर कंट्रोल सिलेंडर का यूज कैसे करता है। इसको लेकर डिपार्टमेंट में कभी ट्रेनिंग दी गई तो उन्होंने न में जवाब दिया। जब उनसे पूछा गया कि लाइफ में कभी फायर कंट्रोल सिलेंडर का यूज किया तो उन्होंने न में जवाब दिया।

लूज वायर से ही लगती बसों में आग
रोडवेज बसों में बीते दिनों में लगी आग की घटनाओं में हुई जांच में अधिकतर बसों में स्टेरिंग डेस बोर्ड के आसपास ओपन व लूज पड़े वायर से होने वाली स्पार्किंग से ही आग लगती है। गर्मी के मौसम में ऐसी घटनाओं की आशंका ठंड के मौसम के मुताबिक कई गुना बढ़ जाती है। गर्मी का मौसम आने के बावजूद वर्कशाप में स्टेरिंग डेस बोर्ड के पास खुले व लूज वायर पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। रियलिटी चेक के दौरान एसी व नॉन एसी बस के स्टेरिंग डेस बोर्ड के पास जाल नुमा वायर फैले दिखाई दिए।

Posted By: Inextlive