चोर-चोर मौसेरे भाई...यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी लेकिन ये पुरानी हो चुकी है. अब चोर-पुलिस मौसेरे भाई कहना ज्यादा सही होगा. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि चोर और पुलिस की बाइक का नंबर एक ही है. पढक़र आप चौंक गए होंगे लेकिन कहानी कुछ ऐसी ही है. दरअसल बीते दिनों शहर में चार लूट की वारदात हुई

कानपुर (ब्यूरो)। चोर-चोर मौसेरे भाईयह कहावत तो आपने सुनी ही होगी, लेकिन ये पुरानी हो चुकी है। अब चोर-पुलिस मौसेरे भाई कहना ज्यादा सही होगा। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि चोर और पुलिस की बाइक का नंबर एक ही है। पढक़र आप चौंक गए होंगे, लेकिन कहानी कुछ ऐसी ही है। दरअसल, बीते दिनों शहर में चार लूट की वारदात हुई, जिसे बाइक सवार लुटेरों ने अंजाम दिया। पुलिस ने जांच के दौरान जब सीसीटीवी कैमरे चेक किये तो उनकी बाइक का नंबर पीआरवी की कंडम हो चुकी का निकला। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है, कि चोरों को पीआरवी की बाइक का नंबर कहां मिला। जबकि ये सभी व्हीकल पुलिस लाइन में खड़े हैं। आशंका है कि इसमें किसी पुलिसकर्मी की मिलीभगत है। फिलहाल मामले की जानकारी पर एडिशनल सीपी ने जांच के आदेश दिये हैं।

ये वो चार लूट के केस हैं, जिनमें पीआरवी बाइक का नंबर यूज हुआ

केस: 1- हरजेंदर नगर चौराहे पर लूट
सनिगवां निवासी ओमदत्त त्रिपाठी रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी हैैं। दिसंबर के लास्ट वीक में वे अपनी पत्नी के साथ एयरफोर्स हॉस्पिटल में भर्ती साथी को देखकर लौैट रहे थे। तभी बाइक सवार दो लुटेरे उनकी पत्नी के हाथ से पर्स छीनकर फरार हो गये। बाइक का नंबर हरजिंदर नगर चौराहे पर लगे कैमरों में मिल गया। जब बाइक का नंबर ट्रेस किया गया तो वह कंडम पीआरवी बाइक का निकला।

केस:2- साकेत नगर में लूट को दिया अंजाम
दूसरी घटना 24 जनवरी की है। गोविंद नगर स्थित इंटर कॉलेज की टीचर साकेत नगर में रहती हैैं। देर शाम वह बाजार घर जा रही थीं। इसी दौरान उनके हाथ से पर्स छीनकर दो बाइक सवार भाग खड़े हुए। गोविंद नगर थाने में लूट का केस दर्ज किया गया। पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज की ट्रेसिंग की तो अपाचे बाइक दिखाई दी। कुछ और आगे के कैमरों को देखा गया तो उसमें बाइक का नंबर भी मिल गया। इस बाइक का नंबर भी कंडम पीआरवी की बाइक का ही था।

केस:3- बाइक रोककर की लूट
तीसरी घटना 27 जनवरी की है। मामला रैना मार्केट चौराहे का है। वीरेंद्र कुमार अग्निहोत्री एकवोकेट हैैं। वीरेंद्र ने बताया कि जैसे ही वे रैना मार्केट चौराहे से कोहना की तरफ बढ़े। कुछ दूर चलने पर एक निजी स्कूल के सामने बाइक सवार दो लोगों ने उन्हें रोक लिया। वे कुछ समझ पाते उससे पहले ही उनका मोबाइल छीन लिया और तमंचा दिखाकर जेब में रखा हुआ पर्स निकाल लिया। घड़ी, चेन लूटकर शातिर बैराज की तरफ फरार हो गया। वारदात थाने से चंद कदम की दूरी पर हुई थी, इस वारदात में भी सीसीटीवी फुटेज में कंडम हुई पीआरवी का नंबर मिला।

केस:4- किदवई नगर में चेन स्नैचिंग
ऐसा ही मामला किदवई नगर थानाक्षेत्र के संजय वन में हुआ। तीन फरवरी 2024 को मॉर्निंग वॉक पर निकली महिला की चेन खींच बाइक सवार लुटेरों ने तोड़ ली। सीओ ऑफिस के पास हुई इस सनसनीखेज वारदात से पुलिस की नींद उड़ गई। केस दर्ज कर मामले की जानकारी की गई तो सीसीटीवी फुटेज में बाइक दिखाई दी। इस बाइक का नंबर भी कंडम बाइक का ही पाया गया।

चारों बाइकों के नंबर अलग-अलग
मार्च 2023 में 6 पीआरवी बाइक कानपुर कमिश्नरेट में कंडम की गई थीं। चूंकि इन सभी बाइकों का रजिस्ट्रेशन लखनऊ का होता है और सरकारी प्रक्रिया लंबी होती है, लिहाजा कंडम घोषित होने के बाद इन बाइक्स को पुलिस लाइन के सामने एमटी सेक्शन में खड़ा कर दिया गया था। जहां से इन बाइकों को नवंबर 2023 में लखनऊ भेज दिया गया। मार्च से लेकर नवंबर के बीच किसी ने इन कंडम बाइक्स का नंबर ले लिया। बाइक्स के लखनऊ जाने के बाद इनका इस्तेमाल किया जाने लगा।

चालान से बचने को किया यूज फिर होने लगा क्राइम
-पुलिस सूत्रों की माने तो बाइक में सरकारी नंबर का इस्तेमाल नार्मली पुलिस कॉलोनी में रहने वाले लोग चालान से बचने के लिए करते हैैं।
-सीसीटीएनएस में जानकारी हो जाती है कि ये नंबर सरकारी है, लिहाजा इनके चालान नहीं किए जाते हैैं। ये माना जाता है कि ये बाइक सरकारी काम से जा रही होगी।
-पुलिस अधिकारियों का मानना है कि कहीं न कहीं इन मामलों में पुलिस परिवार के बिगड़ैल बच्चे या पुलिस से जुड़े लोग हैैं।

Posted By: Inextlive