डेरापुर क्षेत्र के बलाई बुजुर्ग गांव में लापता फैक्ट्री कर्मी अजीत कुमार का कंकाल मिलने के मामले में पुलिस शिनाख्त की पूरी तरह से पुष्टि करना चाहती है. इसके लिए डीएनए जांच के लिए सैंपल लिया गया है. इस जांच से शव अजीत का ही है इस पर पूरी तरह से क्लियर हो जाएगा. वहीं उसका गायब मोबाइल का पता नहीं चल सका है और पुलिस सर्विलांस की मदद से खोजबीन में जुटी है. मौत का कारण स्पष्ट न होने से विसरा सुरक्षित किया गया है.


कानपुर (ब्यूरो) बलाई बुजुर्ग गांव का 26 वर्षीय अजीत कुमार गुजरात सूरत में एक साड़ी फैक्ट्री में काम करता था। 29 जनवरी को वह छुट्टी पर घर आया था। 1 जनवरी को वह भाई ङ्क्षटकू के साथ जंगल से लकड़ी लाने निकला था। कुछ सामान लेने की बात करके गया फिर वापस घर नहीं पहुंचा। इसके बाद अगले दिन डेरापुर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। मंगलवार को गांव के बाहर जंगल के पास सेंगुर नदी किनारे कंकाल मिला था। मां विशाखा देवी, भाई ङ्क्षपकू व ङ्क्षटकू ने कपड़ों के आधार पर शिनाख्त अजीत के रूप में की थी।

घटना की जांच में जुटी पुलिस
पोस्टमार्टम में मौत एक सप्ताह से पहले ही हो जाने की बात सामने आई है लेकिन कारण स्पष्ट न होने से विसरा सुरक्षित किया गया है। वहीं हड्डी का सैंपल डीएनए जांच के लिए सुरक्षित किया गया है पुलिस लैब में इसकी जांच करा शिनाख्त को पक्का करना चाहती है। वहीं अजीत के पास जो मोबाइल था उसका कोई पता नहीं चला है। उसने घटना से पहले किससे किससे बात की इसका पता पुलिस कर रही है साथ ही सर्विलांस से सुराग लगाया जा रहा है। थाना प्रभारी डेरापुर आदर्शचंद ने बताया कि जांच चल रही है।

Posted By: Inextlive