मैराथन शुरु होने की कहानी
इसकी वजह ये थी कि ब्रिटेन का शाही परिवार चाहता था कि ये दौड़ विंडसर कैसल से शुरू हो और व्हाइट सिटी स्टेडियम आकर खत्म हो।
ये अपेक्षाकृत कठिन प्रतिस्पर्धा है जिसके लिए जबरदस्त शारीरिक क्षमता की जरूरत होती है।मैराथन शुरू करने की प्रेरणा प्राचीन रोम के सैनिक फिडिपीडेस से मिली जिन्होंने फारस पर रोम की जीत की खबर पहुंचाने के लिए एथेंस तक 26 मील की दौड़ बिना रुके लगाई थी। हालांकि जीत की खबर सुनाने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया था।मौजूदा धावक मैराथन में बड़ी तेजी से दौड़ लगाते हैं और एक मील की दूरी पांच मिनट से भी कम समय में पूरी कर लेते हैं।प्रदर्शनओलंपिक के मौजूदा मैराथन चैम्पियन केन्या के सेमी वांजिरु हैं जिन्होंने वर्ष 2008 के बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। इथोपिया के अबीबी बिकिला ने 1960 के रोम खेलों में नंगे पैर मैराथन की दौड़ लगाकर स्वर्ण पदक जीता था। लेकिन वर्ष 1969 में एक सड़क दुर्घटना में उन्हें लकवा मार गया था और चार वर्ष बाद उनकी मौत हो गई थी।
वर्ष 1952 के हेलसिंकी खेलों में चेकोस्लोवाकिया के धावक इमिल जेटोपेक ऐसे पहले धावक बने थे जिन्होंने एक ही ओलंपिक में 5000 मीटर, दस हजार मीटर और मैराथन में स्वर्ण पदक जीता था।
महिलाओं की पहली मैराथन वर्ष 1984 के लॉस एंजेलेस ओलंपिक में आयोजित की गई थी जहां अमरीकी धावक जोन बेनोइट ने पहला स्वर्ण पदक जीता था।मैराथन में विश्व कीर्तिमान बनाने वाले इथोपिया के हेली गेबरसिलासी लंदन ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने के लिए जूझते रहे।उन्होंने वर्ष 2010 में संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी लेकिन चंद रोज बाद ही उन्होंने अपना ये विचार त्याग दिया था।