ट्रकों के पहिए थमे तो रूक गई व्यापार की रफ्तार
- ट्रांसपोर्टर्स की बेमियादी हड़ताल के पहले दिन दिखा असर, जगह जगह प्रदर्शन
- न माल की बुकिंग हुई न ट्रकों की लोडिंग अनलोडिंग,व्यापारियों की सप्लाई रूकी द्मड्डठ्ठश्चह्वह्म@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ यन्हृक्कक्त्र: ट्रांसपोर्टर्स की बेमियादी हड़ताल के पहले दिन ट्रकों के पहिए थमने का असर साफ दिखाई दिया। ट्रांसपोर्टर्स संगठनों ने घूम-घूम कर प्रदर्शन किए और जहां भी ट्रक चलते मिले उन्हें रुकवा दिया। ट्रंासपोर्ट नगर में माल की न तो कोई बुकिंग हुई और न माल ट्रकों में लोड अनलोड हुआ। हजारों पल्लेदार व मजदूर भी आराम फरमाते नजर आए। ट्रांसपोर्ट नगर के अलावा सीपीसी मालगोदाम, मौरंग मंडी, पनकी पड़ाव, इंडस्ट्रीयल एरिया में ट्रकों चलते नजर नहीं आए। बिल्डिंग मैटेरियल की सप्लाई पर असरट्रांसपोर्टर्स के चक्काजाम का असर सबसे ज्यादा गिट्टी मौरंग और सीमेंट की सप्लाई पर पड़ा है। कानपुर में सतना, कटनी, मैहर में स्थित सीमेंट प्लांट्स से जो रोज लोडिंग होती थी। वह शुक्रवार को नहीं हो सकी। कानपुर से 2 हजार से ज्यादा ट्रक इस काम में लगे हैं। जो लोडिंग में नहीं गए। यूपी मोटर ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के बयान के मुताबिक हड़ताल के पहले दिन 90 फीसदी से ज्यादा ट्रकों की रफ्तार थम गई। आगे इसका असर और बढे़गा।
ट्रेन पर चढ़ कर प्रदर्शनट्रांसपोर्टर्स के चक्काजाम का कई व्यापारिक संगठनों ने भी समर्थन किया था। शुक्रवार सुबह प्रदर्शनों का दौर शुरू हुआ तो यूपी मोटर ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों व अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के साथ व्यापारी और ट्रांसपोर्टर्स इलाहाबाद क्रॉसिंग पहुंच गए। यहां पर अनन्या एक्सप्रेस को रोक कर वह उसके इंजन पर चढ़ गए और नारेबाजी करने लगे। इसकी सूचना जीआरपी और आरपीएफ को लगी तो उसके जवान मौके पर पहुंच गए और व्यापारियेां को इंजन से उतार ट्रेन को सेंट्रल स्टेशन के लिए रवाना कराया। हालाकि आरपीएफ की तरफ से ट्रेन को रोके जाने की बात से इंकार किया गया। ट्रेन सिग्नल के इंतजार में पहले ही खड़ी थी।