Lucknow News: अकबरी गेट निवासी एक ही परिवार के करीब 22 लोग शुक्रवार शाम डायरिया का शिकार हो गए। उन्होंने एक ही दुकान से लाए गए लड्डू खाए थे। अकबरी गेट निवासी मोहम्मद अल्ताफ ने बताया कि राजाजीपुरम निवासी उनकी बहन के घर बेटा होने की खुशी में लड्डू रिश्तदारों और जानने वालों में बंटवाये थे।


लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ के चौक इलाके में लड्डू खाने से करीब 22 लोग बीमार हो गये, जिसमें बच्चों से लेकर बड़े तक शामिल थे। जिसके बाद आननफानन में परिजनों द्वारा उनको बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में ले जाया गया। जहां डॉक्टर द्वारा उनका ट्रीटमेंट किया गया। फिलहाल सभी की तबियत ठीक है और अधिकतर को डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं, परिजनों ने मामले को लेकर तहरीर दे दी है।खुशी में बंटवाये थे लड्डू


अकबरी गेट निवासी एक ही परिवार के करीब 22 लोग शुक्रवार शाम डायरिया का शिकार हो गए। उन्होंने एक ही दुकान से लाए गए लड्डू खाए थे। अकबरी गेट निवासी मोहम्मद अल्ताफ ने बताया कि राजाजीपुरम निवासी उनकी बहन के घर बेटा होने की खुशी में लड्डू रिश्तदारों और जानने वालों में बंटवाये थे। ये लड्डू उन्होंने नक्खास स्थित हाजी जी की दुकान से खरीदकर भेजे गए थे। शाम को जब बच्चों और बड़ों ने लड्डू खाया तो देर शाम अचानक दो बच्चों की तबियत बिगड़ गई। उनको उल्टी और दस्त लग गये। जिसके बाद उनको तुरंत बलरामपुर अस्पताल लेकर गये। थोड़ी देर बाद अचानक से अन्य लोगों को भी समस्या होने लगी, जिसके कारण देर रात करीब डेढ़ बजे तक लोगों को भर्ती कराया गया।सबसे छोटा पीड़ित दो साल का

अल्ताफ के मुताबिक, लड््डू खाने के बाद बड़ों को तो ज्यादा कुछ नहीं हुआ, पर बच्चों की तबियत ज्यादा खराब होने लगी, जिसमें दो साल का एक मासूम भी है। जानने वालों में करीब 17-18 बच्चों की तबियत खराब हुई थी। जबकि, 5 बड़ों की भी तबियत बिगड़ गई थी। हालांकि, देर रात ही कई मरीजों को उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया था। वहीं, कई बच्चों को सुबह तबियत खराब होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया।पहले करने लगा इंकारतीमारदार अलताफ ने बताया कि जब मामले को लेकर हाजी जी दुकान के मालिक से बात की गई तो पहले तो उन्होंने अपने यहां की मिठाई होने की बात से ही इंकार कर दिया। पर जब बताया कि आनलाइन पेमेंट किया था और उसका सबूत है तो उनके सुर बदल गये। बोलने लगे कि आपको चाहिए क्या? जिसके बाद मामले को लेकर थाने में तहरीर दे दी गई। हम चाहते हैं कि मामले की जांच हो और दोषियों पर कार्यवाही हो।फिलहाल दो बच्चे हैं भर्ती

अस्पताल के निदेशक डॉ। पवन कुमार अरुण ने बताया कि खोये के लड्डू खाने और गर्मी के चलते बच्चों को गैस्ट्रो इंटेस्टाइन की शिकायत हो गई थी। जिसके चलते सभी को उल्टी व दस्त शुरू हो गए। पानी की कमी होने के चलते सभी कमजोरी महसूस कर रहे थे। सभी पीड़ितों को तत्काल देखा गया और ट्रीटमेंट शुरू किया गया। जिससे सभी लोग ठीक होकर घर चले गए। केवल दो बच्चों का इस समय इलाज चल रहा है, जिनको रविवार सुबह तक डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। इनमें दो वर्षीय हसनैन और 12 वर्षीय बिलाल को अभी दस्त की शिकायत है इसलिए उन्हें डिस्चार्ज नहीं किया गया।

Posted By: Inextlive