एक स्थान पर तो ऐसी बिल्डिंग के ऊपर भारी भरकम होर्डिंग लगी हुई है जिसकी कंडीशन बेहद खराब है। तेज आंधी आने पर किसी दिन भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।


लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिल चुका है, लेकिन आलम यह है कि प्रचार के नाम पर राजधानी में जगह-जगह लगाई जाने वाली ज्यादातर होर्डिंग्स और यूनीपोल में नियमों की जमकर अनदेखी की जाती है। जिसकी वजह से हर पल हादसा होने का खतरा बना रहता है। हजरतगंज जैसे पॉश एरिया की बात की जाए तो चौराहे से चंद कदम पहले ही दायें और बायें तरफ बिल्डिंग्स के ऊपर भारी भरकम होर्डिंग्स देखी जा सकती हैैं। इसके साथ ही कई ऐसे भी भारी भरकम लोहे के जाल लगे हुए हैैं, जिन पर किसी का प्रचार नहीं हो रहा है। एक स्थान पर तो ऐसी बिल्डिंग के ऊपर भारी भरकम होर्डिंग लगी हुई है, जिसकी कंडीशन बेहद खराब है। तेज आंधी आने पर किसी दिन भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।यहां भी हर तरफ लोहे के जाल


निशातगंज पुल, शहीद पथ, महानगर, लोहिया पुल के आसपास भी भारी भरकम होर्डिंग्स लगी हुई हैैं। हम यह नहीं कह रहे कि सभी अवैध हैैं, लेकिन उनके आकार को देखकर इतना जरूर कहा जा सकता है कि सभी की स्ट्रक्चरल सुरक्षा की जांच किया जाना बेहद जरूरी है, ताकि इकाना स्टेडियम परिसर जैसी घटना की पुनरावृत्ति होने से रोका जा सके।घरों के ऊपर भी लगी हैैं होर्डिंग्स

एक तरफ तो रोड साइड भारी भरकम होर्डिंग्स या यूनीपोल नजर आती ही हैैं साथ में घरों के ऊपर भी भारी भरकम होर्डिंग्स आसानी से देखी जा सकती हैैं। इनकी वजह से आसपास के मकानों पर हमेशा खतरा मंडराता रहता है। पिछले दिनों जब आंधी आई थी, तो उस दौरान लालकुआं एरिया में एक मकान की छत पर लगी भारी भरकम होर्डिंग पड़ोस के मकान पर जा गिरी थी। जिसकी वजह से मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके पहले भी हुसैनगंज एरिया में रोड पर भारी भरकम होर्डिंग गिर चुकी है।कोई मॉनीटरिंग नहींप्राइवेट परिसर में लगी होर्डिंग्स को लेकर मॉनीटरिंग का कोई खास सिस्टम नहीं है। नगर निगम की ओर से कागजी कार्रवाई पूरी करा ली जाती है, लेकिन कई बार प्रचार एजेंसियों की ओर से नियमों की अनदेखी करके भारी भरकम होर्डिंग्स लगा दी जाती हैैं, जो हादसे की वजह बन जाती हैैं। सबसे ज्यादा खेल प्राइवेट परिसरों में लगने वाली होर्डिंग्स में किया जाता है।ये होता है खेल

1-स्ट्रक्चर रिपोर्ट में करते हैं खेल-ज्यादातर होर्डिंग्स लगाने वालों की ओर से स्ट्रक्चर रिपोर्ट में खेल किया जाता है। नियम होने के बावजूद होर्डिंग लगाने वालों की ओर से स्ट्रक्चर रिपोर्ट नगर निगम में नहीं दी जाती है। जबकि नियम है कि हर साल स्ट्रक्चर रिपोर्ट जमा की जानी चाहिए।2-हलफनामा-यह भी नियम है कि होर्डिंग से होने वाले नुकसान का हलफनामा निगम के प्रचार विभाग में जमा करना होता है, लेकिन 30 फीसदी होर्डिंग लगाने वाले इस नियम में खेल कर जाते हैैं।3-40 फुट तक होर्डिंग-यह भी नियम है कि रिहायशी इलाकों में 40 फुट तक ही होर्डिंग लगाए जाने का नियम है, इसके बावजूद ज्यादातर होर्डिंग्स इस नियम की अनदेखी करके लगाई जाती हैैं।4-स्ट्रक्चर रिपोर्ट-जहां भी होर्डिंग्स लगाई जाती है, उसके स्ट्रक्चर को सर्टिफाइड इंजीनियर से सर्टिफाइड कराना होता है, लेकिन कई छोटी प्रचार एजेंसियां ऐसा नहीं करती हैैं।पिछले दिनों जब आंधी आई थी, तो उसके बाद ही जर्जर होर्डिंग्स को चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया था। अभी तक करीब 525 होर्डिंग्स को नोटिस जारी किया गया है। जिसके माध्यम से मजबूती प्रमाण पत्र प्रेषित करने को कहा गया है।-अशोक सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी/प्रचार, नगर निगम

Posted By: Inextlive