एसी डबल डेकर में लगेंगे बायो टॉयलेट
- तीन चरणों मे पूरा होगा काम, रेलवे ने कम स्थान पर भी कर दी बायो टॉयलेट टैंक की फीटिंग
LUCKNOW : ट्रेनों से पटरियों पर गिरने वाली शौचालय की गंदगी अब एसी डबल डेकर से नहीं गिरेगी। रेलवे ने इस महत्वपूर्ण ट्रेन की सभी बोगियों में बायो टॉयलेट टैंक लगाने का काम शुरू कर दिया है। चरणबद्ध तरीके से ट्रेन के रैक की सभी बोगियों में बायो टॉयलेट टैंक लगाए जाएंगे। आनंद विहार तक जाती है ट्रेनलिंक हॉफ मैन (एलएचबी ) तकनीक वाली एसी डबल डेकर ट्रेन लखनऊ जंक्शन से आनंद विहार जाती है। हालांकि इसको दिल्ली से जयपुर डबल डेकर के रैक से लिंक करने के आदेश होने के बावजूद इसका विस्तार नहीं हो सका। लो फ्लोर में यात्रियों के लिए चेयर कार की सुविधा होने के कारण इसके निचले हिस्से में बायो टॉयलेट टैंक नहीं लगाया जा सका था, जिस कारण इस ट्रेन के शौचालय की गंदगी पटरी पर गिर रही थी। रेलवे ने एसी डबल डेकर ट्रेन में भी बायो टॉयलेट टैंक लगाने के लिए कई बार प्रयास किया, लेकिन बोगी के निचले हिस्से में स्प्रिंग ट्रॉली के पास कम स्थान होने के कारण बायो टॉयलेट टैंक नहीं लग पा रहा था।
कई संशोधन किए गएलखनऊ कोचिंग डिपो में खड़े एसी डबल डेकर के रैक की पांच बोगियों को गोरखपुर के कार्य यांत्रिक कारखाने भेजे गया। कारखाने में डबल डेकर एलएचबी रैक की कुल 14 बोगियों में बायो टॉयलेट की फिटिंग के लिए कई संशोधन किए गए। डबल डेकर की बोगियों में बायो टॉयलेट का भार वहन करने के लिए सेकेंड्री सस्पेंशन में लगे 120 केएन क्षमता के एयर स्प्रिंग के स्थान पर 160 केएन क्षमता के एयर स्प्रिंग लगाए गए हैं। बायो टॉयलेट टैंक की जगह बनाने के लिए उसकी जगह लगे अन्य उपकरणों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के जनसंपर्क अधिकारी महेश गुप्ता ने बताया कि लखनऊ से डबल डेकर के रैक की बोगियों को चरणबद्ध तरीके से भेजा जा रहा है। डबल डेकर बोगियों में बायो टॉयलेट टैंक लगाने का काम गोरखपुर कारखाने में पहली बार किया जा रहा है।