रोजे के दौरान रोजेदारों के मन में तमाम तरह के सवाल होते है। जिसको लेकर वो हेल्पलाइन पर लगातार फोन कर सवालों का जवाब एक्सपर्ट द्वारा हासिल कर रहे हैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। रमजानुल मुबारक वह मुकद्दस महीना है, जिसमें खुदा पाक ने तमाम इंसानों की भलाई के लिए अपनी सबसे पवित्र किताब कुरान मजीद नाजिल फरमाया। हर रोजेदार को चाहिए कि इस मुबारक महीने में कुरान मजीद की तिलावत का एहतिमाम करें। रोजे के दौरान रोजेदारों के मन में तमाम तरह के सवाल होते है। जिसको लेकर वो हेल्पलाइन पर लगातार फोन कर सवालों का जवाब एक्सपर्ट द्वारा हासिल कर रहे हैं।सुन्नी सवाल-जवाबसवाल : रोजे की हालत में बुखार जांचने के लिए मुंह में थर्मामीटर लगाया जा सकता है।जवाब : मुंह में थर्मामीटर लगाया जा सकता है इसलिए कि इसके जरिए कोई चीज हलक में नही जाती है।सवाल : अगर किसी मस्जिद में जमाअत हो चुकी हो तो क्या वहां दूसरी जमाअत नहीं की जा सकती है।जवाब : उस मस्जिद में दूसरी जमाअत हो सकती है।


सवाल : क्या जकात की रकम सिर्फ हकदार मुसलमान को दी जा सकती है।जवाब : जकात की रकम सिर्फ हकदार मुसलमान को ही दी जाएगी, वर्ना जकात अदा नही होगी।सवाल : एक शख्स को डाक्टर ने रोजा रखने से मना किया है, अगर वह रोजा रखेगा तो उसकी जान को खतरा है, तो वह क्या करे।

जवाब : इस सूरत में रोजे का फिदया पौने दो किलो गेहूं या उसकी कीमत किसी गरीब को हर रोजे के बदले दे दें।सवाल : अगर किसी शख्स ने इशा की फर्ज नमाज नहीं पढ़ी तो किया वह तरावीह की जमाअत में शामिल हो सकता है।जवाब : ऐसे शख्स के लिए जरूरी है कि वह पहले इशा की फर्ज पढ़े बाद में तरावीह अदा करे इसलिए कि तरावीह इशा के फर्ज के बाद पढ़ी जाती है।शिया सवाल-जवाबसवाल : अगर कोई रोजादार व्यक्ति रोजा रख कर किसी जानवर को जबह करे तो क्या उसका रोजा बातिल हो जाएगा।जवाब : अगर रोजा की हालत मे किसी जानवर को जबह करे तो उसका रोजा सही होगा।सवाल : अगर कोई व्यक्ति रोजा की नियत जवाल के बाद करे तो रोजा सही होगा।जवाब : अगर कोई रोजेदार जोहर के बाद नियत करता है तो एहतियाते वाजिब की बिना पर रोजा की बाद में कजा भी करेगा।सवाल : क्या काई रोजादार ऐसा इंजेक्शन लगवा सकता जो उसकी खाने की कमी को पूरा कर दें।जवाब : अगर काई रोजादार ऐसा इंजेक्शन लगवाता जो उसकी खाने की कमी को पूरा कर दे तो उसका रोजा टूट जाएगा। लेकिन बिमारी की कारण इंजेक्शन लगवा सकता है।

सवाल : अगर कोई व्यक्ति बिमारी के कारण बैठ कर नमाज पढ़ रहा है तो उसको रूकू में कितना झूकना चाहिए।जवाब : इस तरह उसको झुकना चाहिए कि उसका चेहरा जानू के बराबर आ जाए। सवाल : क्या खुम्स साल के बचे हुए नकद माल पर वाजिब होगा। जवाब : खुम्स साल के खत्म होने पर माल और जो चीज बची होगी जैसे आटा, दाल, नया कपड़ा, जूता, सेंट वगैरा उन की कीमत पर खुम्स देना होगा।माह-ए-रमजान अल्लाह की मेहरबानियों को पाने का पाक माह माना गया है। इस दौरान रोजा रखना और उसका पालन करने से ही रोजेदार की इबादत कुबूल होती है। अल्लाह से मुल्क की तरक्की और अमन व शांति की दुआ करती हूं।-हुदा उबैदी, नक्खास

Posted By: Inextlive