- कार्यालय जाने से पहले सीने में उठा तेज दर्द, देर रात हुई छुट्टी

- उपाध्यक्ष व सचिव को पत्र लिखकर लगाई थी न्याय की गुहार

रुष्टयहृह्रङ्ख: लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) में कभी भूखंडों का घोटाला तो कभी मानचित्र का खेल चलने के बीच कंप्यूटर गायब होने का जिन्न निकल आया है। इस जिन्न में योजना सहायक अपार्टमेंट अनुभाग के बाबू मोहम्मद हासिम पर आरोप लगा कि उन्होंने स्टोर से कंप्यूटर प्राप्त किया था, लेकिन वह विभाग में नहीं है। बाबू का वेतन तीन माह से रुका है।

दूसरा बाबू ले गया है कंप्यूटर

बाबू का आरोप है कि कंप्यूटर दूसरे बाबू प्रांशू शुक्ला उठा ले गए। यह बात वरिष्ठ अफसर मानने को तैयार नहीं हैं, जबकि चपरासी स्वयं बताने को तैयार है कि उसने प्रांशू के कहने पर कंप्यूटर उसकी निजी लाल रंग की गाड़ी में रखा था। यही नहीं प्रांशू कई महीने से गायब है। उधर, पीडि़त बाबू के बच्चों ने लविप्रा उपाध्यक्ष से मिलकर न्याय की गुहार लगाई। वहीं, बाबू को सीने में तेज दर्द होने के कारण आलमबाग स्थित अजंता अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। पीडि़त ने अनुभाग के ही अधिकारी व वरिष्ठ सहयोगियों पर रुपये मांगने और उत्पीड़न का आरोप लगाया है। मोहम्मद हासिम के मुताबिक उन्हें घर चलाने में आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने अपने प्रोविडेंट फंड से रुपये निकालने की इजाजत मांगी तो संबंधित अधिकारियों ने रुपये देने से मना कर दिया। वहीं, तीन माह से वेतन न मिलने से बच्चों की फीस व घर का खर्च चलाने के लिए रिश्तेदारों से उधार लेना पड़ रहा है। हासिम ने बताया कि जब कंप्यूटर गायब नहीं किया तो क्यों भ्रष्टाचार में लिप्त होने के लिए उन पर दबाव बनाया जा रहा है। पूरे मामले की जांच करने के निर्देश सचिव लविप्रा पवन कुमार गंगवार ने दिए हैं।

वर्जन

मोहम्मद हासिम का इस्तीफा मिला है, लेकिन उनका पक्ष भी जानना जरूरी है। आदेश दिए गए हैं कि कार्यालय आते ही संपर्क करें। उनकी पूरी बात सुनी जाएगी इसके बाद जो न्यायसंगत होगा, वही किया जाएगा।

पवन कुमार गंगवार, सचिव, लविप्रा

Posted By: Inextlive