- निजी फर्म को सांठगाठ से दिया गया था गोमती रिवर फ्रंट का काम

- सीबीआई ने तत्कालीन अधीक्षण अभियंता समेत छह के विरुद्ध दाखिल किया आरोपपत्र

रुष्टयहृह्रङ्ख: सपा शासनकाल में हुए करोड़ों रुपये के गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की सीबीआई जांच में ¨सचाई विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता रूप सिंह यादव समेत अन्य आरोपितों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। सीबीआई जांच में सामने आया है कि अधिकारियों ने एक अयोग्य फर्म को काम सौंप दिया था। सीबीआई ने बुधवार को लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष कोर्ट में रूप सिंह यादव समेत छह आरोपितों के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया है.सीबीआई जांच में सामने आया है कि रिवरफ्रंट निर्माण के दौरान नियमों की अनदेखी कर निजी फर्म को ट्रंक ड्रेन को इंटरसेप्ट करने का काम सौंपा गया था।

'खेल' में यह थे शामिल

इस खेल में तत्कालीन अधीक्षण अभियंता रूप सिंह यादव के अलावा ¨सचाई विभाग के तत्कालीन लिपिक राजकुमार यादव, केके स्पन पाइप प्राइवेट लिमिटेड, उसके निदेशक हिमांशु गुप्ता, निदेशक कविश गुप्ता व मेसर्स ब्रांड ईगल्स लांगजियान जेवी कंपनी के सीनियर एडवाइजर बद्री श्रेष्ठ की आपसी मिलीभगत सामने आई है। सीबीआई की ओर से दाखिल किए गए आरोपपत्र में कहा गया है कि छह आरोपितों ने ट्रंक ड्रेन इंटरसेप्ट का कार्य हासिल करने के लिए षड्यंत्र रचा था।

टेंडर की दो बार बढ़ाई डेट

आरोपित रूप सिंह ने अयोग्य फर्म केके स्पन प्राइवेट लिमिटेड को यह काम देने के लिए निविदा की तारीख को दो बार बढ़ाया। निविदा में तीन प्रतिभागियों का कोरम पूरा करने के लिए भी गहरा षड्यंत्र किया गया। इसके लिए एक निजी फर्म के जाली दस्तावेज लगाए गए। आरोपित अधिकारियों ने इसके लिए किए गए एग्रीमेंट का अनुमोदन किया और संबंधित फर्म को बजट के बिना यह काम सौंप दिया था। वहीं एल-2 फर्म की बैंक गारंटी को एल-1 कंपनी के बैंक खाते से तैयार कराकर जमा कराया गया था। सीबीआइ ने इन तथ्यों के सामने आने के बाद अपनी कार्रवाई के कदम बढ़ाए।

कब क्या हुआ

- 2017 में गोमती रिवर चैनेलाइजेशन प्रोजेक्ट व गोमती रिवर फ्रंट डेवलपमेंट परियोजना में अनियमितता के मामले में लखनऊ के गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी ।

- एफआईआर में ¨सचाई विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता रूप सिंह यादव, शिवमंगल यादव, अखिल रमन, कमलेश्वर सिंह, मुख्य अभियंता गोलेश चंद्र, एसएन शर्मा, काजिम अली और अधिशासी अभियंता सुरेश यादव को आरोपित बनाया गया था।

- 30 नवंबर 2017 को इस मामले की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की थी। सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने गोमतीनगर थाने में दर्ज एफआईआर को आधार बनाकर गोमती रिवरफ्रंट घोटाले का केस दर्ज किया था।

- 19 नवंबर 2020 को सीबीआई ने आरोपित रूप सिंह यादव व राजकुमार यादव को गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी इस मामले में केस दर्ज कर जांच कर रहा है और रूप सिंह यादव समेत अन्य आरोपितों की संपत्तियां जब्त करने की कार्रवाई कर चुका है।

Posted By: Inextlive