सब अड़े हुए थे. आगे-आगे राजा भैया तो पीछे चीफ सेक्रेटरी अनूप मिश्रा. ना वो हार मानने को तैयार थे ना एक-दूसरे को छोडऩे के मूड में थे. काफी देर तक जोर आजमइश चलती रही. चौंकिए नहीं यहां किसी सियासी दांव की नहीं बल्कि school days की बात हो रही है. मौका था Colvin Taluqdars के annual function का जहां जमा हुए थे पुराने स्टूडेंट्स. एक तरफ old students थे और दूसरी तरफ young Colvinians. दोनों में खूब हुई रस्साकशी.


कोई पांच साल बाद अपने कॉलेज कैम्पस में आया था तो किसी ने 10 साल बाद इस कैम्पस में कदम रखा। कॉल्विन तालुकेदार्स के एनुअल फंक्शन दरबार डे पर जहां दूर दूर से काल्वेनियंस जमा हुए थे वहीं सन 1959 में इसी कॉलेज कैम्पस से कुछ ख्वाब और हौंसले लेकर नई दुनिया में कदम रखने वाले जावेद अख्तर भी इस जश्न में शामिल होने के लिए मौजूद थे। चीफ सेक्रेट्री अनूप मिश्रा की मौजूदगी भी इस फंक्शन को स्पेशल बना रही थी।
अरे ये तो वहीं है
चलो उस क्लास को देखें जहां हम पढ़ा करते थे, तब तक दूसरी आवाज आती है अरे पढऩे की कोशिश किया करते थे और पूरा ग्रुप हंसते हुए क्लास की ओर बढ़ जाता है। कुछ लोग इमली के पेड़ की तलाश करते हुए कहते हैं अरे यहीं तो था, इसी पेड़ के नीचे मुझे मुर्गा बनाया गया था.
कोई सिविल सर्विसेज में पहुंचा तो कोई पॉलिटिक्स में, कोई बॉलीवुड में नाम रोशन कर रहा है तो कोई सात समंदर पार, लेकिन अपने कॉलेज में कदम रखते ही हर किसी को वो दिन याद आए जब वो यहां पढ़ाई किया करते थे। सभी मिल गये, लेकिन आसिफ नहीं मिला, पता नहीं क्यों नहीं आया? कुछ दोस्तों की तलाश आज भी पूरी नहीं हो पाई थी।
सब कुछ भूल कर
अपने कॉलेज टाइम में स्पोर्टस में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने वाले एक अरसा गुजरने के बाद भी हाथ आजमाने से नहीं चूके। रस्साकशी में जब ओल्ड स्टूडेंट्स की आजमाइश की बारी आई तो चीफ सेक्रेट्री अनूप मिश्रा ने दम लगाया और एमएलए रघुराज प्रताप सिंह ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी.
लखनवी अंदाज में जश्न में शामिल होने पहुंचे नवाब जाफर मीर अब्दुल्ला और नवाब मसूद भी पीछे नहीं रहे। वहीं दो दोस्त एक दूसरे का हाथ पकड़ कर जब दो पैर से मैदान में नजर आए तो चेहरों पर चमक के साथ होठों पर हंसी खेल रही थी। ओल्ड स्टूडेंट्स के गेम्स के साथ यहां पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स ने कई एक्टिविटीज से इस पल को यादगार बनाया।
No shortcut in life
लाइफ में सक्सेस पाने का कोई शार्ट कट नहीं होता, सिर्फ कड़ी मेहनत ही मकसद में कामयाबी का जरिया बनती है बॉलीवुड के डायलॉग राइटर, गीतकार जावेद अख्तर ने जब अपने ही कॉलेज में पढ़ रही आज की जेनरेशन से कही तो ग्राऊंड में तालियों का शोर गूंज गया.
फ्लाइट के कारण कुछ देर से कार्यक्रम में शामिल हुए जावेद अख्तर को देखते ही बच्चे उनके ऑटोग्राफ के लिए बढ़े, लेकिन वो मानो सिर्फ आज अपने कॉलेज की यादों में खुद को डुबो देना चाहते हों। जावेद अख्तर ने बैण्ड और कॉलेज हाउस की परेड की सलामी ली और फिर वो हर बार की तरह अपने क्लास में जाना नहीं भूले।

Posted By: Inextlive