- ईद आज, धर्म गुरुओं ने की सादगी से ईद मनाने की अपील

LUCKNOW: आज यानि शुक्रवार के दिन जुमे को पूरे देश में ईद उल फित्र का त्यौहार मनाया जायेगा। यह खुशी का दिन खुदा पाक की ओर से रोजेदारों को इनाम के तौर पर दिया गया है। जिन्होंने पूरे रमजान में रोजे रखे और खुदा की इबादत में पूरा माह गुजारा। इस साल जिन हालात से देश गुजर रहा है उसको देखते हुए तमाम मुस्लिम संस्थानों और उलमाक्राम ने मुसलमानों से अपील की है कि ईद सादगी से मनायें और कहीं पर भी भीड़ जमा न करें और घरों में रह कर ही अपने घर वालों के साथ ईद का त्योहार मनायें। ये बातें इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया फरंगी महल के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली इमाम ईदगाह लखनऊ ने बताई।

कोरोना खात्मे की दुआ करें

इस अवसर पर तमाम मुसलमानों से अपील है कि नमाज के बाद दुआओं में इस महामारी के खात्मे के लिए जरूर दुआयें करें और इस के साथ साथ बैतुल मुकद्दस की सुरक्षा और फिलिस्तीनियों पर हो रहे जुल्म के खात्मे के लिए विशेष दुआओं का एहतिमाम करें। इस मुबारक अवसर पर भी गरीब, यतीम, बेवाओं और बेरोजगारों की विशेष सहायता करने का एहतिमाम करें और नमाज से पहले सदका फित्र जो कि इस साल गेहूं के ऐतिबार से 50 रुपए प्रति व्यक्ति है, देने का एहतिमाम करें।

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एडवाइजरी पर एक नजर

1. नये कपड़े न सिलवाए जायें बल्कि जो सबसे बेहतर लिबास हो उसी को पहन कर नमाज अदा करें।

2. ईद के दिन गुस्ल करना, अच्छे कपड़े पहनना, खुशबू तेल और सुरमा लगाना और खुजूर खाना सुन्नत है, इसलिए इन चीजों का एहतिमाम किया जाए।

3. जो 5 हजरात मस्जिद में रहते हैं वह मस्जिद ही में ईद की नमाज अदा करें।

4. जिस घर में 4 हजरात या इससे अधिक लोग हों वह ईद की जमाअत अपने घर पर पढ़ें।

5. अगर किसी घर में 4 हजरात से कम हों तो वह लोग 4 रकआत नफल नमाज-ए-चाश्त अकेले अकेले पढे़ं।

6. ईद की नमाज वाजिब है इसको 6 जायद तकबीरों के साथ अदा करें।

7. ईद की नमाज के बाद खुतबा पढ़ना सुन्नत है। अगर किसी को खुतबा याद न हो और खुतबे की कोई किताब भी न हो तो वह पहले खुतबे में सूरह फातिहा और सूरह अखलास पढ़े और दूसरे खुतबे में दुरूद शरीफ के साथ कोई दुआ अरबी में पढ़ें।

8. अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को ईद की मुबारकबाद मोबाइल फोन और सोशल मीडिया से दें।

9. नमाज के बाद कोरोना के जल्द खात्मे, पूरी दुनिया में अमन व अमान के कयाम, अपनी और देश व कौम की तरक्की व खुशहाली इच्जत व सरबुलंदी और भुखमरी के खात्मे के लिए दुआयें करें।

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सुन्नी सवाल-जवाब

सवाल- रजिस्ट्री या मनी आर्डर के जरिए भेजी गयी जकात की रकम अगर हकदार को नहीं पहुंची तो क्या भेजने वाली की तरफ से जकात अदा हो जायेगी।

जवाब- ऐसी सूरत में जकात अदा नहीं होगी।

सवाल- एक घर में कई लोग रहते हैं और एक शख्स का तमाम चीजों पर अधिकार है अगर वह सब की तरफ से सदका फित्र अदा करे तो क्या सिर्फ उसी को सवाब मिलेगा।

जवाब- जी नहीं, सबको बराबर सवाब मिलेगा।

सवाल- क्या प्रयोग होने वाले जेवर पर भी जकात है।

जवाब- जी हां, उस पर भी जकात है।

सवाल- क्या ऐतिकाफ करने वाला मुर्दे को नहलाने के लिए मस्जिद से बाहर जा सकता है।

जवाब- जी नहीं, ऐतिकाफ टूट जायेगा।

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शिया सवाल-जवाब

सवाल- अगर कोई पुत्र अपने पिता का फितरा दे दे तो क्या पिता को फितरा देना होगा।

जवाब- अगर पुत्र ने अपने पिता की ओर से फितरा दे दे तो उसका फितरा देना मान्य होगा पिता को फितरा देने की आवश्यकता नहीं है।

सवाल- क्या ईद की नमाज में दोनो खुतबों का सुनना अनिवार्य है।

जवाब- ईद की नमाज का खुतबा सुनना अनिवार्य नहीं है लेकिन अगर सुना जाए तो बेहतर है।

सवाल- क्या ईद की नमाज अकेले घर पर पढ़ी जा सकती है।

जवाब- ईद की नमाज अकेले घर पर पढ़ी जा सकती है।

सवाल- क्या ईद की नमाज मे जो सुरा याद हो उसे दोनों रकात मे पढ़ा जा सकता है।

जवाब- ईद की नमाज मे खास सुराह याद ना हो तो कोई दूसरा पढ़ा जा सकता है।

कोट

माहे रमजान मुकम्मल हुआ है। आज पूरे देश में ईद मनाई जायेगी। अल्लाह पाक से यही दुआ है कि हर किसी की जिंदगी में अमन व चैन बख्शे। कोरोना नामक यह वबा जल्द से जल्द हमेशा के लिए खत्म हो जाये, ताकि हम सभी अच्छे से ईद अपनों के संग मना सकें।

- सुमबुल हुसैन

Posted By: Inextlive